लॉकडाउन ने अच्छे-अच्छों को किचन किंग और किचन क्वीन बना दिया है। हालांकि मुझे ये मौका ज्यादा नहीं मिल पाता। इसका श्रेय जाता है मेरी व्यस्त जीवनशैली को। पर कभी-कभी आप कुछ चैलेंजिंग या इंटरेस्टिंग करने के मूड में आ जाते हैं। ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। और मैंने इस चैलेंजिंग अनुभव से क्या सबक लिए, आपको जानना जरूरी है।
कोविड-19 महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में रेस्तरां बंद थे और स्विगी आदि की होम डिलीवरी पर भी भरोसा करने को अभी मन नहीं करता। भारतीय खानपान की खास पहचान स्ट्रीट फूड के लिए तरसने वाले लोगों ने तब यू ट्यूब और सोशल मीडिया का सहारा लिया। तब क्या जलेबी और क्या गोलगप्पे, लोगों ने सब घर पर ही बना डाला।
हालांकि मुझे इस तरह के एक्सपेरीमेंट करने का मौका नहीं मिल पाया। इसके लिए मेरी हेल्दी फूड की च्वॉइस भी जिम्मेदार है। मैं हेल्दी के साथ-साथ ट्रेडिशनल फूड खाना ज्यादा पसंद करती हूं। इसका श्रेय अब न्यू सेलिब्रिटी डायटीशियन्स को दे सकते हैं। जिन्हें सुनकर मैंने जाना कि लोकल फूड ही आपके स्वास्थ्य के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है।
भले ही मास्टर शेफ पर भरोसा न करें, पर हमारे दोस्त या सिबलिंग जो करते हैं, हम उन्हें ट्राय करने से नहीं घबराते। ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। लॉकडाउन के बाद मेरे एक दोस्त अपने ननिहाल गए और वहां उन्होंने मध्य प्रदेश का पारंपरिक व्यंजन ‘बेसन की सब्जी’ खाई। महाराष्ट्र में इसे ‘पितला’ कहा जाता है। मॉनसून में जब सब्जियां महंगी और दुर्लभ हो जाती हैं, तब लोग इस तरह के व्यंजन ट्राय करते हैं।
और जैसा कि आजकल ट्रैंड बन गया है, लोग जहां भी जाते हैं, जो भी खाते हैं, उसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग में दोस्तों से जुड़ने का भला इससे बेहतर माध्यम और क्या हो सकता है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर जो फोटो शेयर कीं, वह किसी के भी मुंह में पानी लाने के लिए काफी थीं। तो शाम को काम खत्म करने के बाद जब डिनर तैयार करने की बारी आई तो मैंने देखा कि फ्रिज में सिर्फ घिया यानी लौकी पड़ी है। अब सोशल मीडिया पर इतने लजीज व्यंजन देखने के बाद कौन लौकी खाना चाहेगा। तो मैंने तय किया कि मैं भी आज पितला ट्राय करती हूं।
जैसी रेसिपी मेरे मित्र ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी मैंने उसी के अनुसार पितला बनाना शुरू किया। पर आप जानती हैं, वह इतना गाढ़ा था कि मैं उस में लगातार पानी मिलाती जा रही थी। अंजाम यह हुआ कि जहां मुझे सिर्फ एक बाउल पितला तैयार करना था, वहां एक कड़ाही भर कर पितला यानी बेसन की सब्जी तैयार हो गई।
हालांकि मैं खुश थी सब्जी की बढ़ती मात्रा देखकर, पर मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ हुई है।
पितला बनने के बाद जब मैंने उसे टेस्ट किया तो मुझे खुद पर गर्व हुआ कि, वाह मैं सिर्फ देखकर कितनी टेस्टी सब्जी बना सकती हूं। वह इतनी टेस्टी थी कि मैंने एक कटोरी सब्जी ऐसे ही खा ली और उसके बाद दो कटोरी चपाती के साथ। ये एक स्वादिष्ट और ट्रेडिशनल डिनर था।
खाना खाने के लगभग एक घंटे बाद तक मुझे कुछ अहसास नहीं हुआ। पर आधी रात होते पेट में ब्लॉटिंग शुरू हो गई। और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह हुआ क्या है। सुबह मेरा सिर भारी और ब्रेन फॉग जैसा फील हुआ। फ्रेश होने के बाद भी पेट फूल कर गुब्बारा हो रहा था।
इसके लिए मैंने अपनी डायटीशियन दोस्त मिताली गुप्ता से बात की। उन्होंने जो बताया वह मेरे लिए ही नहीं उन सभी के लिए जरूरी है, जो सोशल मीडिया पर रेसिपी देखकर किचन क्वीन बनने लगती हैं। उन्होंने बताया, बेसन सबसे उपयोगी फूड्स में से एक है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। पर इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे इस मौसम में रात में खाने से बचना चाहिए।
शारीरिक संरचना और फूड हेबिट्स सभी की अलग-अलग होती हैं। जिन इलाकों में यह खाया जाता है, वहां के लोग इसे किसी भी मौसम में, किसी भी समय हजम कर सकते हैं।
पर जो लोग कभी-कभी बेसन को अपने आहार में शामिल करते हैं और जो इसके प्रति संवेदनशील हैं, उन्हें इसके सेवन से दस्त, पेट में ऐंठन, गैस, अपच आदि की समस्या हो सकती है। पेट में होने वाली गैस सिर्फ हाजमा ही खराब नहीं करती, बल्कि इससे शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द भी हो सकता है।
कुछ महिलाओं को इससे सिर दर्द, चक्कर आना और मितली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
1 रेसिपी के साथ-साथ सामग्री और उसे खाने का सही समय पता होना जरूरी है।
2 जब आप किसी भी नई चीज को ट्राय करें, तो हमेशा थोड़ी मात्रा में लें।
3 दोस्त अच्छे होते हैं, पर दोस्तों की बताई रेसिपी आपके पाचन तंत्र को सूट करे, यह जरूरी नहीं।