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गाय का घी बूस्ट कर सकता है गट हेल्थ, पाचन में गड़बड़ी है तो ये 8 आयुर्वेदिक आहार जरूर करें ट्राई

जब आप अस्वस्थ खाना खाती हैं, तो उन्हे पचाने के लिए आपके पाचन क्रिया (digestive system) पर अधिक भार पड़ता है, और खाद्य पदार्थों को तोड़ने में अधिक एनर्जी लगती है। ऐसे में एक स्वस्थ एवं संतुलित पाचन क्रिया प्राप्त करने में आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है।
Updated On: 7 Oct 2024, 06:25 pm IST
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swasth pachan kriya ke liye tips
इसमें पाई जाने वाले थाइमोल की मात्रा पाचन एंजाइम और पित्त अम्ल की गतिविधि को उत्तेजित करने में मदद करती है।चित्र: शटरस्टॉक

पाचन क्रिया का प्रभाव समग्र सेहत पर पड़ता है। यदि पाचन क्रिया स्वस्थ है, तो इसका सकारात्मक असर होगा और यदि अस्वस्थ है, तो यह नकारात्मक रूप से आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इसलिए पाचन स्वास्थ्य (digestive health) को बनाए रखना बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ पाचन स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है, खानपान का ध्यान रखना। क्योंकि जब आप अस्वस्थ खाना खाती हैं, तो उन्हे पचाने के लिए आपके पाचन क्रिया (digestive system) पर अधिक भार पड़ता है, और खाद्य पदार्थों को तोड़ने में अधिक एनर्जी लगती है। ऐसे में एक स्वस्थ एवं संतुलित पाचन क्रिया प्राप्त करने में आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है (ayurvedic foods for digestion)।

कई ऐसे आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ हैं, जो पाचन क्रिया को पूरी तरह से सक्रिय एवं संतुलित रहने में मदद करते हैं। आयुर्वेद एक्सपर्ट और हेल्थ कोच चैताली राठौड़ ने कुछ ऐसे ही खास आयुर्वेदिक सुपर फूड्स के नाम सुझाए हैं, जिनका सेवन पाचन क्रिया को पूरी तरह से संतुलित रखता है, और आपके समग्र शरीर पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। तो चलिए जानते हैं, इन खाद्य पदार्थों के बारे में (ayurvedic foods for digestion)।

स्वस्थ पाचन क्रिया के लिए खाएं ये खास आयुर्वेदिक फूड्स (ayurvedic foods for digestion)

1. धनिया के बीज

धनिया के बीज प्रकृति में ठंडे होते हैं, इस प्रकार इनका सेवन पेट को ठंडक प्रदान करता है और पाचन संबंधी समस्याओं को हावी होने से रोकता है (ayurvedic foods for digestion)। वहीं आयुर्वेद में इसे एसिडिटी की समस्या का एक बेहद प्रभावी रोकथाम माना जाता है। धनिया के बीज को पानी में भिगोकर रात भर के लिए छोड़ दें, और सुबह इस पानी को पी लें। या आप चाहे तो धनिया के बीच को पानी में डालें और उबाल आने दें फिर छानकर चाय की तरह से पिएं।

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गुलाब की पंखुड़ियों से तैयार गुलंकद कूलिंग प्रॉपर्टी से भरपूर है। इससे पाचन संबधी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. गुलकंद

गुलाब की पंखुड़ियां से बने गुलकंद में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पाई जाती है। साथ ही इनकी तासीर ठंडी होती है और यह पेट को प्रयाप्त ठंडक प्रदान करते हैं। इस प्रकार गुलकंद का सेवन आईबीएस, कब्ज और हाइपरएसिडिटी में मदद करता है। यदि आप इसे बाजार से नहीं खरीदना चाहती हैं, तो आप इन्हें आसानी से घर पर तैयार कर सकती हैं। यह आयुर्वेदिक सुपरफूड आपकी अनियमित पाचन क्रिया को नियमित बनाने में मदद कर सकता है।

3. गर्म पानी

रोजाना सुबह उठकर एक गिलास गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है। यह पेट साफ करने का एक आयुर्वेदिक तरीका है, ऐसा करने से नियमित मल त्याग में मदद मिलती है (ayurvedic foods for digestion)। गर्म पानी शरीर में मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, साथ ही साथ पाचन क्रिया को भी एक्टिवेट कर देता है। जिससे कि कब्ज का खतरा कम हो जाता है। वहीं यह पाचन क्रिया को साफ करता है और वे खाद्य पदार्थों को पचाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहती हैं।

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पानी में एक चम्मच घी डालकर पीने से कब्ज नहीं होता। चित्र : अडॉबिस्टक

4. गाय का घी

शुद्ध देसी घी में पर्याप्त मात्रा में हेल्दी फैट और कई अन्य महत्वपूर्ण विटामिन एवं मिनरल्स पाए जाते हैं। इसका सेवन पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होता है। विशेष रूप से यदि आप अपने पाचन क्रिया को एक्टिवेट करना चाहती हैं, या आप लंबे समय से कब्ज की समस्या से परेशान हैं, तो गुनगुने पानी में एक चम्मच घी डालकर पिएं। यह आपका पेट साफ करता है और कब्ज की परेशानी को दूर कर देता है। इसके अलावा यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है। यदि आप चाहे तो इसे अपने खाद्य पदार्थों में ऐड कर डाइट में शामिल कर सकती हैं।

5. मूंग दाल

साबुत हरी मूंग दाल प्रोटीन और फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत है। इसका नियमित सेवन पाचन क्रिया को सक्रिय कर देता है, इस प्रकार आपके पाचन संबंधी समस्याएं परेशान नहीं करती इतना ही नहीं यह बॉडी मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है और पाचन क्रिया की गतिविधियों को भी बूस्ट कर देता है जिससे कि शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होते। रोज सुबह उठकर दो मुट्ठी भिगोई हुई मूंग की दाल का सेवन करना चाहिए। यदि आप चाहे तो चीला, सलाह, आदि के रूप में इसे ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकती हैं।

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6. अंजीर

अंजीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, साथ ही साथ यह प्रीबायोटिक्स का भी एक अच्छा स्रोत है, जो आपके हेल्दी गट बैक्टीरिया का खाना बनते हैं। अंजीर का नियमित सेवन कब्ज और हाइपरएसिडिटी से राहत दिलाता है। इसके अलावा यह कॉपर, पोटेशियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, विटामिन के, कैल्शियम सहित एंटीऑक्सीडेंट पॉलीफेनॉल से भरपूर होता है। यह सभी पोषक तत्व पाचन क्रिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

Indigestion seaaram deta hai saahi jeera
अपच, गैस से छुटकारा दिला सकता है कला नमक। चित्र : शटरस्टॉक

7. काला नमक

काला नमक लिवर को बाइल जूस प्रोड्यूस करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार हेल्दी डाइजेशन में सहायता मिलती है, इसके अलावा इसके सेवन से इंटेस्टाइन अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाती है। इतना ही नहीं इसकी अल्कलाइन प्रॉपर्टी पेट में मौजूद एक्सेस एसिड को न्यूट्रलाइज कर देती है, जिससे कि एसिडिटी नहीं होती। काला नमक गैस, सूजन और भूख की कमी जैसी स्थितियों में सुधार करता है।

8. छाछ

आयुर्वेद में इसे तक्र भी कहा जाता है, यह निश्चित रूप से खराब पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। छाछ एक फर्मेंटेड ड्रिंक है, जिसमें में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं। यह आतों की सेहत के लिए बेहदफायदेमं है। भुना हुआ जीरा और धनिया जैसे मसाले इसे अधिक स्वादिष्ट बना देते हैं। एक स्वस्थ एवं संतुलित पाचन क्रिया के लिए नियमित रूप से छांछ पीने की आदत डालें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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