जानिए क्‍यों मेरी मम्‍मी करती हैं लोहे की कड़ाही में खाना बनाने की सिफारिश

पारंपरिक धातुओं के बर्तन भले ही डायनिंग टेबल पर उतने फैंसी न लगते हों, मगर आपकी सेहत के लिए ये बहुत फायदेमंद होते हैं।
सेहत के लिए अच्‍छा होता है लोहे की कड़ाही में खाना पकाना। चित्र : शटरशॉट
लोहे की कड़ाही में खाना बनाने से खाना चारों तरफ से एक सामान पकता है जो इसे बेहतर और सेहतमंद बनाता है, चित्र :शटरस्टॉक

कुछ दिनों से नॉनस्टिक पैन में खाना बनाने को लेकर, मम्मी और मेरी रोज बहस होती थी। मैं अपने वजन को लेकर चिंतित थी और वो अपनी जिद पर कायम थी कि लोहे की कड़ाही में खाना बनाना तुम्हारी सेहत के लिए ज्यादा अनुकूल है। आखिर हमने इस बारे में जानकारी हासिल की और हर बार की तरह इस बार भी मुझे मम्‍मी की बात माननी पड़ी।

जानिये इस बारे में क्या कहता है विज्ञान :

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCIB) के द्वारा किये गये एक शोध के अनुसार लोहे के बर्तन में खाना पकाने से आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया Iron Deficiency Anemia IDA से जूझ रहे बच्चों को ठीक करने में मदद मिलती है। क्योंकि लोहे के बर्तन में खाना पकाने से यह शरीर में भी आयरन पहुंचाता है।

यहां कुछ और भी कारणा हैं, जो साबित करते हैं कि लोहे की कड़ाही में खाना बनाना है ज्‍यादा सेहतमंद आदत

लोहे की कड़ाही में खाना पकाने से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है। चित्र:शटरस्टॉक
लोहे की कड़ाही में खाना पकाने से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है। चित्र:शटरस्टॉक

1. वेट लॉस में है मददगार

आजकल टेफलॉन कोटिंग वाले नॉन-स्टिक कुकवेयर प्रचलन में हैं, पर असल में ये कुकवेयर काफी नुकसानदेह होते हैं। जबकि लोहे की कड़ाही को अच्छे से इस्तेमाल किया जाए तो ये नॉन स्टिक का काम करेगी। इसमें सिंथेटिक मटेरियल नहीं होता हैं जो खाने में कई तरह के कैमिकल लाता हैं। लोहे ही कड़ाही में भी कम तेल में खाना बनाया जा सकता है। जिससे आपको वेट लॉस में भी मदद मिलेगी।

2. शरीर में नहीं होगी आयरन की कमी

आयरन की कमी से कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। अगर आपके शरीर में किसी भी तरह से आयरन की कमी है, तो लोहे के बर्तन में खाना बनाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। एक वयस्क महिला को 18 mg आयरन की मात्रा हर रोज़ चाहिए होती है। ऐसे में लोहे की कड़ाही काफी मदद कर सकती है।

3. लंबे समय तक चलती है

ऐसा कई बार होता है कोई नॉन स्टिक बर्तन जल्दी खराब हो जाते हैं। लोहा काफी मज़बूत होता है, और हम इसका लंबे समय तक खाना पकाने में इस्तेमाल कर सकतें है।

सप्ताह में केवल दो से तीन बार ही लोहे की कड़ाही में खाना बनाएं। चित्र: शटरस्‍टॉक
सप्ताह में केवल दो से तीन बार ही लोहे की कड़ाही में खाना बनाएं। चित्र: शटरस्‍टॉक

पर इन बातों का भी रखें ध्‍यान

1. रोजाना लोहे के बर्तनों में खाना पकाना सही नहीं है। सप्ताह में केवल दो से तीन बार ही इनमें खाना बनाएं।

2. खट्टे या एसिड वाले भोजन लोहे के साथ रियेक्ट कर सकते हैं। जिससे भोजन में अजीब सा स्वाद पैदा हो सकता है। इसलिए, कढ़ी, रसम, सांभर या फिर टमाटर से बनने वाले खाने को इसमें न ही पकाएं।

3. लोहे के बर्तनों को हल्के डिटर्जेंट से धोएं और तुरंत पोंछ दें। खुरदरे स्क्रबर या लोहे के जूने का इस्तेमाल न करें।

4. इन बर्तनों को धो कर रखने से पहले इन पर किसी भी तेल की एक पतली परत लगा दें। हमेशा बर्तन को साफ और सूखी जगह पर रखें, जहां पानी और नमी न हो। ताकि इन पर जंग न लग सके।

5. लोहे के बर्तनों में पानी या फिर कोई अन्य पेय नहीं रखना चाहिए। लोहा नमी के साथ रियेक्ट करता है और जंग पैदा करता है। यह जंग, अन्य तत्वों के साथ मिलकर, आपके पीने के पानी को दूषित कर सकती है।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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