बात वेट लॉस की हो या फिट रहने की फैट में ज़ीरो, वॉटर कॉन्टेंट से भरपूर ब्रोकोली अपनी एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ कारण हर फिटनेस प्रेमी की पहली चॉइस रहा है पर क्या आप जानती हैं कि ब्रोकली का भारत से परिचय1990 में जितेंद्र लडकट ने कराया था, जिन्होंने पुणे में पहली बार इसकी खेती शुरू की। इससे पहले, इंडिया में इसका नाम तक कोई नहीं जानता था।
कई बार बाहर से आनेवाली या नई चीज़ की चकाचौंध में हम अपने देशी चीज़ों को भूल जाते हैं। ऐसी ही एक देशी सब्जी है घिया या लौकी जिसमें कैलोरी और फैट जहां ब्रोकली से कम है तो वहीं फाइबर ब्रोकली से कहीं ज़्यादा। यहां तक कि ब्रोकली में मौजूद कार्ब्स भी घिया से दोगुने होते हैं।
ब्रोकली में घिया से ज़्यादा प्रोटीन होता है। पर चूंकि आमतौर पर लौकी को चने की दाल के साथ ही बनाया जाता है तो इसका प्रोटीन कॉन्टेंट ब्रोकली के बराबर हो जाता है।
डायटीशियन मैक अपनी इंस्टा पोस्ट में घिया के कुछ बेहतरीन लाभ बताते हैं।
घिया में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर भरपूर होते हैं। यह भोजन को पचाने में आसान बनाता है।
लौकी एक बेहद कम कैलोरी वाली सब्जी है और इसलिए यह वजन कम करने वाली अचूक सब्जी है!
100 ग्राम लौकी में 92-96% पानी होता है। इसके अलावा, लौकी में पोटेशियम 150-170 मिलीग्राम होता है जो एक अच्छी मात्रा है। इसलिए लौकी का सेवन करने से शरीर से वॉटर वेट बाहर निकल जाता है।
घिया एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है और इस प्रकार पेशाब की मात्रा को बढ़ाता है जिससे यूटीआई की दिक्कत काम होती है
लौकी या घिया का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सिर्फ 15 है, तो इसका सेवन करने के बाद बहुत ही धीमी गति से शुगर ब्लड में रिलीज होगी।
ब्रोकली की न्यूट्रीशन वैल्यू को न्यूट्रीशनिस्ट मैकबुरा नहीं बताते। अपनी पोस्ट में वह कहते हैं कि यह बहुत सारे विटामिन के साथ एक सुपरफूड है, लेकिन अगर आप केवल ब्रोकोली पर इन सब हेल्थ बेनिफिट्स के लिए डिपेंड हो रहे हैं, तो यह गलत हो सकता है। यह मिथ है कि आप फैंसी खाने से ही पूरा पोषण पा सकते हैं। सच तो यह है कि आप उन खाद्य पदार्थों के कॉम्बिनेशन से आसानी से समान पोषण प्राप्त कर सकते हैं, जिनका हम दैनिक उपभोग करते हैं वह भी अपनी पॉकेट के अनुसार।
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