अश्वगंधा है वेट लॉस की प्रभावी औषधि, जानिए कैसे करना है इसका इस्तेमाल
शरीर को दुबला पतला बनाए रखने के लिए अक्सर लोग लो फैट मील से लेकर एक्सरसाइज़ तक हर चीज़ को अपने रूटीन में शामिल करते हैं। उनका मकसद शरीर में स्टोर होने वाली अतिरिक्त कैलोरीज़ (calorie storage) से मुक्ति पाना होता है। हांलाकि इन विकल्पों से शरीर को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं झेलना पड़ता है। मगर वहीं आयुर्वेदिक जड़ीबूटिया भी चर्बी को कम करने में कम सहायक साबित नहीं होती है। इससे न केवल वेटलॉस में मदद (ashwagandha for lose weight) मिलती है बल्कि शरीर को और भी अन्य कई फायदे मिलते हैं।
अश्वगंधा और वेटलॉस में क्या है कनेक्शन
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि अमूमन अश्वगंधा का इस्तेमाल (Uses of ashwagandha) रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बूस्ट करने और तनाव को कम करने के लिए किया जाता है। इसमें फाइटोकेमिकल्स मौजूद है। स्टेरायडल लैक्टोन (Steroidal lactone) पाया जाता है, जिसे विथेनोलाइड्स के रूप में जाना जाता है। साथ ही अश्वगंधा से एल्कलॉइड (Alkaloids) प्राप्त होते हैं। हांलाकि प्रत्यक्ष तौर पर अश्वगंधा वेटलॉस में सहायक नहीं है। मगर तनाव को कम करके और रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) को बढ़ाकर वेटलॉस में मदद मिल जाती है।
रिसर्च गेट की रिपोर्ट के अनुसार अश्वगंधा की मदद से पुराने तनाव को दूर करने के अलावा वेट मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है। दरअसल, तनाव से डिप्रेशन (Depression), सिरदर्द (Headache), नींद की कमी (insomnia) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसटरर्बेंस (Gastrointestinal disturbance) का सामना करना पड़ता है। इससे मूड स्विंग की समस्या भी बनी रहती है। वहीं अश्वगंधा जड़ी बूटी के सेवन से तनाव को नियंत्रित करके इन समस्याओं को दूर करने के अलावा वेटलॉस में भी मदद मिलती है।
अश्वगंधा वेट लॉस में कैसे है मददगार (Ashwagandha benefits for weight loss)
1. एपिटाइट सप्रैसेंट प्रॉपर्टीज से भरपूर
अश्वगंधा में एपिटाइट सप्रैसेंट प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। इससे एंग्ज़ाइटी को कंट्रोल करके स्ट्रेस इटिंग को रोकने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ इंटिग्रेटिव जर्नल के अनुसार अश्वगंधा के सेवन से कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करके खानापान की आदतों में सुधार आने लगता है। इसके चलते वेटगेन से बचा जा सकता है।
2. मेटाबॉलिज्म को करे बूस्ट
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर अश्वगंधा के सेवन से मेटाबॉलिज्म को स्पीडअप किया जा सकता है। इससे इंफ्लामेशन को कम करके शरीर में स्टोर फैट्स एनर्जी के रूप में इस्तेमाल होते है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। साथ ही लीन मसल्स की ग्रोथ को बूस्ट करती है। इसके अलावा अश्वगंधा थायरॉइड को भी नियंत्रित करता है।
3. एनर्जी के स्तर में लाए सुधार
हर पल होने वाली थकान से आलस्य को बढ़ावा मिलता है। इससे शरीर कमज़ोरी महसूस करने लगता है। इससे बचने के लिए अश्वगंधा जड़ी बूटी कारगर उपाय है। इसके सेवन से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। अश्वगंधा के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आने लगता है। ऐसे में नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर को वेटलॉस में मदद मिलती है।
4. नींद न आने की समस्या का करे हल
समय से नींद न आ पाना मोटापे की समस्या का कारण बनने लगता है। ऐसे में अश्वगंधा को खाने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है, जिससे नर्वस सिस्टम स्टीम्यूलेट होता है और ब्रेन फंक्शनिंग भी इंप्रूव होता है। इससे तनाव और एंग्ज़ाइटी से राहत मिलती है, जिससे नींद में आने वाला बाधा से बचा जा सकता है। शरीर को भरपूर नींद मिलने से ग्रोथ हार्मोन स्टीरूलेट किया जा सकता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
कैसे करें अश्वगंधा का सेवन
डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि वे लोग जो वेटगेन करना चाहते है, उन्हें अश्वगंधा को दूध में मिलाकर पीने से फायदा मिलता है। इसके अलावा अश्वगंधा पाउडर को घी में मिलाकर भी खाया जा सकता है। वहीं वज़न को कम करने के लिए अश्वगंधा को शहद में मिलाकर खाना फायदेमंद साबित होता है। वेटलॉस के लिए अश्वगंधा को मॉडरेट ढ़ंग से खाएं। इसके अलावा व्यायाम और हेल्दी मील्स भी अवश्य लें। साथ ही अश्वगंधा के कैप्सूल भी बाज़ार में उपलब्ध उन्हें एक्सर्पट की सलाह के बाद ही लें।