पैक्ड जूस हैं आपकी सेहत के लिए मीठा ज़हर, इन 4 तरह से पहुंचाते हैं सेहत को नुकसान

अक्सर कोल्ड ड्रिंक की जगह फ्रूट जूस पीने की सलाह दी जाती है। मगर क्या वाकई ताजे़ फलों से इन जूसिज़ को तैयार किया जाता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि बाज़ार में बिकने वाले पैक्ड फ्रूट जूस किस तरह से स्वास्थ्य को पहुंचाते हैं नुकसान।
Packaged juice ke nuksaan
जूस बनाने के लिए प्रोसेसिंग के दौरान पोषक तत्वों की कमी बढ़ने लगती है और फलों में मौजूद फलेवनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा कम होती चली जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 10 Sep 2024, 06:30 pm IST
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फ्रूट जूस को अक्सर एसिडिक बैवरेजिज़ यानि कोल्ड ड्रिंक के हेल्दी विकल्प के तौर पर देखा जाता है। आमतौर पर घरों में बच्चों को कोल्ड ड्रिंक (cold drinks side effects)  की जगह फ्रूट जूस (fruit juice) पीने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद फ्लेवर विशेषतौर से बच्चों को खूब भाते हैं। साथ ही विज्ञापनों में नज़र आने वाले रसीले फल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगते हैं। वे मान लेते हैं कि जूस को इन्हीं फलों से तैयार किया जा रहा है और इसमें बताई जा रहीं सभी क्वालिटीज़ जूस में मौजूद हैं। मगर क्या वाकई ताजे़ फलों से इन जूसिज़ को तैयार किया जाता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि बाज़ार में बिकने वाले पैक्ड फ्रूट जूस किस तरह से स्वास्थ्य को पहुंचाते हैं नुकसान (Side effects of packed juice)

क्या फ्रूट जूस कोल्ड ड्रिंक का हेल्दी विकल्प है

इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा ने बातचीत में बताया कि फलों को उनकी शेल यानि छिलके से बाहर निकालते ही उसके रंग और स्वाद में परिवर्तन आने लगता है। दरअसल, फलों के हवा के संपर्क में आते ही केमिकल रिएक्शन की शुरूआत हो जाती है। इसके बाद जूस बनाने के लिए प्रोसेसिंग के दौरान पोषक तत्वों की कमी बढ़ने लगती है और फलों में मौजूद फलेवनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा कम होती चली जाती है।

उदाहरण के तौर पर मौसमी को छीलने के कुछ देर बाद उसमें कसैलापन बढ़ने लगता है। ऐसे में फलों के पैक्ड जूस का फ्लेवर हमेशा एक सा कैसे हो सकता है। उसमें न केवल प्रीजर्वेटिव्स बल्कि एडिड शुगर उच्च मात्रा में पाई जाती है। इससे शरीर को कई प्रकार के नुकसान झेलने पड़ते हैं।

Packaged juice kaise krte hain tayaar
पैक्ड जूस की लाइफ को बढ़ाने के लिए उसमें प्रीजर्वेटिव्स और आर्टिफिशल शुगर व कलर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है चित्र- अडोबी स्टॉक

पैक्ड जूस बनाने के लिए किन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है

जूस की लाइफ को बढ़ाने के लिए उसमें प्रीजर्वेटिव्स और आर्टिफिशल शुगर व कलर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है, जो गट हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे बच्चों में उल्टी और दस्त का खतरा बढ़ने लगता है। इसके अलावा जूस को कलर और फ्लेवर देने के लिए डाले गए एसिड से गले में खराश और इंफेक्शन का खतरा बना रहता है।

ऐसा माना जाता कि गर्मी और शारीरिक थकान को दूर करने के लिए संतरे के जूस में काला नमक मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिए आधा संतरा, 1 गिलास नींबू पानी और आंवले का सेवन किया जा सकता है। डॉ नॉर्मन वॉकर ने पहले जूस मेकर का अविष्कार किया था। इन्होंनें रॉ फ्रूट फ्रूट जूस के बिजनेस को बढ़ाया और इस पर कुल 12 किताबें भी लिखीं।

पोषण विशेषज्ञ और योग ट्रेनर, एलाइव हेल्थ तान्या खन्ना बताती है कि पैक्ड जूस में आर्टिफिशल शुगर (artificial sugar side effects), प्रीजर्वेटिव्स और आर्टिफिशल फ्लेवर एड किया जाता है। इससे वज़न बढ़ने लगता है और ब्लड शुगर स्पाइक (tips to deal with blood sugar spike) का खतरा बना रहता है। इसके अलावा फाइबर की कमी इनडाइजेशन का कारण बन जाती है। इस तरह के जूस का नियमित सेवन शरीर के इम्यून सिस्टम को कमज़ोर बना देता है। इन्हें तैयार करने के लिए बीपीए जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो गट हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं।

जानें पैक्ड जूस के नुकसान

1. डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ाए

डॉ अदिति शर्मा के अनुसार वे लोग जो डायबिटीज़ से ग्रस्त है, उन्हें पैक्ड फ्रूट जूस न पीने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद आर्टिफिशल शुगर डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ाने का काम करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने कुल 191,689 पर की गई चार रिसर्च में पाया कि ज्यादा मात्रा में फ्रूट जूस का सेवन करने से डयबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में अधिक शुगर से दूरी बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। वे लोग जो हृदय रोगों से परेशान हैं, उन्हें भी फ्रूट जूस पीने से परहेज करना चाहिए।

2. फाइबर की कमी

जूस का सेवन करने से शरीर में फइबर की कमी का सामना करना पड़ता है। इससे कब्ज, ब्लोटिंग और जीआई का खतरा बना रहता है। वे लोग जो डायरिया से ग्रस्त रहते है, उन्हें पैक्ड जूस के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, पैक्ड जूस से गट लाइनिंग में इरिटेंटस का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पेट में दर्द व उल्टी का खतरा बना रहता है।

3. वेटगेन का कारण

पैक्ड जूस में हाई शुगर और कैलोरी कंटेट पाया जाता है। पहले से ही वेटगेन से परेशान लोगों को पैक्ड जूस नहीं पीना चाहिए। जूस को कलर और स्वाद से भरपूर बनाने के लिए हार्मफुल कैमिकल एडिक्टिव्स एड किए जाते हैं। इसके अलावा आर्टिफिशल शुगर की मात्रा से कैलोरी स्टोरेज बढ़ जाती है।

Weight gain se kaise bachein
पैक्ड जूस में हाई शुगर और कैलोरी कंटेट पाया जाता है। पहले से ही वेटगेन से परेशान लोगों को पैक्ड जूस नहीं पीना चाहिए।

4. दांतों की समस्याएं बढ़ाएं

बार-बार पैक्ड जूस का इनटेक दांतों में दर्द, सेंसेशन व कैविटी का कारण बनने लगता है। शुगर कंटेट की ज्यादा मात्रा से दांतों पर प्लाक का जोखिम बढ़ जाता है। दरअसल जूस का सेवन करने से मुंह में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे एसिड प्रोडयूस होने लगता है। एसिड की उच्च मात्रा टूथ इनेमल को नुकसान पहुंचाती है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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