सेहत की देखभाल और अच्छी जीवनशैली को बरकरार रखने के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण होता है। शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाए रखने के लिए हमारे शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। भारतीय खाने में मसालों और स्वाद के साथ-साथ पोषण भी काफी होता है।
भारतीय खाने में आपको ‘घी’ (Ghee) हर तरफ देखने को मिल ही जाएगा। घी न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति भी करता है। घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड और साथ ही विटामिन सी होता है, जो शरीर में मौजूद गर्मी को कम करता है। इसके साथ ही घी स्किन को ग्लो करता है और हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद भी होता हैं।
मानव शरीर में घी की आवश्यकताओं और जरुरत को बताते हुए डाइटीशियन हरलीन भसीन कहती हैं कि अगर हम हर दिन घी का सेवन करतें हैं तो इससे स्ट्रेस और एंग्जाइटी में कमी आती है। डायटीशियन भसीन के अनुसार खाना पकाने के लिए घी सर्वोत्तम है।
साथ ही घी (Ghee) में मौजूद पोषक तत्वों पर डॉ. हरलीन भसीन कहतीं हैं कि घी से भरपूर किसी भी खाने में ‘गुड फैट’ होता है।
साथ ही यह विटामिन ए, विटामिन ई से भरपूर होता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। वहीं, अगर सही मात्रा में घी का सेवन किया जाए, तो घी से कुछ आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
आयुर्वेद से लेकर तमाम नई अध्ययनों तक हर जगह घी को एक ‘सुपरफूड’ माना गया है। हेल्थशॉट्स ने इस मामले पर फोर्टिस अस्पताल, कल्याण में क्लिनिकल डायटीशियन लक्ष्मी मिश्रा से बात की। उन्होंने कहा कि घी व्यक्ति के हॉर्मोन्स को संतुलित करता है और साथ ही हड्डियों और मांसपेशियों को भी स्वस्थ रखता है। घी हर तरह से ही व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, आइये जानते है घी में मौजूद कुछ फायदे।
घी के हेल्थ बेनिफिट्स पर डॉ. लक्ष्मी मिश्रा ने बताया कि घी में विटामिन ए, डी, ई, और के जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व हर किसी के लिए जरूरी होते हैं और व्यक्ति की शारीरिक सेहत को भी अच्छा करते हैं। इन्ही पोषक तत्वों के कारण घी गर्मियों में व्यक्ति के शरीर को ठंडा रखने के सहायक होता है।
घी कई मायनों में फायदेमंद होता है। घी में पाए जाने वाले गुण पाचन प्रक्रिया के लिए भी काफी सहायक होते हैं, जिससे खाने की पाचन और शोषण प्रक्रियाएं ठीक तरीके से काम कर करती है और व्यक्ति में पेट संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं।
घी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स व्यक्ति में शारीरिक शक्ति और ऊर्जा की वृद्धि भी करतें हैं। घी में लॉरिक एसिड जैसे फैटी एसिड भी मौजूद होते हैं, जो एंटीफंगल होता है और इससे व्यक्ति के शरीर में शारीरिक ऊर्जा भी बढ़तीं हैं।
घी में ग्लुकोज़आमाइन भी पाया जाता है, जो व्यक्ति के जोड़ों में मदद करता है। साथ ही इसके प्रयोग से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है और यह आपको अधिक गतिविधि करने में मदद कर सकता है।
घी व्यक्ति की स्किन को ग्लो करने में काफी मददगार होता है। घी में बहुत सारे तत्व होते हैं, जिनसे आपकी त्वचा नमीदार और मुलायम रह सकती है। आप घी को नियमित रूप से अपने चेहरे पर लगाकर मॉइस्चराइजर के रूप में उपयोग कर सकते हैं। वहीं, घी में विटामिन ई और एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं, जो त्वचा को चेहरे पर झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं ।
घी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो स्किन में खुजली और एलर्जी को कम करने में मदद करते हैं और साथ ही इसमें मौजूद एंटी-बक्टेरियल गुण स्किन से एक्ने को निकालने में भी मदद करतें हैं।
गौरतलब है की घी व्यक्ति के शरीर में पोषण पहुंचाने का अच्छा स्त्रोत है लेकिन इसका सेवन करने के लिए भी कुछ सावधानियों की जरूरत है। ज्यादा घी (Ghee) खाने से आपकी सेहत को नुक्सान भी पहुंच सकता है। घी के सेवन के बारे में डॉ. मिश्रा ने बताया कि हमें घी खाने से पहले कई बातों का ध्यान रखना होता है।
साथ ही वे बतातीं हैं कि हमें अपनी डायट के हिसाब से ही हमें घी खाना चाहिए। घी के बेहतर स्वास्थ्य परिणाम लेने और खुद की अच्छी देखभाल के लिए आपको घी के सेवन करने से पहले इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
घी का सेवन करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास साफ और ताजा घी है। अगर आप घर पर घी बना रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान देना चाहिए कि उसमें किसी प्रकार की यदि कच्ची दूध या योगर्ट की मलाई हो, तो उसको प्यूरीफाई करें क्योंकि उसमे हानिकारक बक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो कि आपकी सेहत को खराब कर सकतें हैं।
घी को धीरे-धीरे और सही तापमान पर पकाना महत्वपूर्ण है। उच्च तापमान पर पकाने से घी की कच्चापन कम होता है और उसमें कीटाणुओं का संक्रमण हो सकता है।
घी के सेवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण घी की मात्रा ही है। व्यक्ति को अपनी पाचन प्रक्रिया के हिसाब से ही घी का सेवन करना चाहिए। आमतौर पर, रोज़ाना दो छोटे चम्मच या तीन चम्मच के बराबर घी की मात्रा काफी होती है। हालांकि, आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
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