शरीर में कई कारणों से डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में एसे नियंत्रित करने के दवा, इंसुलिन और कई नुस्खों की मदद ली जाती है। अगर आप भी ब्लउ शुगर के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए किसी सुपरफूड की तलाश में हैं, तो करौंदा शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हल्का लाल और सफेद रंग का ये फल खटास से भरपूर होता है, मगर ब्लाइसेमिक इंडैक्स लो होने के चले इसे आहार में शामिल किया जाता है। जानते हैं करौंदा डायबिटीज़ को नियंत्रित (karonda for diabetes) करने में कैसे मदद करता है और इसे आहार में शामिल करने का तरीका भी।
करौंदा को कैरिसा कैरंडास कहकर पुकारा जाता है। तीखे स्वाद के इस फल की खासियत ये है कि पकने के साथ खटास कम होने लगती है। इसका इस्तेमाल अचार, चटनी और जैम बनाने के लिए किया जाता है। इस स्वादिष्ट फल का सेवन करने से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते है। ये जहां पाचन और हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा हैं। वहीं मधुमेह (karonda for diabetes) वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है।
करौंदा (karonda for diabetes) फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जर्नल ऑफ़ फ़ूड प्रॉपर्टीज़ में छपी रिपोर्ट के अनुसार करौंदें से शरीर को आयरन, विटामिन सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, बायोटिन और फोलिक एसिड की प्राप्ति होती है। इस बारे में अधिक मानकारी के लिए डायटीशियन मनीषा गोयल से बात करते हैं और जानते हैं करौंदे से मिलने वाले फायदे।
डिस्कवर एप्लाइड साइंसेज के अनुसार करौंदा शरीर के लिए एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जिसमें सूजन.रोधी और एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो होने के चलते शरीर में शुगर स्पाइक का जोखिम कम हो जाता है।
इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 से कम होता है और इसमें नेचुरल कंपाउड होते हैं जो शुगर को नियंत्रित (karonda for diabetes) करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड में शर्करा के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल सहित बायोएक्टिव कंपाउड होते हैं। इससे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद मिलती हैं, जिससे शरीर अधिक प्रभावी तरीके से इंसुलिन का उपयोग कर पाता है।
इसमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में फ्री रेडिकल्सि का प्रभाव कम हो जाता ळै और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाया जा सकता है। इससे मौसमी संक्रमण का प्रभाव शरीर पर कम होने लगता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है और ब्ल्उ सेल्स की मात्रा बढ़ती है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता है।
फाइबर से भरपूर करौंदा आंतों के स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के अलावा शरीर में बढ़ने वाली कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। इससे आंत के स्वास्थ्य में सुधार आता है और गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाने से पाचन में सुधार होने लगता है।
महिलाओं में अधिकतर खून की कमी की समस्या बनी रहती है। ऐसे में करौंदें का सेवन करने से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे एनीमिया से पीड़ित लोगों को फायदा मिलता है। दरअसल, शरीर में टिशूज़ तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए हेल्दी रेड ब्लड सेल्स आवश्यक होते हैं। ये हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और शरीर में ऑक्सीजन के परिवहन में सुधार करने में मदद कर सकता है।
स्वाद में खटास लिए हुए करौंदे को वेजिटेबल सैलेड में एड किया जा सकता है। इससे न केवल सलाद का पोषण स्तर बल्कि स्वाद भी बढ़ जाता है। इसमें स्वादानुसार नमक, चाट मसाला और हबर्स को मिलाकर खाया जा सकता है।
इस हेल्दी फल को धोकर बीच में से काटकर दो टुकड़े कर लें। अब सरसों के तेल, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और नमक के साथ मिलाएं। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और विटामिन व मिनरल की भी प्राप्ति होती है। सीमित मात्रा में अचार का सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है।
इसे काटकर ब्लैंडर में डालें और साथ में धनिया पत्ती, डंडिया, पुदीने की पत्ती, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक और गुड़ के साथ मिलाएं। इसमें स्वादानुसार नमक एड कर दें। इस चटनी का इस्तेमाल सैंडविच के लिए स्प्रेड के रूप में या स्नैक्स के लिए हेल्दी डिप के रूप में किया जा सकता है।
इसमें मौजूद पोषण की प्राप्ति के लिए करौदें को पकाकर तैयार कर लें। टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, धनिया और हर्बस व मसालों को एड करके पकाएं और फिर उसका सेवन करें। इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर पकाने से भी रेसिपी का स्वाद बढ़ जाता है।
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