हमारे शरीर की जरूरतों के हिसाब से हमारी आदतें भी बदल रही हैं। खाने से लेकर लाइफस्टाइल तक की आदतें सब इस बदलाव में शामिल हैं। इन्हीं बदलावों के परिणाम के तौर पर डाइट के एक खास तरीके ने जन्म लिया है, जिसे कहते हैं जूस क्लींज। जूस क्लींज यानी कुछ दिनों के लिए खाने में कुछ और न लेकर केवल जूस पर निर्भर रहना। कुछ लोग इसे शरीर को साफ करने के लिए जरूरी मानते हैं। लेकिन डाइट का ये तरीका (Juice cleanse side effects) हमारे पाचन प्रक्रिया पर बुरा असर भी डाल सकता है। आज हम एक्सपर्ट की मदद से उन्हीं असरों के बारे में समझने वाले हैं। इसके साथ ही यह भी कि जूस क्लींज का सही और सेफ तरीका क्या होना चाहिए।
जूस क्लींज एक ऐसा डाइट प्लान है जिसमें आप कुछ दिनों तक सिर्फ ताजे फलों और सब्जियों के जूस पीते हैं। यह डिटॉक्स (Juice cleanse side effects) डाइट का हिस्सा होता है। इसका इस्तेमाल अमूमन लोग शरीर को डीटॉक्स करने के लिए करते हैं। लोग इसे शरीर को साफ करने, ऊर्जा बढ़ाने, वजन घटाने और त्वचा के लिए भी अच्छा मानते हैं। इसमें सामान्य खाने के बजाय डाइट में केवल फलों का जूस लिया जाता है। कई बार ये कुछ दिनों के लिए होता है और कई बार ये पूरे सप्ताह तक लोग अपनाते हैं।
जूस क्लीन्ज (Juice cleanse side effects) का मुख्य उद्देश्य शरीर को टॉक्सिक चीजों से साफ करना होता है। जब हम जूस पीते हैं तो यह हमारे शरीर के डिटॉक्स प्रोसेस को सपोर्ट करता है जिससे हानिकारक पदार्थ बाहर निकलते हैं। लेकिन, यह तभी सही से काम करता है जब हमारे माइक्रोबायोम का संतुलन सही हो। मतलब, अगर आंतों में बैक्टीरिया का संतुलन ठीक नहीं है, तो शरीर से विषाक्त पदार्थ पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाएंगे। इसके अलावा (Juice cleanse side effects) फलों और सब्जियों के जूस में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसलिए भी अक्सर लोग जूस क्लींज का सहारा लेते हैं।
न्यूबेला सेंटर फॉर वुमन हेल्थ नई दिल्ली की डायरेक्टर डॉक्टर गीता श्रॉफ कहती हैं कि ये तो सबको पता होगा कि हमारा शरीर बैक्टीरिया की खान है। इसमें अच्छे और बुरे बैक्टीरिया दोनों होते हैं। तो हमारी आंतों में जो अच्छे बैक्टीरिया होते हैं वे हमारे पाचन में जरूरी भूमिका निभाते हैं। ये बैक्टीरिया खाने को पचाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और स्वस्थ पाचन तंत्र बनाए रखने में मदद करते हैं।
जूस क्लींज (Juice cleanse side effects) कई बार शरीर तो डिटॉक्स करता है लेकिन अच्छे बैक्टीरिया को भी कई बार बाहर निकालने लगता है। इसका कारण ये होता है कि केवल जूस आंतों की अच्छी बैक्टीरिया के लिए एक सही डाइट (Juice cleanse side effects) नहीं है। जूस में फाइबर की कमी होती है और फाइबर हमारे आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है।
अब होता ये है कि जब हमें फाइबर नहीं मिलता तो आंत में बैक्टीरिया को पोषण कम मिलता है। इसका असर माइक्रोबायोम के संतुलन पर पड़ता है। इसी वजह से हमारा डाइजेशन सिस्टम (Juice cleanse side effects) भी प्रभावित होने लगता है। इसलिए Microbiome का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। अगर इस संतुलन में गड़बड़ी हो तो पाचन की समस्याएं जैसे गैस, ब्लोटिंग, और कब्ज हो सकती हैं।
दूसरी बात यह है कि जब हम जूस क्लीन्ज (Juice cleanse side effects) करते हैं, तो आम तौर पर आंतों में मौजूद बैक्टीरिया को सिर्फ चीनी और फल-सब्जियों के जूस से पोषण मिलता है लेकिन शरीर को प्रोटीन, हेल्दी फैट, और अन्य पोषक तत्व भी चाहिए होते हैं जो केवल जूस (Juice cleanse side effects) से पूरी नहीं होती। इस वजह से आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है। इसकी वजह से भी पाचन में दिक्कत आती है।
डॉक्टर गीता बताती हैं कि जूस क्लींज (Juice cleanse side effects) के दौरान आपको ये ध्यान रखना है कि सिर्फ फल का जूस ही मत पिएं क्योंकि उसमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। आपको सब्जियों का जूस भी शामिल करना चाहिए क्योंकि सब्जियों में फाइबर और पोषक तत्व होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाए रखते हैं।
उदाहरण के लिए, पालक, खीरा, गाजर, टमाटर, और अदरक का जूस बहुत फायदेमंद हो सकता है। इन जूसों (Juice cleanse side effects) में शुगर कम और फाइबर ज्यादा होता है जो आंतों के बैक्टीरिया को भी मदद पहुंचाता है।
जूस क्लीन्ज के दौरान पूरे दिन में छोटे-छोटे अंतराल पर जूस (Juice cleanse side effects) पिएं, ताकि शरीर को लगातार न्यूट्रीशन मिलता रहे। पूरे दिन में 4-5 बार जूस लेना बेहतर तरीका है। इससे ब्लड शुगर में अचानक उतार-चढ़ाव नहीं आएगा और आपके शरीर को सभी पोषक तत्व भी मिलते रहेंगे।
जूस के साथ थोड़ा सा फाइबर भी जोड़ें क्योंकि जूस में फाइबर की कमी होती है। आप जूस में कुछ हरी सब्जियों की पत्तियां या कुछ फाइबर वाली सामग्री डाल सकते हैं, जैसे फ्लेक्ससीड्स या चिया सीड्स। इससे आपके पाचन तंत्र को कोई दिक्कत (Juice cleanse side effects) नहीं होगी।
जूस के अलावा पानी पीते रहना भी बहुत जरूरी है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए जितना हो सके पानी पीते रहें। यह डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करेगा।
जूस क्लीन्ज को ज्यादा दिन तक न करें। शरीर को डिटॉक्स करने के लिए 2-3 दिन का क्लीन्ज पर्याप्त होता है। अगर आप इसे लंबे समय तक करते हैं तो शरीर में मिनरल्स की कमी हो जागी और फिर आपको लॉंग टर्म के लिए समस्याएं (Juice cleanse side effects) झेलनी पड़ सकती हैं।
अगर क्लीन्ज करते समय आपको किसी तरह की कमजोरी, सिरदर्द या अन्य परेशानी (Juice cleanse side effects) महसूस हो, तो तुरंत क्लीन्ज बंद कर दें और सामान्य आहार की ओर लौटें। ध्यान रखिए डाइट का कोई भी प्लान आपके लिए तब तक ही सही है, जब तक आपका शरीर उसमें कंफरटेबल है और आपको कोई दिक्कत नहीं हो रही।
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