बिहार, झारखंड, झारखंड की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में विशेष अवसरों पर कटहल की सब्जी बनाने का रिवाज है। कटहल को वीगन मीट भी कहा जाता है। रानी लक्ष्मीबाई के बारे में यह कहानी प्रसिद्ध है कि उन्होंने अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंक कर देश की भलाई का काम करने के लिए उनके सामने कटहल की स्वादिष्ट सब्जी को नॉनवेज कहकर परोसा था। दोनों का स्वाद इतना मिलता-जुलता है कि अंग्रेज वीगन मीट कटहल को नॉनवेज समझकर खा गए। इस बार हम भी कटहल की एक कम तेल-मसाले वाली सब्जी की रेसिपी (Jack fruit recipes) आपके लिए लाए हैं।
कटहल को फल और सब्जी दोनों रूपों में खाया जा है। कच्चे कटहल को सब्जी रूप में और पके कटहल को फल रूप में। इसमें विटामिन ए, सी, बी6, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, फोलिक एसिड, मैग्नेशियम आदि तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। कटहल को पचाना मुश्किल होता है। इसलिए इसे कम तेल-मसाले के साथ ही सब्जी रूप में तैयार करना चाहिए, ताकि पाचन तंत्र में कोई समस्या न हो।
फाइबर अधिक और कैलोरी कम होने के कारण यह वजन घटाने में भी मददगार है।
कटहल के साथ-साथ इसके पत्ते भी फायदेमंद हैं। इसके एक मुट्ठी पत्तों को भून कर सरसों के तेल में मिलाकर लेप लगाने से त्वचा पर मौजूद फोड़े-फुंसी, रेडनेस को दूर करने में मदद मिलती है।
इसमें पोटैशियम मौजूद होता है, जो न सिर्फ हार्ट हेल्थ के लिए बढिया है, बल्कि ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
विटामिन सी की मौजूदगी के कारण यह इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करता है। मैग्नीशियम और कैल्शियम की स्रोत वाला कटहल हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।
आयुर्वेद के अनुसार पके कटहल को खाने से स्पर्म काउंट बढ़ता है तथा मेल इनफर्टिलिटी को भी दूर करता है। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में कटहल के पके फल को पुरुषों को खिलाया जाता है।
250 ग्राम कटहल, 2 टीस्पून पोहा, 1 टीस्पून मूंग दाल का बेसन, बड़े साइज का 1 प्याज, 1 टमाटर, लहसुन पेस्ट, तड़के के लिए जीरा, हींग, सरसों तेल। 2 टेबल स्पून गरम मसाला पाउडर, हल्दी, आजवाइन, नमक स्वादानुसार, 3-4 हरी मिर्च, गार्निश करने के लिए एक मुट्ठी बारीक कटी धनिया पत्ती।
कटहल को अच्छी तरह धोकर कुकर में उबाल लें। उबालते समय एक टीस्पून नमक डाल दें।
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कस्टमाइज़ करेंछोटे साइज वाला कटहल हो तो ज्यादा अच्छा। बीज नहीं होंगे।
पोहे को पानी में डालकर अच्छी तरह धो लें। पोहे को क्रश कर लें।
मूंग दाल के बेसन का घोल तैयार कर लें। घोल गाढ़ा होना चाहिए
कटहल को मैश कर उसमें पोहे को भी मिला लें।
इस मिश्रण में हल्दी, नमक, एक चुटकी आजवाइन, एक चुटकी हींग मिला लें।
हाथ से दबाकर गोला तैयार कर लें।
पैन में तेल लगा लें।
गोले को मूंग दाल बेसन में डिप कर पैन में डालती जाएं।
कम आंच में दोनों साइड से पकाएं।
पोहे के कारण कुरकुरा बनेगा। तेल की कमी महसूस नहीं होगी।
सभी गोले को दोनों साइड से अच्छी तरह सेंक लें।
कड़ाही में तेल गर्म कर जीरा हींग का तड़का लगाएं। फिर प्याज, लहसुन पेस्ट, टमाटर आदि को भून लें।
चाहें तो इसमें एक उबले आलू या एक चम्मच बेसन भी डाल सकती हैं। तरी गाढ़ी हो पाएगी।
जब मसाले अच्छी तरह भुन जाएं, तो गर्म पानी डालें।
जब पानी उबलने लगे, तो कटहल के सिंके गोले को तरी में डाल दें।
एक उबाल आने पर गर्म मसाला डाल दें। ढंक कर 2 मिनट छोड़ दें।
फ्लेम बंद कर धनिया पत्ती से गार्निश कर लें।
भाई और पूरे परिवार को खिलाएं कम तेल मसाले वाला कटहल का कोफ्ता।
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