रोटी और चावल दोनों ही हमारा मुख्य आहार रहे हैं, लेकिन जैसे ही बात वजन घटाने की आती है, सबसे पहले इन्हें ही खाने से हटाया जाता है। ये दो ऐसे आहार हैं जिन्हें बढ़ते वज़न के लिए हमेशा दोषी ठहराया गया है। बदकिस्मती से हम दोनों आहारों को अपनी दिनचर्या से निकाल नहीं पाते क्योंकि ये हमें ऊर्जा की खुराक मुख्य रूप से प्रदान करते हैं।
इससे हमें यह पता चलता है कि रोटी और चावल हमेशा एक-दूसरे की प्रतिस्पर्धा में होते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि रोटी स्वास्थ्य के लिए अच्छा विकल्प है। जबकि कुछ का कहना है कि चावल बिना किसी तुक या कारण के खराब घोषित कर दिए जाते हैं। इसलिए आज, हमने इस बहस की तह तक जाने का फैसला किया और अंत में जवाब दिया : चावल या रोटी, क्या ज्यादा सेहतमंद है?
रोटी और चावल दोनो में ही कार्ब्स समान हैं। अगर आप कैलोरी चार्ट देखते हैं, तो आपको पता चलेगा कि दोनों में ही कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। हालांकि, कार्ब्स के सेवन से कोई नुकसान नहीं है पर साथ में शारीरिक रूप से सक्रिय होना जरूरी है।
पोषण विश्षज्ञों के अनुसार रोटी स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभदायक है। कार्ब्स के अलावा,रोटी प्रोटीन और फाइबर में भी समृद्ध है। जबकि चावल, विशेष रूप से सफेद चावल, इन दो पोषक तत्वों को न के बराबर मात्रा में प्रदान करता है और इनकी जगह स्टार्च प्रदान करता है।
स्टार्च पचाने में आसान होता है। इसलिए आप कटोरी भर चावल खाने के बाद भी जल्दी ही भूखे महसूस करते हैं। जबकि अगर आप चपाती खाते हैं, तो इसमें मौजूद फाइबर आपके पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखेगा और आप अधिक समय तक पेट को भरा भरा मेहसूस करती हैं।
क्या आप जानती हैं कि लगभग 120 ग्राम गेहूं में 90 मिलीग्राम सोडियम होता है? हम सभी जानते हैं कि सोडियम हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है। सोडियम पानी को बनाए रखकर रक्त की तरलता को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। मोटा खून अंगों की विफलता और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। इसीलिए इस पोषक तत्व की आपके शरीर को आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, चावल में सोडियम बहुत अधिक नहीं होता है।
डॉ मीनाज़ अहमद, पोषण विशेषज्ञ, मदरहुड अस्पताल, बेंगलुरु बताती हैं, “रोटी, चावल की तुलना में एक उच्च भोजन है। सोडियम के अलावा, रोटी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में होते हैं।“
डॉ. मीनाज़ कहती हैं, “यदि आप अपना वजन कम करना चाहती हैं या मधुमेह से ग्रस्त हैं, तो रोटी चुनना भी एक समझदार विकल्प है। आप जानते हैं कि दो प्रकार के कार्ब्स हैं- सरल और जटिल। चावल एक सरल कार्ब है जो जल्दी पच जाता है और तुरंत रक्त में ग्लूकोज छोड़ता है जिसके कारण रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। जबकि रोटी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली एक कॉम्प्लेक्स कार्ब है। इसीलिए अगर डायबिटीज के मरीज रोटी खाते हैं, तो शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है।”
यहां तक कि हमारे विशेषज्ञ का भी कहना है कि अगर आप दोनों में से किसी एक को चुनना चाहती हैं, तो रोटी यह बहस जीत जाती है। ऐसा कहने के बाद, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बेहतर पोषण के लिए आपको रोटियों के लिए मल्टीग्रेन आटे का उपयोग करना चाहिए।
“रोटी खाने का मतलब यह नहीं है कि आप आहार के साइज को भूल जाएं। अगर आप वजन कम करना चाहती हैं, तो खाने में दो हथेली के आकार की रोटियां काफी होती हैं। अगर आप चावल खाना चाहती हैं, तो इसके लिए एक रोटी के साथ एक छोटा कटोरा पर्याप्त है।
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