इन दिनों टेलीविजन पर एक विज्ञापन आता है, जिसमें पिस्ता को अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन युक्त बताया जाता है। अगर आप शाकाहारी हैं, तो निश्चित ही आप भी प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत की खोज में होंगी। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या वाकई पिस्ता प्रोटीन का अंडे से भी बेहतर स्रोत है! हमने इसके लिए फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज की चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट सीमा सिंह से बात की। आइए जानते हैं वे क्या कहती है पिस्ता में प्रोटीन के इस दावे पर।
अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है, और हर दिन खुराक में अंडे खाते हुए बोर हो चुके हैं या अंडों से एलर्जी है, तो यह जानकारी आप ही के लिए है – हर दिन 1 औंस (पिस्ते के करीब 49 दाने) का सेवन करने से आपको मिलता है 6 ग्राम प्रोटीन जो 1 अंडे के बराबर है क्योंकि उससे भी 6 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है।
प्रोटीन से भरपूर पिस्ते का सेवन कर आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है, इसके चलते बाद में कुछ भी अनाप-शनाप खाने की इच्छा नहीं होती। इस तरह यह वज़न नियंत्रित रखने में मददगार होता है।
यही वजह है कि पिस्तों को आदर्श और सेहत से भरपूर मिड-आफ्टरनून स्नैक माना गया है।
इनसे एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ सकता है जो मासिक चक्र को विनियमित करने में सहायक होता है और साथ ही, इनमें मौजूद विटामिन ई से प्रीमैच्योर एजिंग कम होती है। विटामिन ई से त्वचा की क्रोनिक यूवी फोटोएजिंग देरी से होती है।
पिस्तों में तांबा भी मौजूद होता है, जो इलास्टिन के उत्पादन में मदद करता है और इस तरह त्वचा में झुर्रियों से बचाव होता है और त्वचा कम लटकती है।
पिस्ते के सेवन से यौन संबंधी स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि पिस्ते कामोत्तेजक (aphrodisiac) भी होते हैं। प्रतिदिन मुट्ठी भर पिस्ते लगातार तीन हफ्तों तक खाने से पुरुषों में यौन उत्तेजना बेहतर होती है।
इसी तरह, इनमें मौजूद आर्गीनाइन, फाइटोस्टेरोल और एंटीऑक्सीडेंट्स से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (स्तंभन दोष) के उपचार में भी मदद मिलती है।
शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि खुराक में इस मेवे को शामिल करने से नुकसानदायक एलडीएल कलेस्ट्रोल का स्तर घटता है (पेन स्टेट न्यूज़, 2010), जो कि संभवत: पिस्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण होता है।
इनके अलावा भी पिस्तों में कई गुण होते हैं, जो इन्हें अन्य मेवों से अलग बनाते हैं। इनमें मौजूद कई किस्म के तत्वों का नतीजा है कि आप सिर्फ पिस्ता को स्नैक के तौर पर खा सकते हैं, सलाद के ऊपर से डाल सकते हैं और मिक्स्ड फ्रूट्स के साथ भी इन्हें मिलाकर खाया जा सकता है।
पिस्ता में मौजूद पोषक तत्व गर्भावस्था में फायदेमंद होते हैं और भ्रूण की सेहत में सहायक होते हैं।
पिस्तों में विटामिन बी6 प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे इम्युनिटी बढ़ती है। साथ ही, पिस्तों का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने तथा शरीर को कोविड19 जैसे कितने ही तरह के संक्रमणों से भी बचाते हैं।
बढ़ सकता है वजन – पिस्ता सेवन के मामले में भी थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है। स्वादिष्ट होने की वजह से पिस्तों का अधिक सेवन की संभावना रहती है, जिससे वज़न बढ़ सकता है।
हो सकती हैं गैस्ट्राइंटेस्टाइनल समस्याएं – पिस्तों मौजूद यौगिक फ्रक्टंस से प्रतिक्रिया कर आपके शरीर में पाचन संबंधी गड़बडियां पैदा हो सकती हैं। इसके साइड इफेक्ट में कब्ज, पेट फूलना, पेट में दर्द, शरीर में वायु बढ़ना और डायरिया शामिल हैं।
बढ़ सकता है ब्लड प्रेशर – इसी तरह, अगर आप अक्सर भुने नमकीन पिस्तों का सेवन करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
इसलिए पिस्ता को अपनी दैनिक खुराक का हिस्सा बनाएं तो सावधानी जरूर बरतें, इस हाइ प्रोटीन स्नैक के इस्तेमाल से आप अपनी हाइ प्रोटीन डाइट को बना सकते हैं स्वाद से भरपूर।
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