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क्या डायबिटीज में पपीता खाना नुकसानदेह है, जानिए इस बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ

डायबिटीज होने पर कई तरह के फल और आहार खाने की मनाही हो जाती है। दरअसल कुछ फल और आहार ब्लड शुगर लेवल बढ़ा देते हैं। आइये विशेषज्ञ से जानते हैं कि डायबिटीज में पपीता खाना नुकसानदेह है या नहीं।
Updated On: 14 Nov 2024, 02:27 pm IST
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विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन के से भरपूर होता है पपीता। चित्र : शटर स्टॉक

लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है डायबिटीज। मधुमेह मेटाबोलिक सिस्टम में आया विकार (chronic metabolic disorder) है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज लेवल हाई हो जाता है। मधुमेह दो तरह का होता है: टाइप 1, जो ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के कारण होता है। यह इंसुलिन उत्पन्न करने वाले पैंक्रियाज में कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। टाइप 2 डायबिटीज इंसुलिन प्रतिरोध के परिणामस्वरूप होता है। इसमें शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में असमर्थ हो जाता है। एक बातचीत में न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी बताती हैं कि डायबिटीज के मरीज को कुछ फल और फ़ूड नहीं खाना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को शुगर में पपीता खाना चाहिए या नहीं (kya papita khane se sugar badhta hai), इसके लिए हमने बात की न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी और जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट, बंगलुरू की चीफ डायटशियन डॉ. सुषमा पीएस से (is papaya good for diabetes)।

ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने वाला आहार जरूरी (Blood Sugar Level) 

न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी बताती हैं, ‘मधुमेह के प्रबंधन में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सीधे रक्त शर्करा स्तर (Blood Sugar Level) को प्रभावित करता है। मधुमेह वाले लोगों को स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए। इससे उन्हें सामान्य ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें प्रोससड फूड, सैचुरेटेड फैट और चीनी के सेवन को सीमित करना जरूरी है। इसके स्थान पर साबुत अनाज, फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार का सेवन उन्हें करना चाहिए।’

पपीता खाएं या नहीं डायबिटीज के मरीज (Papaya for Diabetes) 

डॉ. सुषमा बताती हैं, ‘विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन के से भरपूर होता है पपीता। 100 ग्राम पके पपीते में 32 कैलोरी, 0.6 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम वसा, 7.2 ग्राम कार्ब्स और 2.6 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें हाई फाइबर और लो शुगर होता है। 100 ग्राम पपीता में 6.9 ग्राम शुगर होता है। डायबिटीज में पपीता खा सकते हैं पर इसे प्रोटीन या स्वस्थ वसा के स्रोत के साथ जोड़ने से अधिक स्वास्थ्य लाभ देता है। उदाहरण के लिए, पपीते को मेवों या बीजों के साथ मिलाने से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने और निरंतर ऊर्जा प्रदान करने में मदद मिल सकती है।

papaya ke side effects
पपीता को प्रोटीन या स्वस्थ वसा के स्रोत के साथ जोड़ने से अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। चित्र: शटरस्टॉक

पपीते में पपैन एंजाइम होता है, जो भोजन को तेजी से तोड़ने में मदद करता है। इसलिए यह डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए भी लाभदायक होता है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स है मीडियम (Papaya Glycaemic Index) 

डॉ. सुषमा के अनुसार, यदि आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहती हैं, तो अपनी डाइट में संतुलित मात्रा में पपीता को शामिल कर सकती हैं। पपीता का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 60 होता है (papaya glycemic index)। इसका मतलब है कि ब्लड शुगर लेवल को यह बहुत जल्दी नहीं बढ़ाता है। लो जीआई फ़ूड 20 से 49 के बीच होते हैं, जबकी 50- 69 ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फ़ूड मध्यम जीआई फ़ूड होते हैं। हाई जीआई फ़ूड 70 -100 के बीच होते हैं।

पके पपीते से बेहतर कच्चा पपीता (Ripe Papaya Vs Raw Papaya)

यदि डायबिटीज के मरीज कच्चा पपीता खा सकें, तो वह उनके लिए अधिक बेहतर है। कच्चे पपीते में चीनी कम होती है। इसमें हाई फाइबर और कम वसा वाली सामग्री होती है। यदि हम दोनों की तुलना करें, तो कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है। इसमें सफाई के गुण होते हैं। रॉ पपीता पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सोडियम का भी स्रोत होता है। हालांकि कच्चा और पका हुआ पपीता, दोनों ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के साथ-साथ मधुमेह रोगियों के समग्र स्वास्थ्य के लिए बढ़िया होता है

कितना सेवन करें पपीते का (Papaya for Diabetes) 

मधुमेह के रोगियों को प्रति दिन एक कप से अधिक पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए । हालांकि इसमें कैलोरी कम होती है, लेकिन इसमें स्वाभाविक रूप से कार्बनिक शुगर की मात्रा मौजूद होती है।

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मधुमेह के रोगियों को प्रति दिन एक कप से अधिक पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए । चित्र : शटर स्टॉक

इसलिए इसे अत्यधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। यदि भोजन लेने के कुछ घंटों बाद पपीता लिया जाये, तो यह बेहतर है

डॉ. दिव्या गांधी के अनुसार, मधुमेह रोगियों को इन बातों का भी ख्याल रखना होगा

संतुलित और स्वस्थ आहार लेना।
नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच कराते रहना।
नियमित फिजिकल एक्टिविटी में संलग्न होना।
डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं को समय पर लेते लेना।
न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श लेकर अपने लिए डेली डाइट निर्धारित करना।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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