अगर आप यह पढ़कर हैरान हैं कि सर्दियों की इतनी लोकप्रिय और हर घर में मौजूद औषधि पर हम सवाल क्यों खड़ा कर रहे हैं, तो हम आपको कतई दोष नहीं देंगे। इस समय हम काढ़ा पर बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कोविड-19 महामारी से बचने के लिए इस समय भी काढ़ा पिए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
कोरोना वायरस के उपचार के लिए जब तक कोई दवा नहीं बन जाती, तब तक हमें उन आयुर्वेदिक औषधियों पर ही भरोसा करना है, जो प्राकृतिक तौर पर इम्यूनिटी बूस्ट करती हैं।
इससे पहले कि आप कोरोनावायरस से मुकाबला करने और अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए काढ़ा पीना शुरू कर दें, हम इस बारे में बात करने के लिए एक पोषण विशेषज्ञ को लेकर आए हैं। डॉ. नेहा पठानिया, पारस हॉस्पिटल गुरूग्राम में न्यूट्रिशनिस्ट हैं।
डॉ पठानिया बताती हैं, “काढ़ा एक आयुर्वेदिक औषधीय पेय है, जिसमें आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने वाले औषधीय गुण हैं। इसे कुछ औषधीय पौधों को उबाल कर बनाया जाता है, जैसे – गिलोय, गुदुची, तुलसी, मुलैठी और कुछ औषधीय मसालों जैसे – अदरक, हल्दी और दालचीनी आदि।”
वे आगे कहती हैं, “यह औषधीय पेय मौसमी जुकाम और संक्रमण से बचाने में मददगार होता है। इसके अलावा ये उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो आर्थराइटिस, लगातार होने वाला सिरदर्द, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन, गुर्दे और यकृत संबंधी विकार के शिकार हैं।”
डॉ पठानिया के अनुसार काढ़ा इस खतरनाक बीमारी को आपसे दूर रखने की सर्वोत्तम औषधि है। “क्योंकि इसमें जड़ी-बूटियों और मसालों का सम्मिश्रण होता है, इसलिए यह एंटीऑक्सीटडेंट से भरपूर होता है। जिससे यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। अब तक आई कई रिपोर्ट इसी बात को दोहरा रहीं हैं कि कोरोना वायरस उन्हीं पर ज्यादा घातक होता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में काढ़ा पीना आपको इस महामारी से बचाए रखने का सुरक्षात्मक कवच है।”
डॉ पठानिया चेतावनी देती हैं, “काढ़ा एक हेल्दी ड्रिंक है, जिसका सेवन सर्दियों में किया जाता है। पर इस गर्म मौसम में अगर कोई जरूरत से ज्यादा काढ़ा पीने लगता है, तो इससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें एसिडिटी, हाई ब्लड प्रेशर, एंग्जायटी, जी मचलाना, नाक से खून बहना और छाती में जलन आदि शामिल हैं। ऐसा काढ़ा में इस्तेमाल किए जाने वाले थर्मोजेनिक अवयवों के कारण होता है।”
असल में काढ़ा बनाने में कुछ ऐसी औषधीय हर्ब्स का इस्तेेमाल किया जाता है, जिनकी तासीर गर्म होती है। जैसे काली मिर्च, अदरक और हल्दी । ये सभी तत्व शरीर की गर्मी बढ़ा देते हैं। जिससे आपको एसिडिटी होने लगती है। गर्मियों के मौसम में शरीर में गर्मी का बढ़ना और भी कई दुष्प्रभाव छोड़ सकता है।
इसके अलावा काढ़ा बनाने में शहद, गुड़ या चीनी का प्रयोग करना, मिठास बढ़ाने के लिए, डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए परेशानी बढ़ा सकता है।
तब आखिर गर्मियों में काढ़ा कितना और कैसे पिया जाए, इस बारे में डॉ पठानिया कुछ महत्व़पूर्ण बिंदु रेखांकित कर रहीं हैं –
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कस्टमाइज़ करें1 काढ़ा पीने का सर्वोत्तम समय सुबह का है। सुबह उठने के एक घंटे बाद आप काढ़ा पी सकती हैं। पर अगर आप शाम के समय काढ़ा पीना चाहती हैं, तो 4 से 5 बजे का समय ठीक रहेगा, जबकि गर्मी इतनी ज्यादा नहीं रह जाती।
2 अगर आप सुबह के समय काढ़ा पी रहीं हैं, तो ध्यान रखें कि इसे खाली पेट बिल्कुल न पिएं। क्योंकि इसमें मौजूद सामग्री आपको एसिडिटी दे सकती है। इसलिए इसे नाश्ते के बाद पीना बेहतर होगा।
3 अगर आप मतली आना, एसिडिटी, गर्मी या किसी भी तरह की परेशानी से बचना चाहती हैं, तो एक दिन में 150 मिली. से ज्यादा काढ़ा न पिएं। बेहतर परिणाम के लिए यह जरूरी है कि आप इसे दिन भर में एक या दो बार से ज्यादा न पिएं।
4 उन मसालों की मात्रा सीमित रखें, जिनकी तासीर गर्म होती है। जैसे – काली मिर्च और अदरक आदि।
5 काढ़ा बनाने में शहद को भी एड करें, जिससे कि हर्ट बर्न और एसिडिटी जैसी समस्या से बचा जा सके।
6 अगर आप डायबिटिक हैं, तो काढ़ा बनाने में शहद और मुलैठी का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें।
7 अगर आपका शरीर इसे पचा नहीं पा रहा है तो बेहतर है कि आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लेमन टी, ग्रीन टी, होम मेड ब्लैक टी, ब्लैक या ग्रीन कॉफी का सेवन करें।
तो, काढ़ा अगर सही मात्रा में और सही तरीके से लिया जाए तो यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाकर आपको कई तरह के संक्रमण से मुकाबला करने में मदद कर सकता है।