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मम्मी कहती हैं फ्रूट जूस से ज़्यादा बेहतर हैं साबुत फल खाना, जानिए क्या है सच्चाई

हर दिन नाश्ते में एक गिलास संतरे का जूस पीना आपको एक हेल्दी आदत लग सकती है। मगर जूस का ज़्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है और इसके बजाय फल खाना ज़्यादा बेहतर है।
फलों के रस की तुलना में साबुत फल खाने से क्या लाभ होता है. चित्र : शटरस्टॉक
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क्या आप भी मेरी तरह हर ब्रेकफास्ट में जूस लेना पसंद करते हैं? यदि हां … तो यह लेख आपके लिए है। मुझे भी फ्रूट जूस पीने का बहुत शौक है और किसको नहीं होता?! ये टेस्टी होते हैं और हेल्दी भी। फलों को धो, छीलो काटो, उससे तो अच्छा है कि इनका जूस पीलो, ये यह ज़्यादा रिफ्रेशिंग भी लगेगा है न? मैं भी यही सोचती थी।

एक दिन ऐसे ही सुबह उठकर ऑरेंज जूस पिया और पेट में दर्द शुरू। मेरी मम्मी नें यह देखते ही कहा कि सुबह – सुबह जूस कौन पीता। यह सेहत के लिए सही नहीं है। सही नहीं है?! पर क्यों? जूस तो हेल्दी होते हैं – मैंने मम्मी से पूछा। उनका कहना था कि जूस बेहतर है फल खाना वो भी कुछ खाने के बाद, नहीं तो पेट दर्द, एसिडिटि और गैस भी हो सकती हैं।

मैंने इस विषय में ऑनलाइन पढ़ने की कोशिश की और देखिये मुझे क्या मिला –

हावर्ड हेल्थ भी मानता है मम्मी की सलाह

अन्य खाद्य पदार्थों की तरह, विभिन्न फलों में अलग-अलग पोषक तत्व होते हैं। हावर्ड हेल्थ के अनुसार साबुत फल फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं। जबकि फलों के रस में यह नहीं होता है। उदाहरण के लिए, एंटीऑक्सीडेंट जो स्वाभाविक रूप से पौधों के तंतुओं से बंधे होते हैं, जूस निकालने की प्रक्रिया के दौरान यह खो जाते हैं।

एक कप फ्रूट जूस, यहां तक ​​कि 100% फलों के रस में, पूरे फल की तुलना में बहुत अधिक चीनी होती है। इसके अलावा, रस की तुलना में साबुत फल खाने से अधिक तृप्ति महसूस होती है। इसलिए फलों और सब्जियों का जूस पीने से बेहतर है कि उन्हें पूरा खाया जाए।

हालांकि, अगर यह नैचुरल जूस है, बिना किसी चीनी के तो इससे परहेज नहीं करना चाहिए। मगर, आपको दिन में एक – दो गिलास से ज़्यादा जूस नहीं पीना चाहिए।

आपके स्वास्थ्य के लिए ज़्यादा फायदेमंद हैं सबूत फल। चित्र : शटरस्टॉक

तब क्या फ्रोजन फ्रूट्स भी खाए जा सकते हैं?

किराने की दुकान के फ्रीजर में अक्सर विभिन्न प्रकार के फ्रोजन फ्रूट्स का भंडार होता है। इन्हें अक्सर छीलकर पहले ही काट लिया जाता है। इन फलों को आमतौर पर काट कर जल्दी से जमा दिया जाता है। इसलिए पोषक तत्वों अच्छी तरह लॉक हो जाते हैं। इसके अलावा, कुछ मौसमी फल जैसे ब्लूबेरी फ्रोजन रूप में आसानी से उपलब्ध हैं।

फ्रोजन फलों का चुनाव करने का सबसे अच्छा तरीका है कि यह जांच लें कि इनमें कोई एडेड शुगर तो नहीं। यह प्लेन होने चाहिए।

ज़्यादा जूस पीने के हो सकते हैं कुछ साइड इफैक्ट्स

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नियमित रूप से अधिक मात्रा में जूस पीने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।

ज़्यादा कोन्सनट्रेटेड जूस नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिनमें दस्त, घबराहट, चक्कर आना और थकान शामिल हैं। साथ ही, जूस पीने से उन लोगों को नुकसान हो सकता है जिन्हें किडनी की समस्या है।

चलते – चलते

ताजे जूस में महत्वपूर्ण विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं। हालांकि, फल और सब्जियां तब भी स्वास्थ्यप्रद और सबसे अधिक पौष्टिक होती हैं, जब इनका पूरा सेवन किया जाता है।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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