क्या लो कार्ब्स डाइट सच में वेट लॉस में मददगार है? एक एक्सपर्ट से जानते हैं इसके फायदे और नुकसान

वजन घटाने के लिए कई लोग कार्ब्स को लेना बंद कर देते है। लेकिन कार्ब्स ही आपके शरीर में ऊर्जा का स्रोत होते है। तो इसको बंद करना आपके लिए फायदेमंद है या नहीं चलिए जानते है।
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लो कार्ब डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम किया जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 1 Mar 2024, 07:52 am IST
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लो कार्ब डाइट को लंबे समय से वजन घटाने, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिए फायदेमंद माना जाता रहा है। कार्ब्स इस बात पर काफी हद तक निर्भर करता है कि शरीर उनका उपयोग कैसे करता है। शरीर ऊर्जा के लिए कार्ब्स का उपयोग करता है, लेकिन जब कार्ब्स को आप लेना बंद कर देते है, तो शरीर ऊर्जा के लिए अपने वसा भंडार का इस्तेमाल करने लगता है। यह आम तौर पर वजन घटाने में आपकी मदद करता है।

सिंपल कार्ब्स (जैसे पेस्ट्री, सफेद ब्रेड, कुकीज़ और कुछ पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थ) से भरपूर आहार मधुमेह और मोटापे जैसी पुरानी बीमारी के बढ़ते जोखिम का कारण हो सकता है।

मेडिकवर अस्पताल के पोषण और आहार विज्ञान विभाग में कार्यरत डॉ. राजेश्वरी पांडा बताती है कि कम कार्बोहाइड्रेट डाइट वजन घटाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे आपकी फैट बर्न होता ह और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में भी मदद मिलती है।

kya hai low caarb diet
कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करने से, शरीर को एनर्जी के लिए वसा पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। चित्र : शटरस्टॉक

चलिए समझते है लो कार्ब डाइट क्या है

जैसा कि नाम से ही आपको शायद समझ में आ गया होगा कि लो कार्ब डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम किया जाता है, जो मुख्य रूप से अनाज, फल, स्टार्चयुक्त सब्जियां और शर्करा जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसके बजाय, ये आहार प्रोटीन, हेल्दी फैट और गैर-स्टार्च वाली सब्जियों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर जोर देते हैं।

कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करने से, शरीर को एनर्जी के लिए वसा पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है, इस स्थिति को केटोसिस कहा जाता है। ऐसी कई डाइट होती है जिसमें आप कार्ब्स लेना बंद कर देते है। उन्हे कई अलग अलग नाम से जाना जाता है, लेकिन सब में आप कार्ब्स की मात्रा को ही घटाते है।

कम कार्बोहाइड्रेट वाली पॉपुलर डाइट

1 केटोजेनिक (कीटो) डाइट

कीटो डाइट में आमतौर पर प्रति दिन 20 से 50 ग्राम कार्ब्स शामिल होते हैं। कीटो डाइट का लक्ष्य कीटोसिस को प्रेरित करना है। आमतौर पर, शरीर अपने मुख्य एनर्जी स्रोत के रूप में कार्ब्स को प्राथमिकता देता है, लेकिन जब पर्याप्त कार्ब्स उपलब्ध नहीं होते हैं, तो शरीर ऊर्जा के लिए संग्रहीत फैट को बर्न करने लगता है। फैट बर्न को ही कीटोसिस के नाम से जाना जाता है।

2 एटकिन डाइट

यह आहार इस विचार पर आधारित है कि पारंपरिक लो कैलोरी डाइट के विपरीत कम कार्ब का सेवन वजन घटाने के लिए बेहतर है। आज, एटकिन्स डाइट की विविधताएं हैं, जिसमं प्रति दिन 20 से 100 ग्राम कार्ब्स तक होते है। आमतौर पर, जब फलों और सब्जियों की बात आती है तो एटकिन्स डाइट कम प्रतिबंधात्मक होता है, जो इसे विटामिन और खनिजों की बढ़ती खपत के लिए एक अच्छा विकल्प बना सकता है।

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3 पैलियोलिथिक (पैलियो) आहार

पैलियो डाइट पुरापाषाण युग के शिकारी समूहों द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे हैं। आहार में लगभग 25% कार्ब्स होते हैं और इसमें सभी अनाज, फलियां, डेयरी, चीनी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल नहीं होते हैं।

लो कार्ब्स डाइट के हैं कई फायदे

वजन कम करती है

डॉ. राजेश्वरी पांडा बताती है कि वजन घटाने के लिए कम कार्ब डाइट मदद कर सकती है। जिसका कारण अक्सर कम कैलोरी सेवन और प्रोटीन और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से भूख कम लगना होता है। वजन घटाने के लिए लो-कार्ब डाइटिंग प्रभावी है या नहीं, इसका सही उत्तर थोड़ी कठिन है।

कम कार्ब वाली डाइट वजन घटाने का एक सहायक घटक हो सकता है, लेकिन केवल तभी जब कई अन्य चीजों पर भी ध्यान दिया जाए, जैसे कि तरल पदार्थ का विकल्प, रिकवरी, भूख प्रबंधन, व्यायाम।

कीटो डाइट में आमतौर पर प्रति दिन 20 से 50 ग्राम कार्ब्स शामिल होते हैं। चित्र-शटरस्टॉक

मेटाबोलिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

लो कार्ब डाइट को रक्त शर्करा के स्तर, इंसुलिन संवेदनशीलता और लिपिड प्रोफाइल सहित विभिन्न मेटाबॉलिज्म में सुधार के साथ जोड़ा गया है। कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके, ये आहार रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं, जिससे वे टाइप 2 डायबिटीज या इंसुलिन प्रतिरोध वाले व्यक्तियों के लिए संभावित रूप से फायदेमंद हो सकते हैं।

लो कार्ब्स डाइट की कमियां

डॉ. राजेश्वरी पांडा बताती है कि लो कार्ब डाइट कुछ व्यक्तियों के लिए लाभ प्रदान कर सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हो सकती है। सख्त लो कार्ब डाइट का पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर ऐसे वातावरण में जहां कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में लिा जाता है।

इसके अलावा, अगर ठीक से योजना न बनाई जाए तो कुछ खाद्य समूहों को खत्म करने या गंभीर रूप से प्रतिबंधित करने से पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। किटोसिस प्रारंभिक चरण के दौरान कुछ व्यक्तियों को थकान, कब्ज या सांसों की दुर्गंध जैसे दुष्प्रभावों का भी अनुभव हो सकता है।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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