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भारतीय साग हैं केल से भी ज्यादा पौष्टिक, यहां है पूरी सूची और पौष्टिक तत्व

पिछले कुछ वर्षों में फिटनेस फ्रीक्स के बीच केल की लोकप्रियता काफी बढ़ गयी है। मगर, अपने चारों ओर देखें, तो आपको भारतीय साग की एक श्रृंखला मिलेगी जो केल से काफी ज्यादा पौष्टिक है!
मेथी फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, कॉपर, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, विटामिन ए, बी6, सी, का अच्छा स्रोत है। चित्र : शटरस्टॉक
Dr Lovneet Batra Updated: 23 Oct 2023, 09:46 am IST
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पिछले एक दशक में एक तरह का केल विस्फोट देखा गया है। जो अपने असामान्य हरे रंग के कारण आकर्षित करता था। मगर चुनिंदा स्वास्थ्य खाद्य भंडारों और कैफे में पाया जा जाता था। मगर वह अचानक आम भारतीय की कार्ट में शामिल हो गया और इसके गुणों का बखान किया जाने लगा। यह सब सलाद, जूस और स्मूदी के साथ शुरू हुआ – और फिर पेस्टो से लेकर चिप्स और पाउडर तक सभी प्रकार के आकार और रूप में नजर आने लगा। यकीनन केल पौष्टिक है। पर इस विदेशी सब्जी की तुलना में हमारे पास बहुत सारे हरे पौष्टिक साग हैं।

आजकल आपको केल चिप्स हर सुपर मार्केट में रखें हुए मिल जाएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है, यह आपके आहार में शामिल करने के लिए एक अच्छा भोजन है। इसमें विटामिन ए, बी 6, सी और के शामिल हैं। इसके अलावा, यह फाइबर में समृद्ध है और कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट में कम है, जो इसे मधुमेह और वजन के अनुकूल सब्जी बनाता है।

मगर जो खाद्य पदार्थ जलवायु के अनुकूल होते हैं, उनका पोषण मूल्य अधिक होता है। भारत में साग की एक विस्तृत विविधता है, जो केल की तरह ही पौष्टिक है – और स्वादिष्ट भी!

1. ऐमारैंथ साग (Amaranth greens)

पोषक तत्व: पोटेशियम, लोहा, मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन A, विटामिन E

राजगिरा के पत्ते काफी हद तक पालक के समान दिखते हैं और पोषण के लिहाज से काफी अच्छे हैं। इनमें आयरन, पोटेशियम और विटामिन सी जैसे स्वास्थ्य-आवश्यक पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला होती है। इनमें टोकोट्रिएनोल्स का उच्च स्तर भी होता है, एक प्रकार का विटामिन ई जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।

अध्ययनों से यह भी पता चला है कि ऐमारैंथ के पत्ते रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। ये पत्ते आहार फाइबर से भरपूर होते हैं और आसानी से पचने योग्य होते हैं। जो उन्हें बच्चों, बड़ों और पाचन संबंधी समस्याओं वाले किसी भी व्यक्ति के लिए आदर्श बनाते हैं।

इसे कैसे लें: आप इसका सब्जी, स्टिर-फ्राई या सूप के रूप में सेवन कर सकते हैं।

आपके लिए फायदेमंद है चुकंदर। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. चुकंदर का साग (Beetroot greens)

पोषक तत्व: विटामिन A, विटामिन K, विटामिन C, विटामिन E

इस लाल जड़ वाली सब्जी की पत्तियों में वास्तव में अन्य रूट्स की तुलना में अधिक कैरोटीनॉयड होते हैं! चुकंदर के साग के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इनमें मौजूद पोषक तत्व एनीमिया, रक्तचाप, कैंसर, रूसी, गैस्ट्रिक अल्सर, गुर्दे की बीमारियों, पित्त की बीमारियों जैसे पीलिया, हेपेटाइटिस सहित कई बीमारियों को ठीक कर सकते हैं और रोक सकते हैं।

महिलाओं के लिए, यह उम्र बढ़ने और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा भोजन है। विटामिन सी प्रकृति में एंटी इंफ्लेमेटरी है और त्वचा की उम्र बढ़ने से रोकने में मदद करता है। विटामिन K की उच्च मात्रा (300% तक) कैल्शियम के अवशोषण में सुधार करती है, जो हड्डी के ऊतकों को मजबूत करने के लिए आवश्यक है, जिससे यह ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के खिलाफ एक निवारक एजेंट बन जाता है।

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इसे कैसे लें: आप इसका भी सब्जी, स्टिर-फ्राई या सूप के रूप में सेवन कर सकती हैं।

3. कलमी (water spinach)

पोषक तत्व: विटामिन A, एंटीऑक्सीडेंट, खनिज

पीलिया और लीवर की समस्याओं के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में कलमी या पानी के पालक का उपयोग वर्षों से किया जा रहा है। कलमी एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध है और इसमें टोक्सिन्स एंजाइमों को संशोधित करने की क्षमता है। यही कारण है कि इसके अर्क का उपयोग लिवर डैमेज से बचाने के लिए किया जाता है।

नियमित रूप से इसका सेवन करने से मधुमेह से प्रेरित ऑक्सीडेटिव तनाव के खिलाफ प्रतिरोध में भी मदद मिल सकती है। (यह गर्भवती महिलाओं में मधुमेह के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है)। वॉटर स्पिनेच में भी कई उपचार गुण होते हैं और यह अल्सर, मासिक धर्म के दर्द और दांत दर्द के इलाज में प्रभावी है।

इसे कैसे लें: आप इसे सब्जी के रूप में तैयार कर सकते हैं।

मेथी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक।

4. मेथी के पत्ते ( Fenugreek leaves)

पोषक तत्व: विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, कैरोटीन, खनिज

मेथी में जबरदस्त पौष्टिक लाभ होते हैं। ऊपर बताए गए विटामिन के अलावा, इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम और मैंगनीज जैसे खनिज भी होते हैं। मेथी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का काम करती है। यह इंसुलिन उत्पादन में भी सहायता करता है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर कम होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा भोजन बन जाता है।

इसमें घुलनशील और अघुलनशील आहार फाइबर की अच्छी मात्रा भी होती है, जो पाचन और मल त्याग में सहायता करता है।

इसे कैसे लें: इसका उपयोग आलू-मेथी, सब्जी, करी और दाल में मिलाकर भी कर सकती हैं।

5. मूली के पत्ते

पोषक तत्व: कॉपर, विटामिन A, सेलेनियम

ये पत्ते आवश्यक विटामिन और खनिजों के साथ एक प्रमुख प्रतिरक्षा बूस्टर हैं। यह कॉपर में समृद्ध है, जो जीवित रहने के लिए जरूरी है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने और हमारी कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मूली के पत्तों में सेलेनियम भी होता है, जो एक शक्तिशाली पौष्टिक एंटीऑक्सीडेंट है। यह सूजन और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को दृढ़ता से प्रभावित करता है। इन पत्तियों में विटामिन ए भी होता है – एक सूक्ष्म पोषक तत्व जो सेलुलर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को विनियमित करने के अलावा, कोशिका वृद्धि और विकास को बढ़ावा देता है।

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Dr Lovneet Batra

Lovneet Batra is one of Delhi’s most insightful nutritionist and columnist. She holds a BS and MS in Dietetics from Michigan State University and believes in a sustainable, ‘no deprivation’ approach to a meaningful, long-lasting lifestyle makeover. Going beyond fads & myths, she makes nutrition simple and straight. A nutritionist who believes good food and good health are best buddies, she begins her day with a “paneer paratha” for the breakfast because it keeps her happy, full and energized for the rest of the day. For her, nutrition is delicious & doable. ...और पढ़ें

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