सोनम कपूर, अर्जुन कपूर, अदनान सामी, करण जौहर जैसे कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज हैं, जिन्होंने अपने बहुत अधिक बढ़े हुए वजन को कीटो डाइट(Keto Diet) की सहायता से कम किया था। सेलिब्रिटीज की वजह से यह डाइट इतनी पॉपुलर हो गई है कि इसे सेलिब्रिटी डाइट (Celebrity Diet) कहा जाने लगा और आम लोग भी इसका अंधानुकरण करने लगे। पर कोई भी चीज़ चाहें वह कितनी भी अच्छी हो, सभी पर एक जैसा काम नहीं करती। अगर आप भी दूसरों की देखादेखी, कीटो डाइट फॉलो करने की योजना बना रहीं हैं, तो पहले इससे होने वाले स्वास्थ्य जोखिम (Keto diet side effects) के बारे में भी जान लें।
यदि हम कीटो डाइट का मतलब निकालें, तो यह एक ऐसी डाइट है, जिसमें व्यक्ति को बिल्कुल भूखा (Starved) रहना पड़ता है। यह डाइट तेजी से वजन तो घटा (Weight Loss) सकती है, लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं कही जा सकती है।
डॉक्टर के सही गाइडेंस के अभाव में बहुत सारे लोगों ने इस डाइट को अपनाने के बाद अपनी जान भी गंवा दी। कीटो डाइट के बारे में जानने के लिए हमने बात की न्यूट्रीशनिस्ट ऐंड डाइट एक्सपर्ट डॉ. कृति श्रीराम से।
बॉडी द्वारा मेटाबॉलिक अडेप्शन है कीटोसिस, जो बिल्कुल भूखा रहने पर भी शरीर को जीवित रहने के अनुकूल बना पाता है। कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट न के बराबर लिया जाता है और प्रोटीन बहुत कम मात्रा में लिया जाता है।
इसमें सबसे ज्यादा मात्रा में फैट लिया जाता है। जब हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट नहीं मिलता है, तो ब्लड में ग्लूकोज भी नहीं बन पाता। ग्लूकोज एनर्जी का मुख्य स्रोत है। तब एनर्जी पाने के लिए शरीर में कीटोंस बनने लगते हैं। यह एक प्रकार का फ्यूल है, जो फैट से लिवर प्रोड्यूस करता है।
डॉ. कृति श्रीराम बताती हैं कि कीटो डाइट या कीटोजेनिक डाइट एक हाई फैट डाइट है। इस डाइट में ऊर्जा के लिए शरीर फैट पर निर्भर करता है। इस डाइट में आप कार्बोहाइड्रेट नहीं खाते हैं। इसके उलट फैट बहुत ज्यादा मात्रा में लिया जाता है।
इसके लिए कीटो शेक्स, ढेर सारा चीज-बटर, नाम मात्र की सब्जियां खाई जाती हैं, लेकिन आप फल नहीं ले सकती हैं। प्रोटीन के लिए चिकन, मटन, हैवी फैट वाली फिश, अंडा आदि खाया जाता है। बिना चीनी वाली चॉकलेट और नारियल तेल को बढ़िया कीटो फूड माना जाता है। इस डाइट के अंतर्गत आपको अपनी कैलोरी का 75 प्रतिशत फैट से ही पूरा करना पड़ता है। इसके लिए कार्बोहाइड्रेट से 5 प्रतिशत कैलोरी और प्रोटीन से 15 प्रतिशत कैलोरी ही लेनी होती है।
डॉ. कृति श्रीराम के अनुसार, कीटो डाइट से वेट लॉस तो हो जाता है, लेकिन यह एक फैड डाइट(Fad Diet) यानी सनक वाली डाइट है। यह तुरत-फुरत में वेट लॉस का तरीका है। लॉन्ग टर्म में यह अनहेल्दी है। अक्सर यह देखा जाता है कि कीटो डाइट छोड़ने के बाद आप जिस गति से वेट लॉस करती हैं, उससे अधिक गति से आप वजन वापस बढ़ा लेती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के कीटो डाइट लेना जानलेवा भी साबित हो सकता है।
यदि आप डायबिटीज की मरीज हैं और ब्लड शुगर को घटाने के लिए दवा ले रही हैं, तो कीटो डाइट आपको खतरे में डाल सकती है। इससे आपको हार्मोनल प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। कीटोन का लेवल बढ़ जाने पर कीटोसिडोसिस (Ketoacidosis) भी हो सकता है। इस डायबिटीज के कारण मरीज कोमा में भी जा सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है।
यदि आप हार्ट फ्रैंडली फूड से बहुत अधिक अवगत नहीं हैं या आपको दिल में किसी प्रकार की समस्या है, तो कीटो डाइट फैट बढ़ाकर आपकी जान को खतरे में भी डाल सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंकीटो डाइट से लो ब्लड प्रेशर, किडनी स्टोंस, कॉन्सिटिपेशन, न्यूट्रीएंट्स डेफिसिएंसी होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि पैंक्रियाज, थायरॉयड, गॉलब्लैडर या लीवर में कोई समस्या है, तो कीटो डाइट लेना आपके लिए सुरक्षित नहीं है।
वेट लॉस का आपके पाचन से बहुत गहरा संबंध है। वे लोग जल्दी वेट लॉस कर पाते हैं, जिनका पाचन तंत्र मजबूत होता है। वहीं अगर आपका डाइजेशन ठीक नहीं है, तो कीटो डाइट लेने से आपको गैस या एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
कभी-कभी कीटो डाइट से एलर्जिक प्रॉब्लम जैसे कि चक्कर आना, पेट खराब हो जाना, लो फील करना आदि जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। इसे चिकित्सकों द्वारा कीटो फ्लू का नाम दिया गया है।
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