इबादत का महीना रमज़ान (Ramdaan) अपने साथ ढेर सारी खुशियां लेकर आता है। रहमतों और बरकतों के इस महीने में सहरी और इफ्तार के वक्त पारंपरिक व्यंजनों से दस्तरखान सजाया जाता है। यही डीप फ्राइड ट्रेडिशनल रेसिपीज़(Traditional recipes) अकसर वेट गेन का कारण बन जाती हैं। ज्यादातर लोग सिर्फ खाने के समय और पेट भरने को प्राथमिकता देते हैं, जबकि पोषण का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है। यहां एक एक्सपर्ट बता रहीं हैं कुछ टिप्स, जो रोज़े में आपकी भूख कंट्राेल करेंगे और वजन भी नहीं बढ़ने देंगे (food tips for Iftaar and sehri)।
रमज़ान में वजन न बढ़े, इसके बारे में सुझाव दे रहीं हैं डायटीशियन गरिमा। गरिमा कहती हैं कि अगर आप पौष्टिक खाने को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं, तो इससे आप दिनभर एक्टिव और स्वस्थ रहेंगे। साथ ही आपको वजन बढ़ने की चिंता भी नहीं रहेगी।
सहरी के अलावा इफ्तार में भी आप खजूर खा सकते हैं। सहरी में खजूर खाना बेहद फायदेमंद साबित होता है। विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और मैग्नीशियम से भरपूर खजूर में नेचुरल शुगर होती है। इससे शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता है। आप खजूर को चबाकर खाने के साथ साथ इसकी बर्फी, शेक, खीर समेत कई डेजर्टस बना सकते हैं। इसके अलावा दूध के साथ भी आप खजूर खा सकते है। इससे कब्ज समेत कई समस्याएं दूर होने लगती है। अधिकतर लोग खजूर खाकर रोज़ा खोलते है। दरअसल, खजूर खाकर रोज़ा खोलना एक सुन्नत है।
डाइटीशियन गरिमा के मुताबिक सहरी के वक्त भीगे हुए बादाम और पोटेशियम से भरपूर केला खा सकते हैं। इसके अलावा फाइबर रिच डाइट के लिए सेब, नाशपती, संतरा, किन्नू, खीरा और ककड़ी को अपनी डाइट में शामिल करें।
डाइटीशियन गरिमा का कहना है कि सहरी के वक्त कुछ अच्छे कार्ब्स और प्रोटीन को डाइट में लें। रोटी के साथ अंडे या पनीर की भुर्जी और दाल ले सकते हैं। रोटी की जगह आप चावल ले सकते हैं। इसके अलावा सीमित मात्रा में चिकन और मटन भी मील में एड कर सकते हैं। प्रोटीन रिच दूध, दही, पनीर, अंडे और फिश में से कुछ न कुछ ज़रूर एड करें। इससे आप दिनभर एनर्जी से परिपूर्ण रह सकते हैं।
सहरी के वक्त चाय और कॉफी के सेवन से बचें। इससे ब्लॉटिंग और एसिडिटी की समस्या होने का खतरा रहता है। फाइबर युक्त फूड जैसे, खीरा, संतरा तरबूज और खरबूजा अवश्य खाएं। इससे बार बार प्यास लगने की समस्या नहीं होती है।
सहरी के वक्त आप दूध, दही, योगर्ट और पनीर से बनी रेसिपीज़ का सेवन कर सकते है। इससे दिनभर शरीर में ताकत बनी रहती है।
इफ्तार के वक्त हाई कैलोरी और डीप फ्राइड फूड आइटम्स लेने से बचें। इससे ब्लॉटिंग और एसिडिटी का खतरा रहता है। इस तरह का खाना भूख को पूरी तरह से शांत नहीं कर पाता है। ऐसे में कई बार हम बहुत ज्यादा मात्रा में स्पाइसी फूड खा लेते हैं।
जब हम बड़ी मात्रा में स्वीटनर्स और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कर लेते हैं, तो ये हमारी ब्लड शुगर को बढ़ाता है। साथ ही इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी प्रभावित करता है। ये कई बार शरीर में निर्जलीकरण का कारण भी साबित हो सकते है। दरअसल, ज्यादा पीठा पीने से बार बार प्यास लगने लगती है।
इफ्तार के वक्त अन्य चीजों के साथ साथ पानी भी ज़रूर पीएं। इससे शरीर में निर्जलीकरण का खतरा नहीं रहता है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए नींबू पानी, डिटॉक्स वाटर और प्लेन दूध या फ्लेवर्ड मिल्क का सेवन कर सकते हैं।
कई बार एक साथ ज्यादा खाना खाने से डाइजेशन संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस बात का ख्याल रखें कि इफ्तार के वक्त खाने को टुकड़ों में लें। पूरी प्लेट एक साथ खाने से डाइजेशन में परेशानी हो सकती है। साथ ही स्पाइसी फूड अवॉइड करें। इसके लिए दो घंटों के गैप में आप अपनी मील प्लान कर सकते हैं। इससे खाना आसानी से डाइजेस्ट हो सकता है।
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