जिमीकंद या सुरन इस नाम से भले ही आप अवगत न हों, लेकिन आपने कहींं न कहीं इसे देखा जरुर होगा। इसे आमतौर पर ओल के नाम से भी जाना जाता है। जिमीकंद (Yam) में एक रहस्यमयी गुण है, जिसके बारे में आपको मालूम होना चाहिए। जिमीकंद का सेवन करने से आप आसानी से वेट लॉस कर सकती हैं।
इस सब्जी का आकार हाथी के पैर के जैसा होता है। यह भारत, अफ्रिका और अन्य एशियाई देशों में अधिक खाया जाता है। इस सब्जी में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और बीटा कैरोटीन गुण होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसमें कई विटामिन और मिनरल होते हैं,जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
जिमीकंद में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी, वसा, कार्बोहाइडेट, प्रोटीन, पोटीशियम और फाइबर होता है। इस सब्जी में विटामिन B6, विटामिन B1, राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, नियासिन, विटामिन ए और बीटा केरोटीन भी पाया जाता है, जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाता है।
उच्च फाइबर से भरपूर होने की वजह से इस सब्जी को स्लिमिंग फूड के नाम से जाना जाता है। यह सब्जी वजन घटाने को बढ़ाना देता है और शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। लेकिन आपको इसे ठीक से पकाना है। अगर आप इसे तेल में डीप फ्राई करते हैं तो आप वजन कम करने की उम्मीद नहीं कर सकते। जिमीकंद में मौजूद फाइबर आपके पेट में रहने वाले अनुकूल बैक्टीरिया के लिए भी अच्छा होता है।
इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन और बहुत कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन के स्तर को कम करते हुए शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। सुरन में बहुत कम 0.2-0.4% वसा और उच्च स्तर लगभग 1.7-5% फाइबर होता है, जो इसे वजन घटाने की प्रक्रिया में एक आदर्श भोजन बनाता है।
जिमीकंद में शक्तिशाली यौगिक होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम करते हैं।
इन रोगियों के लिए जिमीकंद बहुत फायदेमंद होता है। इसमें कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। मधुमेह के रोगियों को नियमित रूप से अपने आहार में जिमीकंद को शामिल करना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंसुरन तनाव दूर करने के लिए अच्छा पाया गया है। इसमें विटामिन ए, पोटेशियम और आयरन होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और मूड को बदल देता है।
यह बवासीर की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। जो लोग कब्ज और बवासीर से पीड़ित हैं उन्हें अपने आहार में हाथी के पैर के रतालू को शामिल करना चाहिए।
सुरन में दर्द कम करने वाले और सूजन रोधी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द को कम करते हैं। हाथी के पैर के रतालू में अच्छी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कई बीमारियों के खतरे को नियंत्रित करते हैं।
जिमीकंद को एस्ट्रोजन बढ़ाने वाला भोजन कहा जाता है। सुरन उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट भोजन है जो एस्ट्रोजन स्तर को बढ़ाना चाहते हैं। ये सब्जी विटामिन बी 6 और एंटीस्पास्मोडिक गुण पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को रोकने और ठीक करने में मदद करते हैं।
अगर आप गर्भवती या स्तनपान कराने वाली मां हैं तो आपको इस सब्जी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की मंजूरी जरूर लेनी चाहिए।
गठिया, गुर्दे की पथरी और अति अम्लता की प्रवृत्ति वाले लोगों को इस पौधे को अपने आहार में शामिल करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
अस्थमा/पुरानी सर्दी से पीड़ित रोगियों को सुरन का सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी डॉक्टर की सलाह लेकर ही जिमीकंद का सेवन करना चाहिए।
साइनस के संक्रमण से पीड़ित मरीजों को भी जिमीकंद खाने से बचना चाहिए।
जिमीकंद के रस के सेवन से उल्टी, जी मिचलाना, दस्त और सिरदर्द जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
इसे चर्म रोग वाले और रक्तस्राव विकार या रक्तपित्त से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं लेना चाहिए।
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