पिछले कुछ समय में कीटो आहार (Keto diet) ने भारत में विशेष लोकप्रियता हासिल की है। काफी सारे बॉलीवुड सेलेलिब्रिटी वजन घटाने के लिए इस आहार को फॉलो कर रहे हैं। हालांकि वजन कम करने के लिए कीटो एक बेहतर विकल्प बन सकता है।
कीटोजेनिक डाइट (ketogenic diet plan) के वजन घटाने के मामले में बहुत अच्छेे परिणाम भी सामने आए हैं। तब भी यह समझ लीजिये कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा विकल्प नहीं है। हर अच्छी बात का एक दूसरा पहलू भी होता है। उसे फॉलो करने से पहले यह जरूरी है कि आप उसके दोनों पहलुओं के बारे में अच्छी तरह जान लें।
कोई भी विशेष आहार योजना कितनी सुरक्षित हो सकती है या इसके परिणाम शानदार हो सकते हैं या फिर इससे आपके लिए कितने दुष्प्रभाव पैदा हो सकता है। ये निर्भर करता है आपके पास पर्याप्त जानकारी के होने पर, उदाहरण के लिए, कीटो आहार को ही लें।
कीटो आहार एक समय में एक “चिकित्सीय आहार” हुआ करता था:
एक सही कीटो आहार कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की जगह वसा (Fat) की अधिक मात्रा पर आधारित होता है। इसका उद्देश्य है वसा से अधिक से अधिक 90% तक कैलोरी निकालना। डॉ. प्रमोद कुमार (निदेशक और एचओडी, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग) कहते हैं “यह वास्तव में एक चिकित्सीय आहार है, जो बच्चों में मिर्गी के इलाज के लिए लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता है।”
वे आगे कहते हैं, “कीटो आहार हमारे शरीर में चयापचय (metabolism) को बदलने के लिए उपयोगी माना जाता है। यह ईंधन के रूप में कार्बोहाइड्रेट के स्थान पर कीटोन्स नामक वसा का उपयोग करने के लिए हमारे शरीर को केंद्रित करता है। कीटोन लिवर में वसा जलने से प्राप्त होता है, जिसके बदले यह वजन कम करने में मदद करता है।”
डॉ कुमार कहते हैं “कीटो डाइट में शरीर की संतृप्त और असंतृप्त (saturated and unsaturated fat) वसा बहुत अधिक होती है। 2,000 कैलोरी के एक आहार में लगभग 165 ग्राम वसा होती है।
जानिए कैसा होगा कीटो आहार
मूल रूप से यह हाई फैट डाइट है। इसमें आप सीफूड, लो-कार्ब्स वाली सब्जियां जैसे फूलगोभी, चीज, अंडे, मीट और पोल्ट्री, कॉटेज चीज, नारियल तेल, ऑलिव ऑयल, नट्स और सीड्स, बटर, क्रीम, डार्क चॉकलेट आदि खा सकते हैं।
वसा की मात्रा के कारण हमारे शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।
एक आहार से समान्यतः वसा को प्राप्त करने के लिए कुल कैलोरी का 7% ही लेने को कहा जाता हैं। लेकिन कीटो आहार में सभी प्रकार के संतृप्त वसा (saturated fat) मक्खन, नारियल तेल आदि का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। यह आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल के जोखिम में डाल सकता है।
कीटो आहार में सब्जियों, फलों, और अनाज की कमी होती है। इसलिए यह मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का जोखिम बढ़ जाता है।
कीटो से लिवर की भी स्थिति खराब हो सकती है। क्योंकि कीटो आहार आपके लिवर को पूरी तरह से वसा के उपापचय (metabolism) के काम पर लगाता है।
इसके सेवन के दौरान आपको बहुत सारे फाइबर की आवश्यकता होती है। ताकि आप मल त्याग को सुचारू रूप से चला सके। चूंकि फाइबर युक्त अनाज और फलियां इस आहार में दुर्लभ हैं। इसलिए यह आपके लिए कब्ज के द्वार खोल सकता है।
ध्यान वाली आखिरी और जरूरी बात:-
हर आहार के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि किसी भी डाइट प्लान को फॉलो करने से पहले, इसके खतरे भी पता हों।
इसकी सही जानकारी प्राप्त के लिए आपको आहार विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। क्योंकि सिर्फ एक आहार का चयन इसलिए करना की बाकी सभी लोग अपना वजन कम करने के लिए यही कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह कहीं से भी ठीक नहीं है।