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Snake gourd for Weight loss : डायबिटीज के दौरान वेट लॉस करना है, तो डाइट में शामिल करें 5 मिनट में तैयार होने वाली ये सब्जी

डायबिटीज के मरीज के लिए वजन घटाना आसान नहीं होता है। यहां आयुर्वेद एक्सपर्ट गर्मी में एक आसान रेसिपी बता रही हैं, जो इसमें मदद कर सकती है। नो शुगर, नो कार्ब और नो फैट वाला चिचिंडा कीटोजेनिक आहार का पूरक भी बन सकता है।
लो कैलोरी, हाई फाइबर, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई से भरपूर यह सब्जी शरीर को पोषण देती है और वजन घटाने में मदद भी करती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 27 May 2023, 11:00 am IST
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गर्मी के सीजन में हरी सब्जियों की बहार होती है। करेला, लौकी, बीन्स, शिमला मिर्च, तोरी के अलावा एक और सब्जी गर्मी में खूब मिलती है। यह है चिचिंडा (Snake Gourd)। हालांकि इसे बहुत अधिक महत्व नहीं दिया जाता है, लेकिन इसके फायदे भरपूर हैं। इसे अलग-अलग स्थानीय नामों से जाना जाता है। चिचिंडा, कैता, पटल और बड़ा परवल के नाम से भी यह जाना जाता है। इसके शरीर पर धारियां जैसी संरचना होती है, इसलिए इसे स्नेक गॉर्ड भी कहा जाता है। फाइबर और पानी से भरपूर यह सब्जी वजन घटाने में भी मदद करती है। यदि आप डायबिटिक हैं और वजन घटाना चाहती हैं, तो एक्सपर्ट की बताई कम तेल से तैयार हुई चिचिंडा सब्जी रेसिपी (Snake gourd aka chichinda sabji recipe) ट्राई करें।

औषधीय महत्व वाला है चिचिंडा (Medicinal value of Snake gourd)

हरे रंग का स्नेक गॉर्ड या चिचिंडा भारत, श्रीलंका, चीन, नेपाल और इंडोनेशिया जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के गर्म दक्षिणी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है। यह अपने औषधीय महत्व के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसके कई फायदों की ओर ध्यान दिलाया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, यह पेट, लिवर, डायजेस्टिव सिस्टम और स्किन की बीमारियों को कम करने में मददगार है।

वेट कंट्रोल के लिए चिचिंडा सब्जी

आयुर्वेद एक्सपर्ट अनुपमा पद्मनाभम अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में कहती हैं, ‘ कई सब्जियों के पकाने का सही तरीका ही नहीं जानते हैं। इसलिए इसके फायदों से भी हम अनजान रह जाते हैं।ऐसी ही एक सब्जी है चिचिंडा। लो कैलोरी, हाई फाइबर, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई से भरपूर यह सब्जी शरीर को पोषण देती है और वजन घटाने में मदद भी करती है। यदि आप वेट कंट्रोल डाइट ले रही हैं, तो चिचिंडा सब्जी रेसिपी (Snake gourd aka chichinda sabji recipe) ट्राई कर सकती हैं।

चिचिंडा सब्जी रेसिपी के लिए इन सामग्रियों की पड़ेगी जरूरत (Snake gourd aka chichinda sabji recipe Ingredients)

चिचिंडा – 2, धोकर चौकोर टुकड़ों में काट लें
हल्दी पाउडर- 1/4 छोटा चम्मच
कद्दूकस किया हुआ ताज़ा नारियल – आधी कटोरी

नमक और पानी – जरूरत के अनुसार
गुस्सा होने के लिए
सरसों तेल- 1 चम्मच
सरसों के दाने – 1/2 छोटा चम्मच
करी पत्ते- 8-10
लाल मिर्च – 1

कैसे तैयार करें चिचिंडा सब्जी (Snake gourd aka Chichinda sabji recipe in Hindi)

तेल में राई और करी पत्ता का तड़का लगायें।
कटा हुआ चिचिंडा डाल दें।
करछी से चला लें। हल्दी पाउडर, नमक और 1/4 कप पानी डाल दें।
नरम होने तक पकाएं।
इसमें 5-6 मिनट का समय लग सकता है।
इसमें कद्दूकस किया हुआ नारियल डाल दें।

लो कैलोरी, हाई फाइबर, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई से भरपूर यह सब्जी शरीर को पोषण देती है और वजन घटाने में मदद भी करती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जरूरत पड़ने पर थोड़ा पानी डाल दें।
कैसे वजन घटाने में मदद करती है यह रेसिपी
कम कैलोरी और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है चिचिंडा। इसमें फैट और नेचुरल शुगर नहीं होता है। इसके कारण ऐसे डायबिटीज के मरीज जो वजन घटाना चाहते हैं, इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।

मिनरल्स से भरपूर

सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, आयरन, मैंगनीज, आयोडीन से भरपूर है चिचिंडा। इसलिए यह फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए लाभदायक है।
यहां हैं चिचिंडा के और भी कई फायदे

हार्ट हेल्थ को मजबूती

नगण्य कोलेस्ट्रॉल होने के कारण दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए चिचिंडा को नियमित रूप से आहार में शामिल किया जा सकता है। यह हार्ट की मांसपेशियों के कार्यों को सुनिश्चित करते हुए ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है।

किडनी को डिटॉक्स करता है

यह उत्सर्जन प्रणाली के माध्यम से शरीर के कचरे और गुर्दे की पथरी के उन्मूलन को प्राकृतिक रूप से उत्तेजित करती है। यह किडनी के भीतर तरल पदार्थ के स्राव को बढ़ाता है। संचित विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है। इसका जूस किडनी और यूरीन सिस्टम के लिए फायदेमंद है

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चिचिंडा किडनी के भीतर तरल पदार्थ के स्राव को बढ़ाता है।  चित्र : शटरस्टॉक

डाइजेस्टिव सिस्टम को बढ़ाता है

फाइबर सामग्री कब्ज, सूजन और पेट दर्द को रोकने में मदद करता है। यह बोवेल मूवमेंट में मदद करता है

केटोजेनिक आहार का पूरक

गैर-स्टार्च वाली सब्जियां कीटो डाइट में शामिल की जाती हैं। कार्बोहाइड्रेट और शुगर नहीं होने के कारण यह कीटो आहार का पूरक हो सकता है। यह कार्ब्स में कटौती करके कैलोरी की मात्रा कम करता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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