सर्दी के मौसम में लोग बड़ी मात्रा में संतरे, किन्नू, नींबू, अंगूर और कीवी का सेवन करते हैं। इसमें पाए जाने वाले विटामिन सी से शरीर को न्यूट्रीएंटस की प्राप्ति होती है। शरीर एक्टिव रहता है और संक्रामक रोगों से भी बचवा रहता है। मगर वहीं खट्टे फलों की अधिकता शरीर को कई प्रकार से नुकसान भी पहुंचाने लगती है। इससे न केवल पाचनतंत्र प्रभावित होती है बल्कि एलर्जी का जोखिम भी बना रहता है। जानते हैं नियमित रूप से खट्टे फलों का सेवन करने से होने वाले नुकसान (Side effects of eating citrus fruit)।
फाइबर, विटामिन और मिनरल से भरपूर सिट्रिक फल शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। इन फलों में कैलोरी, फैट्स और सोडियम की मात्रा कम होती है जब कि एंटीऑक्सिडेंट और नेचुरल शुगर प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसके सेवन से शरीर फ्री रेडिकल्स के खतरे से मुक्त रहता है और संक्रामक रोगों से शरीर की रक्षा करते है।
इस बारे में बातचीत करते हुए डाइटीशियन मनीषा गोयल का कहना है कि विटामिन सी, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंटस समेत कई पोषक तत्वों से भरपूर खट्टे फलों का सेवन शाम ढ़लने के बाद या पोस्ट डिनर करने से परहेज करें। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा डाइजेशन को स्लो बना देती है, जिससे एसिडिटी का खतरा बना रहता है। सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद ही सिट्रीक फलों को खाएं। इन्हें आयरन रिच फूड्स के साथ मिलाकर खाने से इसकी पोषण गुणवत्ता कम होने लगती है। ऐसे में इन फलों को अकेले ही खाएं। इसके अलावा खट्टे फलों कर रस पीने से शरीर में शुगर का लेवल भी बढ़ने लगता है।
संतरे, क्लेमेंटाइन और मंदारिन विटामिन सी का एक पौष्टिक स्रोत हैं, जो स्वस्थ मसूड़ों के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन खट्टे फल भी अत्यधिक अम्लीय होते हैं, जो दाँत तामचीनी के लिए एक दुश्मन है। खट्टे फलों से एसिड दाँत तामचीनी को नष्ट कर सकता है, जिससे आपके दांत कमजोर हो जाते हैं और दाँत क्षय के लिए अतिसंवेदनशील हो जाते हैं।
अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार हाई एसिड कंटेंट और मिठास दाँतों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती है। सिट्रस फलों को नियमित तौर पर खाने या इससे तैयार रस पीने के बाद दांतों को साफ करना बेहद आवश्यक है।
खट्टे फल एसिडिक होते हैं, जो पाचन संबधी समस्याओं का कारण साबित होते हैं। वे लोग जो गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग यानि जीईआरडी जैसी समस्या के शिकार है। उन्हें अपनी मील में संतरे, अंगूर, नींबू व किन्नू जैसे खट्टे फलों का सेवन न करने की हिदायत दी जाती है।
खट्टे फलों का सेवन करने से एलर्जी की समस्या बनी रहती है। इसके चलते व्यक्ति को इचिंग, रैशेज, नाक बहना और छींकने की समस्या से दो चार होना पड़ता है। इस स्थिति को एनाफिलेक्सिस भी कहा जाता है। इसके चलते सांस लेने में तकलीफ की समस्या बढ़ जाती है। एनआईएच के अनुसार वे लोग जिन्हें खट्टे फलों के छिलके से एलर्जी की समस्या होती है। उनके शरीर पर सूजन और रैशेज उभरने लगते हैं।
खट्टे फलों का सेवन करने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। इनका अत्यधिक सेवन शरीर में ब्लड शुगर लेवल को असंतुलिम बना देता है। ऐसे में संतरा, किन्नू और प्लम जैसे फलों का सेवन सीमित मात्रा में करें। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार खट्टे फलों के जूस को पीने से शरीर में फ्रुक्टोज का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे इसमें मौजूद हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिक इफ़ेक्ट डायबिटीज का जोखिम बढ़ा देता है।
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