कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन का पहला महीना शुरू हुआ था। तो इसके लिए जब मैं जरूरी सामान की खरीदारी करने स्टोर में गई तो मुझे लगा कि यह वेट लॉस के लिए अच्छा टाइम है, इस दौरान मैं अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके देख सकती हूं।
फूड्स कॉरिडोर में दलिया ढूंढते हुए जब मैं निराश होने लगी तो अचानक मेरी शॉपिंग बास्केट में एक पेट गिर पड़ा। और मुझे लगा कि यह क्विनोआ (quinoa) का पैकेट यूं ही नहीं गिरा, बल्कि भगवान ने इसे खास तौर से मेरे लिए गिराया है। हो सकता है क्विनोआ का पहला पैकेट खरीदने की मेरी यह कहानी थोड़ी नाटकीय लगे, पर यह सच है। और इस तरह मैं पहली बार क्विनोआ को अपनी डाइट में शामिल कर रही थी।
पोषण से समृद्ध और वेट लॉस में मददगार होने की जब मैंने इसकी प्रोपर्टीज के बारे में पढ़ा तो मैं तो इस पर टोटली फिदा हो गई और इसे घर ले आई। घर आकर मैंने क्विनोआ का पैकेट खोला और इसे एक घंटे के लिए पानी में भिगो दिया। भीगने के बाद मैंने इसे कुछ सब्जियों और अपने स्वादानुसार मसाले डाल कर प्रेशर कूकर में चढ़ा दिया।
क्विनोआ एक बीज होने के बावजूद दलिया की तरह अनाज नहीं है। मैंने प्रेशर कुकर में इसे 4 सीटी आने तक पकाया और यह मेरी डिनर प्लेट में आने के लिए बिल्कुल वैसा ही तैयार हो गया, जैसे मैं सोच रही थी।
इसका स्वाद भी काफी हद तक दलिया जैसा ही था, बस एक हल्का सा कड़वापन था। पर यह हाई प्रोटीन और हाई फाइबर डाइट मुझे वेट लॉस का वादा कर रही थी, इसलिए इतना कड़वापन स्वीकार्य है। साथ ही इससे मेरा पेट लंबे समय तक भरा रहने वाला था।
तीसरी चम्मच तक मुझे क्विनोआ का स्वाद अच्छा लगने लगा और पांचवी चम्मच तक मैंने तय किया कि मैं इसे अपनी डाइट में रेगुलर शामिल करूंगी, क्योंकि इसकी एक्स्ट्रा क्रंचीनेस मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। पर एक घंटे बाद मेरा विश्वास जाता रहा क्योंकि मेरे पेट में गड़बड़ शुरू हो गई थी।
“क्विनोआ ग्लूटन फ्री है। तो, शायद मेरे पेट की गड़बड़ और एसिडिक फीलिंग उस सुपर स्ट्रॉन्ग कॉफी की वजह से है, जो मैंने शाम को पी थी।” मैं अब तक यही सोच रही थी।
टॉयलेट के कई चक्कर काटने के बाद सुबह तक मेरी हालत काफी खराब हो चुकी थी। इसलिए मैंने दिन के भोजन में कुछ हल्का खाने का फैसला किया। दही और खिचड़ी के अलावा इससे बेहतर क्या हो सकता था।
दही और खिचड़ी खाने के बाद मैं खुद को बेहतर महसूस कर रही थी। मुझे लगा अब मेरा पेट ठीक हो गया है, तो मुझे अब क्विनोआ खाना चाहिए। इस बार मैंने लंच में क्विनोआ खाने का फैसला किया।
पर इस बार भी जब मुझे टॉयलेट के 7 से 8 चक्कर काटने पड़े तो मुझे समझ आ गया कि क्विनोआ मेरे लिए नहीं बना है। इसके कारण मेरे पेट की हालत खस्ता हो गई है।
यह मेरे लिए काफी शॉकिंग था कि मेरा पेट ग्लूटन फ्री, हाई फाइबर और हाई प्रोटीन फूड क्विनोआ को क्यों नहीं पचा पा रहा है। इसलिए मैंने इसे गहराई से समझने की कोशिश की और डॉ नेहा पठानिया से संपर्क किया। डॉ नेहा पारस अस्पताल, गुड़गांव में पोषण विशेषज्ञ हैं।
डॉ. नेहा पठानिया कहती हैं, “ क्विनोआ, जिसे अक्सर सुपरफूड कहा जाता है, आपके पाचन तंत्र में कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। पहले भी बहुत से लोग इसे खाने के बाद गंभीर पेट दर्द की शिकायत लेकर हमारे हॉस्पिटल आए हैं। उन सभी की जांच में यह सामने आया कि पेट दर्द शुरू होने से पहले उनका लास्ट मील क्विनोआ ही था। यह सच है कि क्विनोआ का सेवन करने से कई लोगों को पेट में दर्द, दस्त, सूजन, खाद्य एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है।”
निश्चित रूप से, मेरे लिए यह जानना राहत भरा था कि मैं अकेली इस परेशानी का सामना करने वाली नहीं हूं, मेरे जैसे और भी बहुत से लोग हैं, जिन्हें क्विनोआ सूट नहीं करता। पर ऐसा क्यों होता है? मैं इस बारे में भी जानना चाहती थी।
डॉ. पठानिया ने समझाया :
क्विनोआ में हाई फाइबर होता है। इसलिए, यदि आप अचानक बहुत अधिक फाइबर लेने लगते हैं, तो आपका पाचन तंत्र इसे पचाने में सक्षम नहीं हो पाता।
साथ ही क्विनोआ में सैपोनिन की प्राकृतिक कोटिंग होती है। यह एक रसायन है जो क्विनोआ की ग्रोइंग स्टेज में सूक्ष्मजीवों को पीछे हटाने में मदद करता है।
वे समझाती हैं, “ सैपोनिन एसिडिटी, सूजन और गैस का कारण बन सकता है। खासकर तब जब इसे पकाने से पहले ठीक से धोया न गया हो। सेपोनिन्स (Saponins) के कारण ही क्विनोआ (quinoa) का स्वाद कड़वा और साबुन जैसा लगता है।”
सिर्फ इसलिए कि इसने मेरी हालत खराब कर दी, इसका मतलब यह नहीं है कि आपके लिए भी यह ऐसा ही होगा। निश्चित रूप से आप इसे अपनी डाइट में एड कर सकते हैं। लेकिन, अपने आहार में क्विनोआ को शामिल करने से पहले डॉ. पठानिया के बताए इन बिंदुओं को जरूर ध्यान में रखें :
1 पकाने से पहले क्विनोआ को अच्छी तरह से धोएं। ताकि सैपोनिन से छुटकारा मिल सके जो इसकी सतह पर फंस जाता है। ऐसा करने से आप दस्त से बच सकती हैं।
2 इसकी उच्च फाइबर-सामग्री के कारण, दिन के समय क्विनोआ खाना चाहिए, यानी नाश्ते या दोपहर के भोजन में। दिन के समय हमारा मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है जबकि रात होते यह धीमा होने लगता है। इसलिए शरीर डिनर में उच्च रेशे युक्त भोजन को पचाने में असमर्थ होता है। जब आपका चयापचय बेहतर काम कर रहा है, तो क्विनोआ को अपनी डाइट में शामिल करना एक हेल्दी ऑप्शन है।
3 क्विनोआ को पेट भर कर नहीं खाना चाहिए। दिन भर में एक बाउल काफी है।
4 यदि आप पहली बार क्विनोआ खा रहे हैं , तो आपको थोड़ी मात्रा से शुरू करना चाहिए और फिर धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ानी चाहिए। पर तभी जब यह आपको सूट करे।
5 आप फाइबर के वैकल्पिक स्रोतों जैसे दूध, जई और साबुत अनाज जैसे दलिया और रागी पर भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि उनमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों फाइबर होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।
तो, जो कुछ भी बहुत अच्छा लग रहा है, जरूरी नहीं कि आपकी सेहत को भी सूट करे। इसलिए अपनी डाइट में कुछ भी एड करने से पहले, अच्छी तरह उस चीज की जांच पड़ताल कर लें। अपने भोजन विकल्पों के बारे में सावधान रहें!
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