सबसे पहले तो मैं यह मान लेती हूं कि मैंने कोई भी नया वेट लॉस डाइट ट्रेंड छोड़ा नहीं है, सब ट्राय किया है। और हर बार डाइट प्लान के कोई न कोई साइड इफेक्ट मुझे नज़र आ ही जाते थे। कभी सर दर्द और चक्कर, कभी बाल झड़ना, तो कभी स्किन पर बुरा असर।
और इन सभी डाइट के अंत में मुझे एक ही बात समझ आती थी, घर का बना ताज़ा खाना ही
बेस्ट है। बैलेंस डाइट लेने से अच्छा कुछ नहीं। लेकिन फिर एक नया ट्रेंड देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाई और ‘क्विट डेरी डाइट’ (Quit Dairy Diet) को एक ट्राय देने का सोचा।
वैसे भी इस डाइट में मुझे न तो भूखे रहना था, न ही कोई मुश्किल सा रूटीन था। मैं इससे पहले भी नो कार्बोहाइड्रेट डाइट और एक हफ्ते का डिटॉक्स सिर्फ फलों पर गुजारा करके काट चुकी थी, तो मेरे लिए दूध और उसके प्रोडक्ट छोड़ देना कौन सी बड़ी बात थी।
और एक महीने तक इस डाइट को फॉलो करने के बाद मैं यह कह सकती हूं कि यह निर्णय गलत नहीं था।
डेरी छोड़ने का मतलब सिर्फ रात का एक गिलास दूध छोड़ना नहीं है, न आप अपनी पसंदीदा चाय पी सकते हैं, न चीज़ वाला पिज़्ज़ा-बर्गर खा सकते हैं, ना लस्सी पी सकते हैं और न ही मटर पनीर का आनंद ले सकते हैं।
लेकिन ऐसे में हम डेरी प्रोडक्ट से मिलने वाला फैट भी नहीं ले रहे, जिससे इंचेस पर प्रभाव पड़ता है। मैंने तो अपनी जीन्स लूज़ महसूस की हैं।
वेट लॉस और इंचेस लॉस दो अलग-अलग चीजें हैं। और मैं तो इंचेस कम करने पर ही ध्यान देती हूं। लेकिन वजन कम होना एक प्रेरणा देता है और आगे मेहनत करने की।
मेरे साथ तो यही हुआ। डेरी प्रोडक्ट न लेने से मेरी ब्लोटिंग कम हुई और बॉडी में जो वाटर रिटेंशन था, वह भी खत्म हुआ। यह मेरा तुक्का नहीं है, साइंस कहता है।
न्यूट्रिशन जर्नल के अनुसार हर कोई दूध में मौजूद A1 बीटा कैसीन प्रोटीन को हज़म नहीं कर पाता। इसके कारण पेट में ब्लोटिंग और अपच जैसी समस्या होती हैं।
मेरे डेरी छोड़ने से मेरे पाचनतंत्र को कुछ राहत मिली होगी, जिससे हर सुबह मेरा पेट फ्लैट होता था।
अब डेरी प्रोडक्ट को पचाने के लिए इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा बच रही थी शायद, जिसके कारण मुझे दिन भर फ्रेश और एक्टिव महसूस होता था।
जर्नल ऑफ क्लीनिकल डर्मेटोलॉजी की एक स्टडी में पाया गया कि डेरी प्रोडक्ट से एक्ने हो सकते हैं। इसका कारण होते हैं गाय के हॉर्मोन्स जो दूध में मौजूद होते हैं। साथ ही डेरी में अलग से जाने क्या क्या इंजेक्शन दिए जाते हैं दूध बढ़ाने के लिए।
साथ मिलकर ये सब केमिकल हमारे हॉर्मोन्स का संतुलन बिगाड़ देते हैं और एक्ने और पिम्पल की समस्या पैदा होती है। तो डेरी प्रोडक्ट छोड़ते ही मेरी स्किन साफ और एक्ने मुक्त हो गयी।
यह मेरे लिए सबसे बड़ा कारण था इस डाइट के पक्ष में होने का। मुझे पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द होता था, और इस बार मुझे महसूस भी नहीं हुआ कि मैं डाउन हूं। ना दर्द, ना मूड स्विंग। इसका श्रेय भी उन हॉर्मोन्स को जाता है, जो अब मेरे शरीर में नहीं पहुंच रहे थे।
तो मैंने अपना अनुभव बता दिया और आपको कारण भी दे दिए इस डाइट को एक चांस देने के लिए। अगर आप वेट लॉस के लिए अलग-अलग डाइट फॉलो करती हैं, तो इसे भी ट्राय करें। आप निराश नहीं होंगी।