दुनिया भर में सबसे अधिक दाल (Lentils) खाई जाती है। यह लंबे समय से उपयोग में आता रहा है। स्वास्थ्य फायदों के कारण मसूर की दाल का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता रहा है। पहली बार मसूर की दाल को 8,000 ईसा पूर्व में उगाया और खाया गया था। हाई प्रोटीन डाइट होने के कारण इसे अलग-अलग रूपों में पकाकर खाया जाता है। मसूर संपूर्ण शरीर के लिए (Lentils for overall health) फायदेमंद है।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डाइटीशियन इन चार्ज अंकिता घोषाल बिष्ट बताती हैं, ‘यह ग्लूटेन-मुक्त होता है। इसलिए रॉ मसूर (Raw Lentil), लाल मसूर और मसूर की दाल के रूप में भी यह पसंद किया जाता है। इसमें बहुत सारा पोषण होता है। इसे अन्य सामग्रियों और सीज़निंग के लिए भी प्रयोग किया जाता है। डेढ़ कप पकी हुई दाल में 140 कैलोरी और वसा 0.5 ग्राम, कार्ब्स: 23 ग्राम, फाइबर 9 ग्राम, सोडियम 5 मिलीग्राम, प्रोटीन 12 ग्राम मौजूद होता है। इनके अलावा, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, फोलेट भी होता है।’
अंकिता घोषाल बिष्ट के अनुसार, जब अन्य बीन्स से इसकी तुलना की जाती है, तो यह सोयाबीन के बाद सबसे अधिक प्रोटीन देता है। वीगन डाइट के तौर पर यह मशहूर होने के कारण यह वीगन मीट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जब आप रेड या प्रोसेस्ड मीट के बजाय मसूर दाल का चुनाव करती हैं, तो आप अपने दिल के लिए एक स्वस्थ विकल्प चुनती (Heart Healthy Lentils) हैं। फोलेट दिल की रक्षा करता है और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
अंकिता घोषाल बिष्ट कहती हैं, ‘प्रोटीन हड्डियों, मांसपेशियों और स्किन के लिए फायदेमंद है। यह भूख को भी कम कर सकता है, क्योंकि यह अन्य पोषक तत्वों की तुलना में लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट भर देता है। दाल में यह प्रचुर मात्रा में होता है। एक सर्विंग से प्रतिदिन जरूरी 32% फाइबर की पूर्ति हो जाती है।’
यह कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है। यह मधुमेह और पेट के कैंसर से बचा सकता है। फाइबर की दैनिक खुराक पाचन तंत्र के माध्यम से अपशिष्ट को बाहर निकालती है और कब्ज से भी बचाती है।
दाल में मौजूद पोटैशियम, फोलेट और आयरन भी पूरे शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। पोटैशियम नमक के बुरे प्रभाव को कम करता है और ब्लड प्रेशर को कम करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट जरूरी है। यह बच्चे के विकास में मदद करता है। आयरन थकान दूर करने में मदद करता है।
कई लाभ के बावजूद दाल में मौजूद फाइबर को तोड़ना कठिन होता है। इसलिए अगर इसका बहुत अधिक सेवन किया जाता है, तो यह गैस और ऐंठन का कारण बन सकता है।
अधिकांश बीन्स के विपरीत मसूर दाल को पकाने से पहले रात भर भिगोने की ज़रूरत नहीं है। बस उन्हें धो लेना चाहिए। पकाने से आधा घंटा पहले पानी में भिगोने से गैरजरूरी स्टार्च निकल जाते हैं। लाल मसूर दाल सबसे तेजी से पकती है, आमतौर पर 5 मिनट में। अन्य किस्मों के लिए आमतौर पर 20 मिनट पकाने की जरूरत पड़ती है।
दाल के अलावा, साबुत मसूर को पानी में भिगोकर, उबाल लें। कटी प्याज, लहसुन, हरा धनिया, नींबू, नमक, काली मिर्च के साथ इसे मिक्स कर लें। इसे आटे में स्टफ कर खाएं।
इस मसाले को सलाद की तरह भी खा सकती हैं।
उबले हुए मसूर को तड़का लगाकर लेंटिल ग्रेवी के रूप में खा सकती हैं।
इसे कबाब के रूप में तैयार कर भी खा सकती हैं।
मसूर को रोटी और चावल के साथ भी खाया जा सकता है।
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