अंडे से भी ज्यादा पौष्टिक हैं बीन्स, पोषण विशेषज्ञ बता रहीं हैं इन्हें आहार में शामिल करने का सही तरीका और फायदे

हम यह मान कर चलते हैं कि बीन्स से पेट में गैस बनेगा, लेकिन इसके कई सारे स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इन्हें सही तरीके से आहार में शामिल करना चाहिए।
sabhi prakar ki beans mhila ko swastha rakhti hai.
जानें त्वचा के लिए बींस के फायदे। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 14 Sep 2023, 09:30 am IST
  • 125

कई तरह के बीन्स हैं, जो हमारे आहार के हिस्सा बनते हैं। किडनी बीन (Kidney Beans), ब्लैक बीन (Black Beans) , चिक पी (Chickpeas), ब्लैक आई बीन(Black Eye Beans), नेवी बीन (Navy Beans), पिंटो बीन (Pinto Beans) हैं, जिन्हें मुख्य तौर पर आहार में शामिल किया जाता है। ये सभी बीन पोषक तत्वों के भंडार (Beans Nutrients) हैं और कई स्वास्थ्य लाभ (Beans Health Benefits) देते हैं। इनके बारे में यह प्रचलित है कि बीन्स गैस बनाते हैं। इससे पेट दर्द और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। यदि सही तरीके से इन्हें खाया जाये, तो पाचन तंत्र की कोई समस्या नहीं होगी। आहार विशेषज्ञ सबसे पहले इसके फायदों (Beans ke fayde) को गिनाते हैं।

बीन्स के पोषक तत्व (Beans Nutrients)

पोषण विशेषज्ञ शिखा द्विवेदी कहती हैं, “बीन्स फाइबर का एक बड़ा स्रोत है। एक कप राजमा में 11 ग्राम फाइबर हो सकते हैं। फाइबर लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराने में मदद (Beans ke fayde) करता है। यदि आप वीगन डाइट (Beans for Vegan Diet) या प्लांट बेस्ड फ़ूड (Beans for Plant based food) लेती हैं, तो यह प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्रोत है।

प्रोटीन एक जरूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जिसकी शरीर को स्वस्थ अंगों, मांसपेशियों और ऊतकों को बनाए रखने के लिए जरूरत होती है। प्रत्येक बीन्स में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। ज्यादातर बीन्स में मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और पोटैशियम जैसे बहुत जरूरी खनिजों की मात्रा अधिक होती है।

यहां हैं बीन्स को आहार में शामिल करने का तरीका (how to add beans in your diet)

धीरे धीरे करें शुरुआत (start slowly to eat beans)

यदि आप न के बराबर बीन्स खाती हैं, तो इन्हें धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल करना शुरू करें। कभी न खाने से लेकर सप्ताह में कई दिन खाने की आदत को बनाने के लिए शरीर के पाचन तंत्र को भी मेहनत करनी पड़ेगी। इन्हें एक समय के भोजन में शामिल करके शुरुआत करें। इन्हें चावल, आलू, या पास्ता के साथ खाया जा सकता है। इन तीनों चीज़ों के साथ मिक्स कर खाने से पहले बीन्स को रात में भिगोना और सुबह अच्छी तरह धोकर उबालना नहीं भूलें।

black beans benefits
यदि आप न के बराबर बीन्स खाती हैं, तो इन्हें धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल करना शुरू करें। चित्र : एडॉबी स्टॉक

सलाद के रूप में खाएं (eat beans as salad)

बीन्स को उबाल लें। इसे बारीक कटी प्याज, टमाटर, धनिया पत्ती, नमक, हरी मिर्च, काली मिर्च पाउडर और एक स्पून नींबू के साथ मिक्स कर खाएं। उबले हुए बीन्स को सूजी के साथ मिक्स कर पैन पर पका कर भी खा सकती हैं। ध्यान दें कि बीन्स को जब भी उबालें, तो साथ में हल्दी, नमक और एक चुटकी हींग डालना नहीं भूलें। इससे गैस नहीं बनेगी। साथ ही, बहुत अधिक तेल-मसालेदार बनाने से भी गैस बनती है। इसलिए बीन्स को सादे रूप में पकाएं

गैस उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों के साथ मिक्स नहीं करें (Do not mix with gaseous foods)

आसानी से पचने वाली सामग्री के साथ बीन्स खाएं। बीन्स को अन्य गैस उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों, जैसे ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, मूंग-चना स्प्राउट्स और केल के साथ न मिला कर नहीं खाएं। मसालों के साथ मिक्स कर खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इन्हें ऐसे मसालों के साथ पकाएं जो पाचन में मदद करते हैं। अदरक, सौंफ, हींग, हल्दी, जीरा और धनिया के साथ पकाकर खाएं। पाचन को आसान बनाने के लिए प्रोबायोटिक्स माइक्रोबियल संतुलन को बनाए रखने में भी मदद कर सकते हैं

sprouts bhel recipe
बीन्स को अन्य गैस उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों, जैसे ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, मूंग-चना स्प्राउट्स और केल के साथ न मिला कर नहीं खाएं। चित्र : शटरस्टॉक

प्रोटीन पाउडर के रूप में (Beans Protein powder)

यदि आप प्रोटीन पाउडर पसंद करती हैं, तो व्हे पाउडर की जगह बीन्स से तैयार प्रोटीन पाउडर का प्रयोग करें। यह पचाने में भी आसान होता है। बीन स्प्राउट्स भी खा सकती हैं। फिर इन्हें पकाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इन्हें बस सलाद में डाल कर खाया जासकता है। बीन स्प्राउट (Bean Sprout) को ब्रेड रैप या सैंडविच में डालकर खाया जा सकता है।

यह भी खाएं :- गिल्ट फ्री स्नैकिंग के लिए बिहारी परिवारों में खाया जाता है भूंजा, जानिए क्या है यह रेसिपी और इसके फायदे

  • 125
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

अगला लेख