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कलौंजी का पानी यूरिक एसिड भी कर सकता है कंट्रोल, जानिए इस जादुई मसाले के स्वास्थ्य लाभ

कलौंजी के बारिक काले दानों को पानी में मिलाकर पीने से न केवल बढ़ने वाले यूरिक एसिड की समस्या को हल किया जा सकता है बल्कि वेटलॉस में भी मदद मिलती है। जानते हैं कलौंजी वॉटर किस प्रकार सेहत को पहुंचाता है फायदा
कलौंजी को पानी में मिलाकर पीने डाइजेस्टिव एंजाइम्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 2 Aug 2024, 06:06 pm IST
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कभी अचार तो कभी सब्जियों में प्रयोग की जाने वाली कलौजी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। खाने के ज़ायके को बदलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कलौंजी (kalonji) पोषण स्तर को बढ़ा देती है। गर्मी के मौसम में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए अक्सर लोग डिटॉक्स वॉटर (Detox water) का सेवन करने हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर कलौजी के बारिक काले दानों को भी पानी में मिलाकर पीने से भी बेहद फायदा मिलता है। इससे न केवल बढ़ने वाले यूरिक एसिड की समस्या (Uric acid problem) को हल किया जा सकता है बल्कि वेटलॉस में भी मदद मिलती है। जानते हैं कलौंजी वॉटर (Kalonji water benefits) किस प्रकार सेहत को पहुंचाता है फायदा।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कलौंजी के बीज में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं। इससे शरीर में डायबिटीज, कैंसर, मोटापा और हृदय रोगों का खतरा कम होने लगता है। कलौंजी को पानी में मिलाकर पीने डाइजेस्टिव एंजाइम्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है। इसके सेवन से शरीर को जिंक, कॉपर, कैल्शियम, नियासिन और फाइटोकेमिकल्स की प्राप्ति होती है।

इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि मानसून के दिनों में कलौंजी के पानी का सेवन करने से बैक्टीरियल इंफेक्शन से राहत मिलती है। इसके अलावा पाचनतंत्र मज़बूत बनता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा कलौजी में एंटी डायबीटिक और एंटी यूरिक एसिड प्रॉपर्टीज़ भी पाई जाती है, जिससे किडनी संबधी समस्याएं हल हो जाती हैं।

कलौजी में एंटी डायबीटिक और एंटी यूरिक एसिड प्रॉपर्टीज़ भी पाई जाती है, जिससे किडनी संबधी समस्याएं हल हो जाती हैं।

जानें कलौंजी का पानी किस तरह है फायदेमंद (Kalonji water benefits)

1. यूरिक एसिड को करे नियंत्रित

कलौंजी (kalonji) में मौजूद अमीनो एसिड किडनी के फंक्शन का रेगुलेट करने में मदद करते है। इसे पानी में मिलाकर पीने और विटामिन सी से भरपूर नींबू को एड करने से सीरम क्रिएटिनिन और ब्लड यूरिया लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

एनआईएच की रिसर्च के अनुसार यूरिक एसिड को किडनी की मदद से फ़िल्टर करके यूरिन के ज़रिए शरीर से बाहर निकाला जाता है। कई कारणों से शरीर में यूरिक एसिड (kalonji reduce Uric acid) की मात्रा बढ़ जाती है। इसमें मौजूद सल्फर की मात्रा शरीर में मौजूद यूरिक एसिड को डिटॉक्स करके ब्लड को प्यूरीफाई कर सकता है।

2. डाइजेशन को करे बूस्ट

इसके सेवन से शरीर में बढ़ने वाली डाइजेस्टिव एंजाइम्स की मात्रा डाइजेस्टिव सिस्टम को रेगुलेट करके शरीर को कब्ज और ब्लोटिंग के खतरे से बचाती है। सुबह उठकर खाली पेट कलौंजी का पानी पीने से बॉवल मूवमेंट (kalonji boost digestion) नियमित रहता है और एसिडिटी से भी मुक्ति मिल जाती है। कलौंजी में मौजूद एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज से फूड पॉइज़निंग का खतरा भी कम हो जाता है। इससे पाचनतंत्र मज़बूत बनता है और बार बार भूख लगने की समस्या से भी बचा जा सकता है।

इसके सेवन से शरीर में बढ़ने वाली डाइजेस्टिव एंजाइम्स की मात्रा डाइजेस्टिव सिस्टम को रेगुलेट करके शरीर को कब्ज और ब्लोटिंग के खतरे से बचाती है।। चित्र-शटरस्टॉक।

3. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाए

सुबह खाली पेट कलौंजी के पानी को पीने से शरीर में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर को हृदय रोगो के खतरे से बचा या जा सकता है। इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन नियमित रहने से हाई ब्लड प्रैशर के खतरे से भी बचा जा सकता है।

4. वायरल इंफेक्शन से बचाए

मौसम में आने वाले बदलाव के साथ ही फीवर और फ्लू का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में कलौंजी जैसे सुपरफूड के सेवन से साज़नल फ्लू, बुखार और हेपेटाइटिस सी के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है, जिससे शरीर पाल्यूटेंटस के प्रभाव से दूर रहता है।

कलौजी को ओवरनाइट सोक होने के लिए रख दें। अगले दिन खाली पेट उसका सेवन कर लें।

कैसे करें कलौंजी के पानी का सेवन

इसके लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच कलौजी के सीड्स को डालकर ओवरनाइट सोक होने के लिए रख दें। अब अगले दिन सुबह पानी को छालकर खाली पेट उसका सेवन कर लें। आप चाहें, तो उस पानी में काला नमक और नींबू का रस भी शामिल कर सकते हैं।

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सप्ताह में 2 से 3 बार इसका सेवन लाभकारी साबित होता है। इसके बाद बचे हुए कलौंजी के सीड्स को अचारी सब्जियों में प्रयोग किया जा सकता है। वे लोग जिन्हें कलौंजी से एलर्जी है, उन्हें एक्सपर्ट की सलाह से ही इसे डाइट में शामिल करना चाहिए।

ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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