Broccoli ke Fayde : ब्रोकोली दिला सकती है आपको श्वसन संबंधी समस्याओं से छुटकारा, जानिए इसके फायदे

ब्रोकोली में ख़ास तरह का एक कंपाउंड पाया जाता है, जो रेस्पिरेटरी इन्फ्लेमेशन को घटा सकता है। इसके कारण ही अस्थमा, एलर्जी और अन्य श्वसन संबंधी समस्या होती है। जानते हैं कैसे ब्रोकोली रेस्पिरेटरी इन्फ्लेमेशन को कम कर सकती है।
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ब्रोकली जैसी क्रूसीफेरस सब्जियां डिनर में खाने से समस्या हो सकती है । चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 17 Oct 2023, 17:07 pm IST
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हमें अपने आहार में हरी सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए। क्रूसिफेरस परिवार की सब्जियां जिनमें गोभी और ब्रोकोली भी आते हैं, हमें जरूर खाना चाहिए। यह कैंसर से बचाव कर सकता है। ब्रोकोली प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है। फेफड़ों से हानिकारक बैक्टीरिया को साफ करने में भी यह मदद कर सकती है। हाल के शोध बताते हैं कि ब्रोकोली में पाए जाने वाला एक कंपाउंड रेस्पिरेटरी इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद (broccoli for respiratory inflammation) कर सकता है।

क्या है शोध (research on broccoli) 

मेलबर्न यूनिवर्सिटी (melbourne university research on broccoli) में हुए शोध बताते हैं कि ब्रोकोली में मौजूद नेचुरल कंपाउंड श्वसन संबंधी सूजन से बचाने में मदद कर सकते हैं। रेस्पिरेटरी इन्फ्लेमेशन के कारण अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज होती हैं। फेफड़े ठीक से काम करें, इसके लिए मैक्रोफेज श्वेत रक्त कोशिकाएं मलबे और बैक्टीरिया को हटाती हैं। ये फेफड़ों में जमा हो सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इस काम में ब्रोकोली के नेचुरल कंपाउंड सल्फोराफेन मदद कर सकते हैं।

वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को रोक सकता है

ब्रोकोली में मौजूद सल्फोराफेन नोज एयरवेज में एंटीऑक्सीडेंट एंजाइमों की वृद्धि को ट्रिगर करता है। यह मुक्त कणों के हमले से सुरक्षा प्रदान करता है। यह वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को रोकता है। शोध के अनुसार मुक्त कण ऑक्सीडेटिव ऊतक क्षति का कारण बन सकते हैं। इससे सूजन और अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि शोध अभी भी प्रायोगिक चरण में है और अस्थमा के दौरे के दौरान सामान्य मेडिकल ट्रीटमेंट का पालन किया जाना चाहिए।
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सल्फोराफेन कंपाउंड सूजन को कम कर सकता है (Sulphoraphen compound of Broccoli) 

ब्रोकोली में पाया जाने वाला कंपाउंड सल्फोराफेन फेफड़ों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन की अभिव्यक्ति को बढ़ाता है। यह अंग को विषाक्त पदार्थों से होने वाले नुकसान से बचाता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों में जीन कम सक्रिय है। इन्हें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज हो सकती है। जीन की बढ़ती अभिव्यक्ति से इसका उपयोग उपचार में किया जा सकता है।

ब्रोकोली अंग को विषाक्त पदार्थों से होने वाले नुकसान से बचाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

सेलुलर मार्गों पर प्रभावों की जांच

जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, वैंकूवर में सेंट पॉल अस्पताल, शिकागो विश्वविद्यालय और कोलोराडो विश्वविद्यालय के सहयोगियों ने ब्रोकोली पर अध्ययन किया। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल: अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में भी प्रकाशित हुआ।इस क्लिनिकल स्टडी में फेफड़ों की बीमारी में शामिल महत्वपूर्ण सेलुलर मार्गों पर ब्रोकली के प्रभावों को देखा गया। हालांकि यह शोध भी प्रारंभिक अवस्था में है। अध्ययन के केवल एक छोटे से हिस्से ने सल्फोराफेन के प्रभावों का आकलन किया गया था। इसका उपयोग बीमारी के इलाज के लिए कैसे किया जा सकता है, यह स्पष्ट होने में कुछ समय लगेगा

प्रतिदिन खाएं एक या दो कप उबली हुई ब्रोकोली ( Steamed Broccoli)

ब्रोकोली विटामिन ए और सी, बी-6 से भरपूर होता है। इसमें आयरन, कैल्शियम और आहार फाइबर भी शामिल होते हैं। इसमें कैलोरी भी कम होता है। इसमें फैट नहीं होता है और यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। प्रतिदिन एक या दो कप उबली हुई ब्रोकोली खाना स्वास्थ्य के लिए बढ़िया है। रेस्पिरेटरी इन्फ्लेमेशन (broccoli for respiratory inflammation) को कम करने में ब्रोकोली मददगार है। यदि प्रोसेस्ड की बजाय ताज़ी हरी गोभी खाई जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद हो

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ब्रोकोली विटामिन ए और सी, बी-6 से भरपूर होता है। चित्र: शटर स्‍टॉक

एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव आयल (Extra Virgin Olive Oil)

ब्रोकोली के अलावा, हरी पत्तेदार सब्जियां- पालक, केल, कोलार्ड भी खाई जा सकती है। स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी, चेरी आदि भी खाएं। चना, दाल, मटर, राजमा, ब्कैक बीन्स भी खाएं। एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव आयल सबसे कम प्रोसेस्ड होता है। स्वास्थ्य फायदों के लिए एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव आयल के साथ ब्रोकोली को खाया जा सकता है।

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