दालों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि यह अन्य फूड्स की तुलना में हमारे शरीर को अधिक पोषण प्रदान करती हैं, और कई तरह से हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती हैं। वैसे तो हमारे आसपास कई तरह की दालें मौजूद हैं, लेकिन आज हम जिस दाल के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में बहुत कम लोग जानते है। ये दाल है कुल्थी की दाल, जिसे मांसाहार से भी ज्यादा पौष्टिक कहा जाता है। आइए जानें इस दाल के स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
क्या आपने कभी कुल्थी की दाल या हॉर्स ग्राम का नाम सुना है? यदि आपका जवाब ना है तो आप अभी तक इसके स्वास्थ्य लाभों से वंचित हैं। चिकित्सा जगत में कुल्थी की दाल को एक विशेष दर्जा प्राप्त है, क्योंकि इस पर किए गए अध्ययनों ने इसके कई औषधीय गुणों को उजागर किया है। यह न सिर्फ आपके शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करती है, बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकती हैं।
हम यहां आपको कुल्थी की दाल या हॉर्स ग्राम के पोषण मूल्य और स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं। लेकिन इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, यह जान लेते हैं कि कुलथी या कुल्थी की दाल होती क्या है?
कुल्थी एक प्रकार की दाल है, जिसे अंग्रेजी में हार्स ग्राम के नाम से जाना जाता है। इसे दक्षिण भारत की महत्वपूर्ण फसल माना गया है। इसका रंग गहरा भूरा होता है और देखने में मसूर की दाल की तरह लगती है। दक्षिण भारत के कुछ प्रमुख व्यंजनों जैसे रसम आदि बनाने के लिए इसे प्रयोग में लाया जाता है। इस दाल का वैज्ञानिक नाम मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम (Macrotyloma uniflorum) है।
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आयुर्वेद के अनुसार कुल्थी दाल में कई औषधीय गुण होते हैं। अन्य दालों की तरह कुल्थी की दाल पोषक तत्वों का एक पावर हाउस है। इसमें लगभग वह सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसकी हमारे शरीर को आवश्यकता होती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फोस्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, विटामिन- ए, बी, सी, आयरन, नियासिन, रीबोफ्लेविन, थायमिन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह न केवले हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करती है, बल्कि कई गंभीर रोगों से बचाव करने में भी मददगार है।
हॉर्स ग्राम या कुल्थी दाल वजन कम करने में बेहद मददगार साबित हो सकती है। इसमें मौजूद फिनोल प्राकृतिक रूप से वसा को जलाते हैं। इसके अलावा, यह दाल कैलोरी में कम और कार्बोहाइड्रेट में उच्च है, जो कि इसे एक उच्च तृप्ति वाला भोजन बनाता है। जिससे आप अधिक समय तक पूर्ण महसूस करते हैं, यह किसी व्यक्ति को लगातार खाने और अधिक खाने से रोकने में मददगार है।
वर्तमान समय में अधिकांश महिलाएं अनियमित मासिक धर्म की समस्या से पीड़ित हैं। लेकिन यह समस्या बेहद खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि यह समस्या कई अन्य विकारों का कारण बन सकती है। साथ ही इसके चलते महिलाओं में बांझपन की समस्या भी हो सकती है।
ऐसे में कुल्थी दाल का सेवन आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें उपस्थित पौष्टिक तत्व शरीर को प्रोटीन व आयरन देते है। आयरन मिलने से खून की कमी दूर होती है और एनीमिया जैसी समस्या नहीं होती है। लेकिन सही मात्रा में इस का उपयोग करे।
आयुर्वेद ऐसे मामलों में हर दिन एक चम्मच कुल्थी दाल के पाउडर का सेवन करने की सलाह देता है। साथ ही इसका लाभ पाने के लिए प्रतिदिन कुल्थी दाल का पानी, सूप या स्प्राउट्स का भी सेवन किया जा सकता है।
कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि कुल्थी दाल का सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और हृदय रोग के कई जोखिम कारकों को कम किया जा सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले चूहों में पांच सप्ताह के अध्ययन के अनुसार, कुल्थी दाल कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करती है। जिनका उच्च स्तर हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा होता है।
अन्य जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि कुल्थी दाल और इसके घटक सूजन के कई मार्करों को कम कर सकते हैं, जो हृदय रोग जैसी पुरानी स्थितियों में योगदान कर सकते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, मानव अनुसंधान ने भी कुल्थी दाल के सेवन में वृद्धि को हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के साथ जोड़ा है।
डायबिटीज एक जीवनशैली जनित रोग है। यह एक समस्या है जो आपका जीवन भर पीछा नहीं छोड़ती। इसे केवल अपनी जीवनशैली में बदलाव करके ही नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन यहां कुल्थी दाल का सेवन करना डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।
यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुल्थी टाइप 2 डायबिटीज पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती है।
जिन लोगों को किडनी में पथरी की समस्या है, उनके लिए कुल्थी दाल का सेवन करना बहुत कारगर साबित हो सकता है। पथरी के लिए कुल्थी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। कुल्थी दाल एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकाले वाले गुणों में समृद्ध होती है। जो किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं कुल्थी दाल एक कारगर मूत्रवर्धक के रूप में काम करती है, जिससे पेशाब के रास्ते किडनी स्टोन को निकालने मदद मिलती है।
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