हम में से ज्यादातर लोग प्याज से आने वाली एक अलग गंध के कारण उससे परहेज करते हैं। बावजूद इसके कि इसका क्रंची का टेस्ट खाने के स्वाद को और बढ़ा देता है। गर्मी का मौसम बढ़ने के साथ ही भारतीय खानपान में प्याज को अधिक महत्व दिया जाने लगता है। क्या आप जानती हैं कि इसकी वजह क्या है?
असल में प्याज में वे सभी पोषक गुण मौजूद होते हैं, जो बढ़ती गर्मी में होने वाली समस्याओं का मुकाबला करने के लिए आपको तैयार करते हैं। कोविड-19 के समय में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी आपको अपने आहार में प्याज को शामिल करना चाहिए।
भले ही नवरात्रि और अन्य विशेष अवसरों के भोजन में आप प्याज का बहिष्कार करें, मगर आयुर्वेद ने प्याज को बहुत महत्व दिया गया है। एंटी इंफ्लामेटरी और अन्य औषधीय गुणों के कारण स्कैल्प और सिर के घावों में प्याज के इस्तेमाल की सिफारिश की गई है। साथ ही हेयर ग्रोथ में भी प्याज के रस को लाभदायक माना गया है।
असल में प्याज में कैलोरी बहुत कम होती है, इसके बावजूद वह विटामिन और खनिजों में उच्च हैं। एक मध्यम आकार की प्याज में सिर्फ 44 कैलोरी होती है, लेकिन विटामिन, खनिज और फाइबर की पूरी खुराक पाई जाती है।
प्याज बी विटामिन में भी भरपूर हैं। इसमें विटामिन बी 9 (फोलेट) और बी 6 (पाइरिडोक्सिन) शामिल हैं। जो चयापचय, लाल रक्त कोशिका उत्पादन और तंत्रिका कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यूएस बेस्ड संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन में सामने आया है कि प्याज विटामिन सी में भी उच्च होती है। विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली, कोलेजन उत्पादन, ऊतकों की मरम्मत और आयरन के अवशोषण को विनियमित करने में मदद करता है।
यह जरूरी विटामिन आपकी कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से मुक्त कर एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। मौसमी संक्रमण और कोविड-19 से बचने के लिए भी आपको अपने आहार में प्याज को शामिल करना चाहिए।
नेशनल इंस्टीट्य ऑफ हेल्थ के शोध में यह पाया गया कि प्याज खाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। टाइप 2 मधुमेह वाले 42 लोगों पर हुए एक अध्ययन में ताजी लाल प्याज के 3.5 औंस (100 ग्राम) खाने से चार घंटे के बाद रक्त शर्करा का स्तर लगभग 40 mg / dl तक कम हुआ।
जानवरों पर हुए अध्ययन भी इसका समर्थन करते हैं। मधुमेह से ग्रस्त चूहों को 28 दिनों तक 5% प्याज के अर्क वाला भोजन दिया गया। जिससे उनमें रक्त शर्करा और वसा दोनों में कमी देखी गई।
प्याज में एंटीऑक्सिडेंट और अन्य जरूरी यौगिक होते हैं, जो सूजन से लड़ते हैं, ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। यानी प्याज का सेवन हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकता है।
उच्च रक्तचाप वाले 70 से अधिक वजन वाले लोगों का एक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि क्वेरसेटिन युक्त प्याज के 162 मिलीग्राम प्रति दिन की खुराक से सिस्टोलिक रक्तचाप प्लेसबो की तुलना में 3-6 mmHg तक कम हुआ। प्याज को कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए भी दिखाया गया है।
क्वेरसेटिन एक फ्लेवोनॉइड एंटीऑक्सिडेंट है, जो प्याज में अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके एंटी इंफ्लामेटरी गुण उच्च रक्तचाप को कम करने और रक्त के थक्कों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
प्याज देश भर में बहुत आराम से उपलब्ध होती है। आपकी लोकल मार्केट से लेकर सुपर स्टोर तक पोटेशियम का इससे सुलभ स्रोत दूसरा कोई नहीं है। पब मेड में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार एक औसत वजन के वयस्क को औसतन 4,700 मिलीग्राम पोटेशियम की खुराक जरूर लेनी चाहिए।
पोटेशियम आपके सामान्य सेलुलर फ़ंक्शन, द्रव संतुलन, तंत्रिका संचरण, किडनी फंक्शन और मांसपेशियों में संकुचन में मदद करता है।
पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओएस) से ग्रस्त 54 महिलाओं पर हुए एक अध्ययन में भी प्याज का स्कोर अच्छा रहा। इन महिलाओं ने आठ सप्ताह तक कच्चे लाल प्याज (40-50 ग्राम/ दिन) का सेवन किया। परिणामस्वरूप इनमें “खराब” कोलेस्ट्रॉल में कमी देखी गई।
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