विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रति सप्ताह मछली के 1-2 स्लाइस खाने की सलाह देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है और कई बीमारियों से सुरक्षा भी देता है। ऐसे में फिश ऑयल का इस्तेमाल और लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है, तो आइये जानते हैं मछली के तेल के बारे में –
मछली का तेल एक आहार पूरक (Dietary Supplement) है, जो कुछ प्रकार की तैलीय मछलियों के ऊतकों से निकाला जाता है। मछली के तेल के सबसे महत्वपूर्ण घटक डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए), ओमेगा -3 फैटी एसिड और ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) हैं। लगभग 30% मछली का तेल ओमेगा -3 से बना होता है, जबकि शेष 70% अन्य वसा से बना होता है। इसके अलावा, मछली के तेल में विटामिन A और D होते हैं।
खास बात यह है कि मछली के तेल में पाए जाने वाले ओमेगा -3 के प्रकार, प्लांट बेस्ड स्रोतों में पाए जाने वाले ओमेगा -3 से ज्यादा फायदेमंद होते हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के अनुसार, एक चम्मच कॉड लिवर ऑयल, में शामिल है:
एनर्जी : 41 कैलोरी
विटामिन A: 4,500 अंतरराष्ट्रीय यूनिट (आईयू)
विटामिन D: 450 आईयू
संतृप्त फैटी एसिड: 1.017 ग्राम
मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड: 2.102 ग्राम
पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड: 1.014 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल: 26 मिलीग्राम (मिलीग्राम)
मछली का तेल ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है। इन घटकों को कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण माना जाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम को कम करता है। यह भी माना जाता है कि मछली का तेल अनियमित दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है और ह्रदय स्वास्थ्य में योगदान देता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड अंदर से स्किन सेल को रिपेयर करने की क्षमता रखता है। साथ ही, यह स्किन सेल को डैमेज होने से बचाता है। यह एंटीइन्फ्लेमेटरी प्रभावों के कारण त्वचा की लालिमा और जलन को दूर करके इसे अन्दर से निखारता है। इसलिए, आप इसे अपने स्किन केयर रूटीन और आहार दोनों का हिस्सा बना सकती हैं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड के नियमित सेवन से शरीर में बी-कोशिकाओं नामक रोग से लड़ने वाली कोशिकाओं की संख्या और गतिविधि बढ़ जाती है। यह अपने एंटीइन्फ्लेमेटोरी प्रभावों के साथ मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण करने में मदद करता है।
मनोदशा और अनुभूति को मस्तिष्क में स्रावित सेरोटोनिन नामक रसायन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। मछली के तेल का नियमित सेवन शरीर में सेरोटोनिन को बढ़ावा देता है। इस प्रकार सेरोटोनिन की बढ़ती हुई मात्रा सामाजिक व्यवहार में सुधार करने और मूड बूस्ट करने में मदद करती है। यह मस्तिष्क के कामकाज में सुधार करता है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में मदद करता है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार मछली के तेल का नियमित सेवन शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही, यह भी देखा गया है कि जो लोग आहार में मछली का सेवन करते हैं, उनको ह्रदय रोग का जोखिम कम होता है।
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