क्या आप हर मील के बाद अपने लिए कॉफी का कप तैयार करने लगती हैं? या उस छोटी सी भूख को शांत करने के लिए आप चिप्स या वैफर्स का पैकेट खोल लेती हैं? अगर ऐसा है तो आप वजन बढ़ने, डायबिटीज रिस्क और असंतुलित ब्लड प्रेशर के लिए तैयार हो जाइए। हमें दिन भर काम करने के लिए न सिर्फ अच्छे भोजन की जरूरत होती है, बल्कि हेल्दी स्नैकिंग भी उतनी ही जरूरी है। जब आप इसे नजरंदाज करती हैं, तो आपको अपनी सेहत के साथ बहुत सारी समस्याएं महसूस होने लगती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप हर दो मुख्य भोजनों के बीच आप एक हेल्दी स्नैक्स (benefits of snacking between meals) को चुनें। इसके लिए एक्सपर्ट आपको 5 अच्छे कारण बता रहीं हैं।
भोजन लेने के कुछ घंटों बाद हमें हल्की भूख लगने लगती है। इसलिए कुछ भी लेकर हम मंचिंग करने लगते हैं। दो डाइट के बीच के समय में हम जो स्नैक्स लेते हैं, ज्यादातर वह हेल्दी नहीं होता है। हममें से ज्यादातर लोग स्नैक्स में कुछ तला-भुना लेने लगते हैं। यह छोटी सी गलती आपकी वेट लॉस यात्रा को बाधित कर सकती है।
इसलिए हमें स्नैक्स में कुछ ऐसे फूड्स को शामिल करना चाहिए, जो न सिर्फ ब्लड शुगर और वेट लॉस को संतुलित बनाए रखे, बल्कि पेट भरा होने का भी अहसास कराएं। यदि आप हेल्दी स्नैक्स का चुनाव करती हैं, तो उनमें एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन, मिनरल्स, फाइटोन्यूट्रिएंट्स और हेल्दी फैट भी मौजूद हो सकते (benefits of snacking between meals) हैं। हमें खाने की खराब आदत को खत्म करने के साथ-साथ कैलोरी भी कम लेनी होगी और रशरीर में न्यूट्रीशन को भी बढ़ाना होगा।
डाइट के बीच हेल्दी स्नैक्स लेना क्यों जरूरी है, इसके लिए हमने बात की जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट, बंगलुरू में चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ बबीना एनएम से। उन्होंने बताया कि शरीर को संपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करने के लिए हेल्दी स्नैकिंग जरूरी है। नियमित अंतराल पर हेल्दी स्नैक्स लेना हर उम्र और हर वर्ग के व्यक्ति के लिए जरूरी है।
यदि भूख लगने पर शरीर को खाना नहीं मिलता है, तो यह फास्टिंग करना शुरू कर देता है। इससे मेटाबॉलिज्म और दूसरी शारीरिक प्रक्रियाएं भी कम हो जाती हैं। अंततः ओवरईटिंग ट्रिगर हो जाती है और इसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ता है।
फल, कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स, फलियां और साबुत अनाज ऐसे स्नैक्स के उदाहरण हैं, जो आवश्यक मिनरल्स और न्यूट्रीएंट्स से भरपूर होते हैं। यह लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास करवाते हैं। पौष्टिक इंडियन स्नैक्स का चयन करके कोई भी अपनी स्वीट डिजायर या कैफीन एडिक्शन के आगे झुकने से बच सकता है।
विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज, ओबेसिटी, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रस्त लोगों को ब्लड शुगर लेवल बनाए रखना पड़ता है। इसके लिए नियमित अंतराल पर पौष्टिक स्नैक्स खाने की जरूरत पड़ती है। जिन्हें डायबिटीज नहीं है, उन्हें भी हर दिन सही समय पर हेल्दी स्नैक्स लेना चाहिए, क्योंकि बहुत देर तक बिना भोजन के रहने से ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि या गिरावट हो सकती है। इससे समय के साथ व्यक्ति इंसुलिन के प्रति कम रेस्पॉन्सिव बन सकता है।
आपने पाया होगा कि आप कभी-कभी ऑफिस वर्क या दूसरी जिम्मेदारियों की वजह से लंबे समय तक खाना नहीं खाती हैं, तो खाते ही भोजन के माध्यम से बहुत सारा कार्बोहाइड्रेट एक बार में ले लेती हैं।
हालांकि अनहेल्दी ढंग से लिया गया यह फूड शुरू में तो स्वादिष्ट लगता है, लेकिन बाद में यह वजन बढ़ा देता है। जिसे खत्म करना मुश्किल हो जाता है। भोजन लेने के बाद हर 2-3 घंटे में स्नैक्स लेकर आप वजन को नियंत्रित कर सकती हैं। इससे अधिक खाने और अनहेल्दी फूड्स लेने से भी आप बची रहती हैं।
सभी कार्यों के लिए एनर्जी महत्वपूर्ण है। यहां तक कि लैपटाॅप पर काम करने के लिए भी आपको एनर्जी चाहिए होती है। दिन के दौरान समय-समय पर एक बाउल फल या मुट्ठी भर मेवे खाने से आपको ये आवश्यक अतिरिक्त एनर्जी मिल जाती है। जिससे मस्तिष्क की गतिविधि और सामान्य प्रभावशीलता को बढ़ावा मिलता है।
असल में जब आप स्नैक्स में फल, सलाद या सूखे मेवों का चयन करती हैं, तो आपको वे पोषक तत्व भी मिल पाते हैं, जो आपको रोटी-सब्जी या दाल-चावल से नहीं मिल पा रहे होते। हेल्दी स्नैक्स आपको जरूरी पोषक तत्व और खनिजों की आपूर्ति करने में मदद करते हैं।
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