गर्मियां आ गयी हैं और आपको हर जगह देखने को मिल जाएंगी ये लम्बी, पतली और चपटी ग्वार की फली। इस मौसम में आपने ग्वार की फली की सब्जी ज़रूर खाई होगी। कई लोगों को यह बहुत पसंद होती है, क्योंकि यह फैट फ्री और लो कैलोरी होती है। यह एक प्रकार का बीन है और इसे अंग्रेजी में क्लस्टर बीन्स (Cluster Bean) भी कहा जाता है। भारत में बहुत आम हैं, खासकर आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में।
एनीमिया की संभावना को कम करने के लिए आयरन घुलनशील और अवशोषित रूप में होना चाहिए। ग्वार की फली आयरन का महत्वपूर्ण स्रोत है और आपके शरीर में सबसे घुलनशील रूप में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। आयरन की उपस्थिति आरबीसी के भीतर हीमोग्लोबिन सामग्री को बढ़ाती है और रक्त की ऑक्सीजन खपत क्षमता को भी बढ़ाती है।
ग्वार की फली में गिलकोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये बीन्स ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम होते हैं। इसलिए, जब आप इन्हें खाते हैं, तो रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव नहीं होता। यदि आप मधुमेह रोगी हैं, तो इन बीन्स को अपने आहार में शामिल करना सबसे अच्छा है।
ग्वार की फली का सेवन वजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइबर वजन को नियंत्रित करने के साथ ही मोटापे को कम करने में कारगर हैं। इसलिए, ग्वार की फली को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें।
ग्वार की फली या क्लस्टर बीन्स फास्फोरस और कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं, यह हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ हड्डियों के स्वास्थ्य को भी बढ़ाती हैं। ग्वार की फली प्रोटीन में भी उच्च होती है, जो मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन के अनुसार ग्वार की फली में प्रोटीन, घुलनशील फाइबर प्राप्त करने का एक समृद्ध तरीका है। इनके साथ, इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन शामिल हैं, जैसे कि विटामिन K, विटामिन C, विटामिन A, फोलेट, और कार्बोहाइड्रेट। इसके साथ ही इसमें अन्य खनिज भी हैं, जैसे फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम आदि।
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