गर्मियों में मिठास घोलने के लिए सफेद चीनी से बेहतर है कोकोनट शुगर , हम बता रहे हैं इसके 5 कारण

मीठी लस्‍सी से लेकर शिकंजी तक गर्मियों में खुद को हाइड्रेट रखने के लिए हम कई तरह के पेय पीते हैं। इनमें सफेद चीनी की बजाए कोकोनट शुगर का इस्‍तेमाल करके और ज्‍यादा पोषक बनाया जा सकता है।
रेगुलर चीनी के बजाय करें कोकोनट शुगर का इस्तेमाल. चित्र : शटरस्टॉक
पुदीने का शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है और यह पेट को शांत करने में मदद कर सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

मीठे का परहेज़ सभी को करना चाहिए, लेकिन क्रेविंग्स का क्या करें? सफेद चीनी स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती, क्योंकि यह कैलोरीज में अधिक होती है। मगर क्या हो अगर हम आपको बताएं कि एक चीनी ऐसी है जो मॉडरेशन में स्वास्थ्य के लिए हेल्दी हो सकती है। जी हां कोकोनट शुगर उन्हीं में से एक है।

क्या है कोकोनट शुगर?

कोकोनट शुगर यानी नारियल से बनी चीनी को पाम शुगर भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक चीनी है, जो नारियल के ताड़ के पेड़ से बनाई जाती है। यह नारियल के पौधे का शर्करा परिचालित तरल है। कोकोनट शुगर को नारियल के फूल पर एक कट लगाकर बनाया जाता है। इसके (तरल पदार्थ) सैप को कंटेनरों में इकट्ठा किया जाता है।

जब तक कि अधिकांश पानी इवेपोरेट न हो जाए, तब तक सैप गर्मी में रखा जाता है। अंतिम उत्पाद भूरा और दानेदार होता है। इसका रंग कच्ची चीनी के समान होता है, लेकिन कण का आकार आमतौर पर छोटा होता हैं।

इसकी प्रक्रिया की वजह से इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। साथ ही, नारियल के गुण भी मौजूद होते हैं जो इसे रेगुलर चीनी के बजाय एक बेहतर विकल्प बनाते हैं।

नारियल के पेड़ की छाल से बनाई जाती है, कोकोनट शुगर। चित्र- शटरस्टॉक।
नारियल के पेड़ की छाल से बनाई जाती है, कोकोनट शुगर। चित्र- शटरस्टॉक।

कोकोनट शुगर स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छी है और रेगुलर शुगर से कैसे बेहतर है, आइये जानते हैं:

1. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई)

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) एक माप है जो कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का हमारे रक्त शर्करा और ग्लूकोज के स्तर पर उनके प्रभावों का मूल्यांकन करता है। उच्च जीआई खाद्य पदार्थ आपके जीआई का कारण बन सकते हैं। रक्त शर्करा को अचानक बढ़ने के लिए जो आपके इंसुलिन के स्तर में इजाफा कर देते हैं।

इसके अलावा, नारियल चीनी में इंसुलिन नामक एक फाइबर होता है, जो ग्लूकोज अवशोषण को धीमा करने के लिए जाना जाता है।

2. पोषक तत्वों से भरपूर

प्रति चम्मच 16 कैलोरी और चार ग्राम कार्बोहाइड्रेट के साथ, नारियल चीनी आपके कैलोरी की मात्रा को कम नहीं कर सकती। मगर, सफेद चीनी में सिर्फ कैलोरी होती हैं, जिसका अर्थ है कि इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होते। दूसरी ओर, नारियल चीनी एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम, फाइबर और पोटेशियम में भी उच्च है।

3. ये रिफाइंड नहीं है

नेचुरल स्वीटनर के बाद नारियल चीनी सबसे अधिक मांग में है। व्यापक रिफाइंड प्रक्रिया से दूर, नारियल की चीनी शुद्ध और सीधे प्रकृति से ली जाती है। आप इसे विभिन्न डिजर्ट और पेय तैयार करने में उपयोग कर सकती हैं। बेकिंग में और खाना पकाने में नारियल की चीनी का उपयोग प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में किया जाता है।

नारियल चीनी अन्य चीनी की तरह रिफाइंड नहीं है चित्र: शटरस्‍टॉक
नारियल चीनी अन्य चीनी की तरह रिफाइंड नहीं है चित्र: शटरस्‍टॉक

4. कम फ्रुक्टोज

फ्रुक्टोज चीनी का एक प्रकार है, जो हमारे शरीर द्वारा जल्दी से वसा में परिवर्तित हो जाता है। फ्रुक्टोज आसानी से टूट नहीं सकता। इसी वजह से ट्राइग्लिसराइड्स (वसा का एक रूप) का गठन होता है। नारियल चीनी में 70 से 75 प्रतिशत सुक्रोज और लगभग 20 से 30 प्रतिशत फ्रुक्टोज होता है, जो सफेद चीनी से काफी कम है, जो की फ्रुक्टोज और ग्लूकोज दोनों में उच्च होता है।

5. बेहतर इलेक्ट्रोलाइट्स

पोटेशियम, मैग्नीशियम और सोडियम में उच्च होने के नाते, नारियल चीनी में शरीर की जल सामग्री को नियमित करने की क्षमता होती है। क्या आप जानते हैं कि इसमें सफेद चीनी की तुलना में लगभग 400 गुना अधिक पोटेशियम है? तो, सुनिश्चित करें कि आप मॉडरेशन में इसका इस्तेमाल करें।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

यह भी पढ़ें : अब वक्‍त है अपने आहार में प्‍याज को शामिल करने का, इम्‍युनिटी बढ़ाने के साथ ये लाभ भी देती है प्‍याज

  • 82
लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

अगला लेख