इस बात से हर कोई वाकिफ है कि शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी बेहद ज़रूरी है। अधिकतर लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। मगर सर्दी की शुरूआत के साथ ही लोग ठंडे से गर्म पानी की ओर रूख करते है। मगर सवाल ये है कि क्या वाकई कोल्ड वॉटर की तुलना में गर्म पानी स्वास्थ्य को कोई फायदा पहुंचाता है। चलिए जानते हैं न्यूट्रिशनिस्ट से कि क्यों गर्म पानी पीना है आवश्यक है और इससे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं (lukewarm water benefits) ।
जर्नल ऑफ फूड साइंस की रिपोर्ट के अनुसार गर्म पानी पीने के लिए तापमान को 130 से 160 डिग्री एफ तक रखें। इससे ज्यादा तापमान पर गर्म पानी पीने से जीभ और गले में छाले बनने लगते हैं। इसके पोषण को बढ़ाने के लिए नींबू का रस डालें और पीएं।
डायटीशियन एंड डायबिटीज एजुकेटर, कनिका मल्होत्रा बताती हैं कि पानी स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है और हेल्दी बॉडी फंक्शनिंग के लिए रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ज़रूरी है। हांलाकि कई लोग हर मौसम में ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। मगर गर्म पानी पीने के शरीर को कई फ़ायदे मिलते हैं जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। सुबह उठने के बाद और सोने से पहले गर्म पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और पाचन को बढ़ावा मिलता है। साथ ही बैली फैट को कम करने में भी मदद मिलती है।
गर्म पानी डाइजेस्टिव ऑर्गन्स को उत्तेजित करता है। इससे पाचन तंत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, जिससे बेहतर पाचन और नियमित बॉवल मूवमेंट में मदद मिलती है। नियमित रूप से गर्म पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स किया जा सकता है। इससे एसिडिटी और ब्लोटिंग से भी बचा जा सकता है।
गर्म पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे एपिटाइट को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही शरीर में जमा चर्बी को बर्न करमे में भी मदद मिलती है। इससे सूजन और कब्ज की समस्या हल हो जाती है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वेटगेन की समस्या हल हो जाती है।
सुबह उठकर खाली पेट गुनगुना पानी पीने से न केवल डाइजेशन बूस्ट होता है बल्कि शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन भी बढ़ने लगता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हल हो जाती है। साथ ही शरीर में एकत्रित होने वाले वसा से बनने वाले ब्ल्ड क्लॉटिंग से भी राहत मिलती है। इससे आर्टरीज़ और वेन्स एक्सपैंड हो जाती हैं, जिससे ब्लड का फ्लो उचित बना रहता है
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ठंड की स्थिति में शरीर में कपकपी बढ़ जाती है। मगर गर्म तरल पदार्थ पीने से कंपकंपी कम हो सकती है। शरीर को अंदरूनी गर्माहट मिलने लगती है और शरीर एक्टिव बना रहता है। साथ ही निर्जलीकरण का जोखिम भी कम हो जाता है। रिसर्च के अनुसार जहां पुरूष को दिनभर में 112 ओंस पानी की आवश्यकता होती है, तो वहीं महिलाओं को 78 आेंस पानी पीना चाहिए।
नियमित रूप से गुनगुना पानी पीने से नर्वस सिस्टम हेल्दी रहता है। इससे ब्रेन फंक्शनिंग उचित बनी रहती है और मूड बूस्टिंग में मदद मिलती है। ब्रेन एक्टिव रहने से चीजों को याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है और एकाग्रता को भी बढ़ाया जा सकता है। घूंट घूंट कर गर्म पानी पीना चाहिए।
एक कप गर्म पानी पीने से बार बार आने वाली खांसी और सांस लेने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है। नाक बंद रहने यानि साइनस से सिरदर्द का जोखिम बना रहता है। इसकी मदद से म्यूक्स को बनने से भी रोका जा सकता है, जिससे एयरवेज़ को क्लीयर रखने में मदद मिलती है।