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क्या आप भी ग्लूटेन फ्री डाइट ट्राई करना चाहते हैं? तो इसके फायदे और नुकसान जान लेना है जरूरी

भारत में सेलेब्रिटीज अक्सर ग्लूटेन-फ्री डाइट के बारे में बात करते सुने जाते हैं। हालांकि, यह अभी तक आम जनमानस तक नहीं पहुंच पाया है। आइए जानते हैं क्या है ग्लूटेन-मुक्त आहार, इसके फायदे और नुकसान।
Updated On: 1 Oct 2024, 11:18 am IST
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gluten intolrance wale logo ko gluten thaka saktaa hai
ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ और राई में पाया जाता है। चित्र- अडोबा स्टॉक

ग्लूटेन फ्री डाइट (Gluten Free Diet) एक ऐसी डाइट है जिसमें ग्लूटेन नामक प्रोटीन वाले खाने से परहेज किया जाता है,जैसे-गेहूं, बियर आदि। यह उन लोगों के लिए है जो सीलियक डिजीज या ग्लूटेन सेंसेटिविटी पीड़ित हैं, ये मूल रूप से पश्चिम देशों में ज्यादा है। लेकिन अब उनके जैसी लाइफ स्टाइल और खान पान बढ़ने के कारण भारत में भी इसका असर है। पबमेड सेंट्रल में 2021 में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार सीलियक रोग (CD) को लंबे समय तक एशिया में असामान्य माना जाता रहा है। हालाँकि, कई अध्ययनों ने पाया कि भारत और मध्य पूर्व के देशों में, CD पश्चिमी देशों के समान है और यह और बढ़ सकता है।

क्या है ग्लूटेन?

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में चीफ डायटिशियन, प्रिया पालीवाल, बताती हैं कि “ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई और स्पेल्ट में पाया जाता है। इसका नाम लैटिन शब्द “ग्लू” से आया है। जब इसे पानी के साथ मिलाया जाता है, तो यह आटे को चिपचिपा बनाता है।

यह गोंद जैसी विशेषता ग्लूटेन को एक चिपचिपा नेटवर्क बनाने में मदद करती है, जिससे रोटी बेक होने पर उठती है। यह रोटी को चबाने लायक और एक बनावट देने मे मददगार है।

ग्लूटेन सेंसिटिविटी के लक्षण 

डाॅ प्रिया आगे कहती हैं,ग्लूटेन से एलर्जी तब होती है जब आपका शरीर ग्लूटेन प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है, जिससे गंभीर एनाफिलेक्टिक रिएक्शन हो सकता है। सही निदान के लिए गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में एक्सपर्ट से मिलना जरूरी है। उससे पहले कुछ लक्षणों पर ध्यान दें, जैसे-

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ग्लूटेन सेंसिटिव लोगों को गेहूं खाने से पेट में दर्द हो सकता है।चित्र-अडोबी स्टाॅक
  1. पेट दर्द, सूजन, डायरिया या कब्ज जैसी डाइजेशन प्राब्लम।
  2. सामान्य से ज्यादा थकान या एनर्जी की कमी।
  3. त्वचा पर समस्याएँ, जैसे दाने, खुजली या एक्जिमा।
  4. एंग्जाइटी, डिप्रेशन  मूड स्विंग्स।
  5. बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना या बढ़ना।
  6. बिना किसी व्यायाम,खिंचाव या चोट के भी दर्द महसूस होना।

यदि इनमें से कोई लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से सलाह लें और आवश्यक टेस्ट्स करवाएं।

ग्लूटेन फ्री डाइट के लाभ (benefits of gluten free diet)

ग्लूटेन-फ्री डाइट के कई लाभ हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो ग्लूटेन से संबंधित विकारों से ग्रस्त हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

1.बेहतर डाइजेशन:

कई लोग ग्लूटेन के बिना बेहतर डाइजेशन का अनुभव करते हैं, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या कम होती है।

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2.ऊर्जा स्तर में वृद्धि:

कुछ व्यक्तियों का कहना है कि गग्लूटेन को डाइट से हटाने से उनकी एनर्जी में सुधार होता है और थकान कम होती है।

3.पोषण का बेहतर एब्जार्र्पशन:

सेलिएक रोग वाले लोगों में, ग्लूटेन-फ्री डाइट आंतों को ठीक करने में मदद कर सकता है, जिससे न्यूट्रीशन बेहतर एब्जार्र्ब होता है।

4.वजन प्रबंधन में मदद:

कुछ लोग पाते हैं कि ग्लूटेन-फ्री डाइट उन्हें स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने में मदद करता है, जिससे वजन कम और कंट्रोल होता है। यह भी देखेंवेट लॉस की योजना बना रही हैं, तो ग्लूटेन को करें अपने आहार से दूर करें, हम बता रहे हैं कारण 

5.स्किन हेल्थ में सुधार:

ग्लूटेन को डाइट से हटाने से कुछ लोगों में एक्जिमा या सोरियासिस जैसी त्वचा की स्थितियों में सुधार हो सकता है।

gluten food ke nuksan
ग्लूटेन एलर्जी से आंत में  सूजन, यहां तक कि सीलिएक रोग सहित ऑटो-इम्यून सिंड्रोम भी हो जाते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

ग्लूटेन फ्री डाइट के कुछ नुकसान भी जान लें (Side effects of gluten free diet)

इसके नुक़सान के बारे में डाॅ प्रिया कहती हैं कि “ग्लूटेन फ्री डाइट अपनाना महंगा हो सकता है और यदि इसके लिए सही से योजना नहीं बनाई गई, तो यह महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट्स की कमी भी पैदा कर सकता है। यह उन लोगों के लिए जरूरी है जिनको सेलिएक रोग या अन्य ग्लूटेन-सेंसटिविटी  हैं, लेकिन यह सभी के लिए ठीक नहीं हो सकता। इस के कुछ दुष्प्रभाव हैं:

1.पोषण की कमी:

यदि सही से योजना नहीं बनाई गई, तो इस डाइट में फाइबर, आयरन, कैल्शियम और विटामिन बी जैसे आवश्यक न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है।

2.प्रोसेस्ड फूड खाना:

कई ग्लूटेन-फ्री फूड्स प्रोसेस्ड होते हैं, जिनमें अधिक चीनी और अनहेल्दी फैट हो सकता है।ये रहे 2020 के सबसे खराब फूड ट्रेंड्स, जिनसे तत्‍काल छुटकारा पा लेना है जरूरी

3.सामाजिक चुनौतियाँ:

भोजन के सीमित विकल्प होने के कारण घर के बाहर खाना या सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना मुश्किल हो सकता है। जिससे आपको अलग थलग महसूस हो सकता है।

4.वजन बढ़ने की संभावना:

कुछ लोग खाने को ग्लूटेन फ्री समझ कर ज्यादा खा लेते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ सकता है।

इसीलिए यह डाइट अपनाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह करना उचित है। और फाइबर और विटामिन्स की जरूरत को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेना जरूरी।

 

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
जान्हवी शुक्ला
जान्हवी शुक्ला

कानपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट जान्हवी शुक्ला जर्नलिज्म में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं। लाइफस्टाइल, फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस उनके लेखन के प्रिय विषय हैं। किताबें पढ़ना उनका शौक है जो व्यक्ति को हर दिन कुछ नया सिखाकर जीवन में आगे बढ़ने और बेहतर इंसान बनाने में मदद करती हैं।

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