एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर तुलसी की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं। मौसम में आने वाले परिवर्तन से शरीर में कई बदलाव आने लगते है और उसका प्रभाव रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी दिखने लगता है। ऐसे में तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने के अलावा चबाकर या निगलने से भी शरीर को फायदा मिलता है। धर्म और आयुर्वेद की दृष्टि से तुलसी का विशेष महत्व है। इससे पाचन सबंध समस्याओं को सुलझाने समेत इम्यून बूस्टिंग गुणों की भी प्राप्ति होती है। सबसे पहले जानते हैं तुलसी क्यों है खास और खाली पेट इसका सेवन (Tulsi leaf on an empty stomach) करने से शरीर को मिलने वाले फायदे।
अक्सर बचपन में दादी खांसी जुकाम को दूर करने के लिए आंगन में लगी तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पिलाया करती थीं। इससे न केवल ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है बल्कि शरीर में दिनभर ताज़गी बनी रहती है। इसके अलावा ग्री टी और पानी में उबालकर भी इसका सेवन किया जाता है। इससे शरीर को विटामिन, ए, डी, आयरन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम की प्राप्ति होती है। एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुणों के चलते खाली पेट तुलसी खाने के फायदे मिलते हैं (Tulsi leaf on an empty stomach) ।
इस बारे में योग गुरू और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट हंसाजी योगेन्द्र बताती हैं कि लगातार चौदह दिनों तक खाली पेट तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से शरीर में फ्री रेडिकल्स का प्रभाव बढ़ने से सेल्स क्षतिग्रस्त होने लगते है। ऐसे में तुलसी लीव्स का सवेन (Tulsi leaf on an empty stomach) करने से एंटीआूक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ती है, तो कोशिकाओं को न्यूट्रिलाइज़ करने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स से कैंसर और अर्थराइटिस की भी संभावना बढ़ जाती है। इसमें यूजेनॉल, सिट्रोनेलोल और लिनालोल तत्व पाए जाते हैं, जिसमें एंटीमाइक्रोबियल प्रोपर्टीज़ पाई जाती है।
रोज़ाना तुलसी का सेवन करने से पाचनतंत्र की मज़बूती बढ़ने लगती है और बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहता है। इसके अलावा एसिड रिफ्लक्स को संतुलित करके गट हेल्थ को फायदा मिलता है। इससे डाइजेस्टिव एंजाइम की मात्रा बढ़ती है, जो ब्लोटिंग, गैस और अपच दूर करता है।
तुलसी में ऐसे वाइटल मौजूद होते हैं जो इंसुलिन को जारी करते है। इससे रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। तुलसी कार्बोहाइड्रेट और वसा के चयापचय को भी बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके अलावा रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करने में मदद करती है।
रेस्पीरेटरी हेल्थ को बूस्ट करने के लिए तुलसी बेहद उपयोगी है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण संक्रमण के प्रभाव को कम करता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से चेस्ट कंजेशन की समस्या हल होने लगती है। ऐसे में तुलसी का काढ़ा बेहद फायदेमंद साबित होता है।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार इसका सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। 2018 के एक रिसर्च में पाया गया कि तुलसी की मदद से बुजुर्गों में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानि एलडीएल और वेरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानि वीएलडीएल कम करने में सक्षम है।
वे लोग सांसों की दुर्गंध से परेशान हैं, उन्हें नियमित रूप से सुबह उठकर तुलसी का सेवन करना चाहिए। इससे सांसों की ताज़गी बरकरार रहती है और शरीर हेलदी व एक्टिव रहता है। इसके अलावा दांतों से संबधी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
तुलसी के पत्तियों में एडाप्टोजेन्स तत्व मौजूद होता है, जिससे तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिलती हैं। इससे नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है और ब्लड के सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा इनसे तैयार तेल को कैरीयर ऑयल में मिलाकर मसाज करने से भी तनाव को कम करने मेंमदद मिलती है।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं और इसमें एंटी.बैक्टीरियल गुण होते हैं। शरीर को कई तरह के संक्रमणों से बचा सकता है। यह हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता है, जिससे स्वस्थ प्रतिरक्षा कोशिकाओं का निर्माण होता है।
खाली पेट तुलसी का सेवन करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होते हैं। इससे शरीर में संक्रमण से राहत मिलती है। साथ ही हेल्दी ब्लड सेलस की मात्रा बढ़ने लगती है। साथ ही एंटीवायरल गुण प्राप्त होते हैं।
ब्लड में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को इसकी मदद से दूर किया जा सकता है, जिससे बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है। इससे मुंहासे और दाग धब्बे कम होते हैं और त्वचा बेदाग रहती है। दरअसल एंटीऑक्सीडेंट से कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और आपकी त्वचा को जवां बनाए रखती है!
डाइजेशन को बूस्ट करने के अलावा चयापचय को बनाए रखने में भी तुलसी बेहद सहायक है। शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने से वजन घटाने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरीज़ की मात्रा से भी राहत मिलती है।
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