तीज सावन में आने वाला महिलाओं का प्रिय त्याेहार है। धर्म और आस्था के साथ-साथ यह प्रकृति और प्रेम का भी उत्सव है। कुछ प्रांतों में महिलाएं पति की दीर्घायु और सुखद दांपत्य के लिए हरियाली तीज का उपवास (Hariyali teej vrat) रखती हैं। जिसमें अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है। हालांकि उपवास स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। पर कुछ गलतियां इन्हें मुश्किल बना देती हैं। जिसमें से एक बड़ी समस्या है डिहाइड्रेशन। गर्मी और उमस के मौसम में यह समस्या तब और ज्यादा परेशान करती है जब आपने निर्जला उपवास रखा हो। जबकि व्रत के दौरान की जाने वाली कुछ गलतियां (Fasting) भी इसे बढ़ा देती हैं।
गर्मियों में दिनों दिन बढ़ने वाला तापमान व्रत के दौरान बार बार प्यास लगने की समस्या को बढ़ा देता है। इसके चलते महिलाएं थकान और कमज़ोरी महसूस करने लगता है। दरअसल, व्रत के दौरान आहार का उचित चयन (food during fasting) न करना भी प्यास बढ़ने की समस्या का कारण साबित होता है। जानते हैं हरियाली तीज के व्रत (Hariyali teej vrat) के दौरान किन गलतियों से बढ़ती है प्यास लगने की समस्या और इससे कैसे करें बचाव।
हरियाली तीज का व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस खास दिन पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत में भी करवाचौथ के समान ही महिलाएं सूरज निकलने से पहले सरगी का सेवन करके दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं। इसके चलते उन्हें भूख, प्यास और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि सरगी में ऑयली और शुगरी फूड आइट्म्स का सेवन करने से दिन भर आलस्य और प्यास लगने की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में खाना भी प्यास को बढ़ा देता है। इससे राहत पाने के लिए सरगी में हाइड्रेटिंग फूड (Hydrating food items) और हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
अधिकतर महिलाएं सरगी में खूब मिठाइयों, मीठे शरबत और मीठी मट्ठी का सेवन करती है। इससे शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ने लगता है। ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करने से शरीर का पानी अन्य कोशिकाओं में स्थानांतरित होता है, जिससे यूरिनेशन का सामना करना पड़ता है।
ज्यादा मात्रा में ऑयली फूड खान से शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ती है, जिससे प्यास का सामना करना पड़ता है। दरअसल, फ्राइड फूड में मौजूद नमक और तेल की मात्रा को शरीर में पचाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी न मिल पाने से सेल्स में फ्लूइड का बैलेंस बिगड़ने लगता है, जिसके चलते प्यास और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है।
हेल्दी पेय पदार्थों जैसे लस्सी, नींबू पानी या स्मूदी का सेवन न करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ने लगता है। शरीर में पोटेशियम और मैग्नीशियम की कमी के चलते बार बार प्यास लगने की समस्या बढ़ जाती है। साथ बॉडी फंक्शनिंग में मदद मिलती है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कम मात्रा के चलते हर पल थकान और सुस्ती का सामना करना पड़ता है।
व्रत के दौरान एक्सरसाइज़ करने से स्वैटिंग का सामना करना पड़ता है। पसीना आने से शरीर में मिनरल्स की कमी बढ़ जाती है, जिससे प्यास लगने लगती है और शरीर थका हुआ महसूस करता है। हाई इंटैसिव एसरसाइज़ से बचें और व्रत के दौरान केबल ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ (Breathing exercise) करने की सलाह दी जाती है।
आहार में दही को शामिल करें। इसे फ्रूट रायता और कस्टर्ड की फॉर्म में खाएं, जो एनर्जी का रिच सोर्स है। इससे भूख लगने की समस्या हल हो जाएगी और मिनरल्स की पूर्ति भी होगी। सरगी में दही या दूध में फ्रूट्स को डालकर खाने से प्यास लगने की समस्या हल हो जाती है।
आहार में नमकीन चीजों को शामिल करने से शरीर में वॉटर होल्ड करने में मदद मिलती है। वे महिलाएं जिन्हें हाई बीपी की समस्या (How to control high blood pressure) नहीं रहती है, उन्हें अपने आहार में नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। शरीर में सोडियम की कमी से यूरिलेशन की समस्या बढ़ती है, जिससे निर्जलीकरण Dehydration during fasting) का खतरा बढ़ने लगता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंशरीर को हेल्दी रखने के लिए सरगी में कोकोनट वॉटर (coconut water, छाछ (buttermilk) और नींबू पानी (lemonade) का सेवन करें। इससे शरीर में मिनरल्स की उच्च मात्रा बनी रहती है और बार बार लगने वाली प्यास से बचा जा सकता है।
शरीर की डाइजेस्टीबीलिटी को बढ़ाने के लिए मुट्ठी भर रोस्टिड या भिगोकर ड्राइ फ्रूट्स का सेवन करें। इसके अलावा ड्राइ रोस्ट मखाने भी शरीर का ताकत प्रदान करते हैं और प्यास को कम करते हैं। इनके सेवन से बार बार भूख लगने की समस्या से बचा जा सकता है