आपके के जीवन में ऐसे दिन भी आते हैं जब आप अनहेल्दी फूड्स छोड़कर हेल्दी आहार लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं, चाहे आप अपना वजन कम करना चाहते हों या पाचन स्वास्थ्य को बढ़ाना चाहते हों। इसमें सबसे पहला कदम यही होता है कि ज्यादा खाना बंद करना पड़ जाता है। इसमें पेट भरने से पहले खाना बंद करना बहुत जरुरी होता है। इसके लिए एक जापानी तरीका ‘हारा हाची बु’ (Hara hachi bu for weight loss ) अपनाया जा सकता है। कई जापानी अपना वजन मेंटेन रखने के लिए 80 प्रतिशत पेट भरा होने तक भोजन करते हैं। आपको भी इस आहार पद्धति का पालन करना चाहिए ताकि भारी भोजन करने के बाद पेट फूलने की समस्या से बचा जा सके। इसके कई लाभ हैं, जैसे वजन कम करना और आंतों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इस विधि से आपकी उम्र लंबी होगी साथ ही स्वास्थ्य में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। यह पद्धति ओकिनावा के लोगों द्वारा अपनाई जाती है जो लंबे समय तक जीने के लिए जाने जाते हैं।
आहार विशेषज्ञ श्रुति के भारद्वाज कहती हैं कि हारा हाची बू एक जापानी आहार पद्धति है (Hara hachi bu for weight loss ) जिसका अर्थ है “जब तक आपका पेट 80 प्रतिशत तक न भरे, तब तक खाएं। ऐसा माना जाता है कि जापान में यह तरीका पिछले 300 वर्षों से अपनाया जा रहा है। आहार का यह तरीका ज्यादातर कैलोरी गिनने या फूड ग्रुप्स को खत्म करने में मदद करता है। हालांकि, हारा हाची बू खाने का एक सरल तरीका है जो संयम और आत्म-जागरूकता को प्रोत्साहित करता है। यह खाद्य समूहों को प्रतिबंधित नहीं करता है, लेकिन संतुलित आहार को प्रोत्साहित करता है। यह आपके शरीर को पोषण देने के लिए पर्याप्त भोजन करने और 80 प्रतिशत पेट भर जाने पर खाना बंद करने को प्रोत्साहित करता है।
आपको हारा हाची बु पद्धति को जरूर आजमाना चाहिए। इस विधि से कई लाभ मिलते हैं जो कई तरीकों से आपके सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
हारा हाची बू के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक इसका लंबी उम्र से जुड़ा होना है। ओकिनावा के लोग, जो 100 साल या उससे ज्यादा जीने के लिए जाने जाते हैं, वे अपनी लंबी उम्र का श्रेय हारा हची बू (Hara hachi bu for weight loss ) को ही देते हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन में प्रकाशित 2016 के एक शोध के अनुसार, यह उन्हें ज्यादा खाने से रोकता है। भारद्वाज कहती हैं कि ज्यादा खाने से रोककर, यह खाने की अवधारणा को बनाए रखने और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करती है।
हारा हाची बू पद्धति ध्यानपूर्वक खाना खाने में मदद करती है। यह समस्याग्रस्त खाने के व्यवहार पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। 2015 में ईटिंग बिहेवियर में प्रकाशित शोध के अनुसार, यह खाने की लालसा और भावनात्मक खाने के स्तर को कम कर सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं, यह एक ऐसा तरीका है जो भोजन करते समय पेट फूलने से पहले ही आपको ज्यादा खाने से रोक देता है। इससे अनावश्यक वजन बढ़ने के जोखिम भी कम हो जाते हैं। यह तरीका ध्यानपूर्वक खाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
यदि आपका पेट पूरी तरह से भर जाता है या आप भरपेट खाना खा लेते हैं, तो खाने से आपके पाचन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है और पेट फूल सकता है, एसिड रिफ्लक्स हो सकता है और पेट में तकलीफ हो सकती है। हारा हची बू आपके पेट को बिना ज्यादा बोझ डाले भोजन को कुशलतापूर्वक पचाने में मदद करता है। विशेषज्ञ का कहना है कि जब आप संयम से खाते हैं, तो आपके पाचन एंजाइम और आंत के बैक्टीरिया बेहतर तरीके से काम करते हैं साथ ही पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करते हैं और पाचन संबंधी समस्याओं को कम करते हैं।
ज्यादा खाना, खास तौर पर प्रोसेस्ड और ज्यादा कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ, आपके लिए अच्छे नहीं हैं। जर्नल ऑफ ईटिंग डिसऑर्डर में 2022 में प्रकाशित शोध के अनुसार, यह हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम से जुड़ा है। विशेषज्ञ कहते हैं, (Hara hachi bu for weight loss ) “हारा हची बू अत्यधिक भोजन के सेवन को रोककर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
बहुत से लोग ज्यादा खाना खाने के बाद सुस्त हो जाते हैं। अधिक खाने से पाचन में काफी ऊर्जा खर्च हो सकती है, जिससे आपको थकान महसूस होने लगती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हारा हाची बू सुनिश्चित करता है कि आप अपने शरीर को ज्यादा ऊर्जा दिए बिना खाना खाएं। इससे पूरे दिन ऊर्जा का स्तर सामान्य रहता है। अगर आप बढ़ते वजन और अधिक खाना खाने से परेशान हैं, तो आप हारा हची बू का सेवन कर सकती है। ये जापानी खाना है जो वजन कम करते और पाचन में सुधार करने में मदद कर सकती है।
हारा हाची बु डाइ़़ट को कैसे फॉलो करें इसके लिए यहां आपको कुछ सुझाव दिए गए हैं
मस्तिष्क को आपके पेट से संकेत मिलने में लगभग 20 मिनट का समय लगता है, कि आपका पेट भर गया है। जल्दी-जल्दी खाने से आप पेट भरने से पहले ही ज्यादा खा खाना खा लेते हैं, भारद्वाज कहती हैं, कि आप खाने को अच्छी तरह चबाएं, हर निवाले का मजा लें और दूसरे निवाले के बीच में रुकें ताकि आपके दिमाग को संकेत मिल सके और शरीर तृप्ति महसूस कर सके।
छोटी प्लेटों में खाना परोसने से आप खाना कम लेते हैं। जब आप छोटी प्लेट का उपयोग करते हैं, तो आप कम खाना खाते हैं। क्योंकि इससे आपको ये भ्रम होता है की प्लेट भरी हुई है।
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं, शारीरिक भूख और भावनात्मक खाने के बीच अंतर करें। अगर आप शारीरिक भूख के बजाय तनाव, ऊब या आदत के कारण खाना खा रहे हैं, तो खाने से पहले खुद को समझें की आपको भूख लगी है या नहीं।
स्क्रीन के सामने बैठकर खाने से आप बिना सोचे-समझे ज्यादा खा सकते हैं। अपने खाने का ध्यान दें, हर खाने के स्वाद का आनंद लें और ध्यान भटकाए बिना खाएं।
जब आपका पेट 80 प्रतिशत तक भर जाए , तब खाना बंद कर दें , न कि तब तक का इंतजार करें जब तक कि आपका पेट पूरी तरह से भर न जाए।
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