जिस प्रकार पका हुआ केला आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है, ठीक उसी प्रकार कच्चे केले में भी कई ऐसी गुणवत्ताएं पाई जाती हैं, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं। हालांकि, आम तौर पर कच्चे केले की सब्जी बनाई जाती है, जो ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आती। इसलिए मेरी मां हमें कच्चे केले की टिक्की बना कर देती थी। इस प्रकार हम बड़े चाव से कच्चा केला खाते थे और यह बेहद स्वादिष्ट लगता था (Raw banana tikki)।
इस प्रकार हमें इसमें मौजूद पोषक तत्वों की गुणवत्ता भी प्राप्त हो जाती थी। मां की यह तकनीक मुझे इतनी पसंद आई कि मैं आज दूसरों को भी इसे आजमाने की राय देती हूं। अगर अपने कभी कच्चे केले की टिक्की (Raw banana tikki) ट्राई नहीं की है, तो आइए आज हमारे साथ जानिए इसकी रेसिपी। इस प्रकार आप अपने बच्चों को भी कच्चे केले को डाइट में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं (Raw banana tikki)।
कच्चा केला : 2 (भाप में पका हुआ और मसला हुआ)
चुकंदर: ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
गाजर: ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
नारियल: ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
अदरक: स्वादानुसार (बारीक कसा हुआ/कद्दूकस किया हुआ)
लहसुन: स्वादानुसार (बारीक कसा हुआ/कद्दूकस किया हुआ)
हरी मिर्च: स्वादानुसार (बारीक कटी हुई)
धनिया की पत्तियां: स्वादानुसार (बारीक कटी हुई)
मूंगफली: 2 चम्मच या स्वादानुसार (भुना हुआ और दरदरा पिसा हुआ)
स्वादानुसार सेंधा नमक
घी/ऑलिव ऑयल
स्टेप 1: कच्चे केले को अच्छी तरह धो लें और छिलके समेत भाप में पका लें। भाप में पकने के बाद छिलका हटाकर अच्छी तरह मसल लें।
स्टेप 2: मसले हुए केले में अन्य समय कसी हुई सामग्री डाल दें।
स्टेप 3: नमक मिलाएं, आप चाहे तो अपने स्वाद अनुसार अन्य मसाले भी ऐड कर सकती हैं।
स्टेप 4: जब मिश्रण तैयार हो जाए इसे टिक्की का आकार दें।
स्टेप 5: सभी टिक्की को भुनी हुई मूंगफली के पाउडर से कोट करें।
स्टेप 6: लोहे के तवे को गर्म करें, इसपर घी लगाएं और धीमी आंच पर टिक्की को दोनों तरफ से पकाएं।
स्टेप 7: जब टिक्की पूरी तरह से लाल नजर आने लगे तब इसे तबा के ऊपर से उतार लें।
स्टेप 8: आपकी टिक्की बनकर तैयार है, इसे धनिया की चटनी या अपनी किसी भी अन्य पसंदीदा चटनी के साथ एंजॉय करें।
कच्चे केले में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो खाद्य पदार्थों को पचने में मदद करता है। इसके साथ ही स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा देता है और कब्ज जैसे पाचन संबंधी समस्याओं के खतरे को कम कर देता है। इनमें रेजिस्टेंस स्टार्च होते हैं, जो एक प्रीबायोटिक है और आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया के निर्माण को बढ़ावा देते हैं। जिससे कि समग्र पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है। यदि आप अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहती हैं, तो कच्चा केला जरूर खाएं।
कच्चा केला पोटेशियम का एक बेहतरीन स्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और स्वस्थ हृदय कार्य को बनाए रखने में मदद करता है। कच्चे केले के नियमित सेवन से ब्लड वेसल स्वस्थ रहते हैं और कोलेस्ट्रोल का स्तर भी सामान्य रहता है। इसके अलावा इनमें मौजूद अन्य विटामिन एवं मिनरल्स स्वस्थ हृदय के निर्माण में सहायता करती हैं। इसलिए रोजाना इनका सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
कच्चे केले में कैलोरी की मात्रा कम होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिसका अर्थ है कि वे ब्लड शुगर स्पाई का कारण नहीं बनती है। इस प्रकार कच्चे केले से बने टिक्की का सेवन आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है, जिससे आपको बार-बार खाने की लालसा नहीं होती। ऐसे में आपका कैलोरी इंटेक्स भी सीमित रहता है और आपको वेट मैनेजमेंट में मदद मिल जाती है। अगर कोई व्यक्ति वेट लॉस डाइट पर है, तो वे अपनी क्रेविंग कम करने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं।
कच्चे केले में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका अर्थ है इन्हें खाने के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता है, जो इन्हें डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। अगर आप अपने ब्लड शुगर लेवल पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही हैं, तो इन्हें हेल्दी स्नैक के तौर पर अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। क्योंकि यह बिना किसी नुकसान के आपकी क्रेविंग्स को संतुष्ट करने में मदद करेंगे।
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