हरा मटर और हरा चना दोनों बेहद महत्वपूर्ण सुपरफूड है। इनमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के गुणवत्ता पाई जाती है, जो सेहत के लिए तमाम रूपों में फायदेमंद हो सकती है (Green pea and green chick peas)। परंतु कई लोगों के मन में यह सवाल होता है, कि हरे मटर और हरा चना दोनों में से कौन अधिक फायदेमंद है (Green pea and green chick peas)। यदि आपके मन में भी ये सवाल है, तो यहां इन दोनों के फायदे बताएं गए हैं। हम आपको बताएंगे ये सेहत को क्या फायदे प्रदान करते हैं, और आपके लिए इनमें से कौन अधिक फायदेमंद है (Green pea vs green chana)।
मटर में कैरोटीनॉयड ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन होते हैं। ये पोषक तत्व मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित आंखों से जुड़ी पुरानी बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन हानिकारक ब्ल्यू लाइट से फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं, जो मोतियाबिंद और धब्बेदार अध:पतन में योगदान देता है।
मटर में कूमेस्ट्रोल की भरपूर मात्रा पाई जाती है, ये एक ऐसा पोषक तत्व है, जो पेट के कैंसर से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेक्सिको सिटी में 2009 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार मटर और अन्य फलियों के दैनिक सेवन से पेट के कैंसर का खतरा 50% कम हो जाता है। मटर फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत है, जो भोजन को आसानी से पचाने में सहायता करता है।
मटर में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन सी, विटामिन ई, जिंक, कैटेचिन और एपिकैटेचिन पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व इम्यूनिटी के लिए जरूरी होते हैं। मटर में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी पोषक तत्व डायबिटीज, हृदय रोग और गठिया जैसी सूजन संबंधी स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
मटर (green pea benefits) में भरपूर मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है, जो स्टार्च को पचाने के तरीके को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। मटर में मौजूद प्रोटीन और फाइबर कार्बोहाइड्रेट के टूटने को धीमा कर देते हैं और आपके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च प्रोटीन वाले आहार के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में खाने के बाद ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होता। मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बेहद कम हो जाता है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली सूजन और स्ट्रेस्ड ब्लड वेसल्स की दीवारों पर प्लाक के निर्माण में योगदान कर सकते हैं। मटर (Green peas) में पाए जाने वाले ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड ऑक्सीकरण और सूजन को कम करने और प्लाक बनने से रोकने में मदद करते हैं।
हरे चने का सेवन इम्युनिटी को बढ़ावा देने में आपकी मदद करता है। यह शरीर को जरूरी विटामिन और पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा शक्ति का संचार बना रहता है। हरे चने का सेवन तमाम संक्रमण के खतरे को कम कर देता है।
हरा चना डाइटरी फाइबर से भरपूर होता है, इसके सेवन से डायबिटीज की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है। इसके सेवन से टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हरा चना खाने से ब्लड में ग्लूकोज और लिपिड प्रोफाइल को कंट्रोल किया जा सकता है।
छोलिया यानि हरा चना (Green chana) फाइबर से भरपूर होता है। फाइबर खाद्य पदार्थों को आसानी से पचने में मदद करता है, साथ ही साथ पाचन क्रिया को भी बढ़ावा देता है। यदि आपको कब्ज की समस्या है, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। हरा चना खाने से पेट स्वस्थ रहता है।
हरा चना (Green chick pea aka green chana) विटामिन ए से भरपूर होता है, जो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा स्ट्रेस से भी बचाता है। आंखों में उत्म के साथ होने वाली समस्या को दूर करने में मदद करता है।
नोट: हरी मटर और हरा चना (Green pea vs green chana) दोनों व्यक्तिगत रूप से पोषक तत्वों का भंडार हैं, इन दोनों के सेवन से कई संभावित स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। अब यह व्यक्तिगत इच्छा है कि आपको क्या खाना है। दोनों के स्वाद में अंतर होता है, इसलिए आपको जिसका स्वाद अधिक पसंद है, उसे अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
यह भी पढ़ें : चुकंदर को समर डाइट में शामिल करने के कुछ मजे़दार आइडिया, ताकि आप हाइड्रेटेड रह सकें
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।