घी या मक्खन, जानिए आपकी सेहत के लिए क्या है ज्यादा बेहतर और क्यों

घी से विटामिन ए के अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। घी और मक्खन दोनों में ही सेचुरेटिड फैट्स पाए जाते हैं। घी का स्मोकिंग प्वाइंट मक्खन की तुलना में ज्यादा होता है। इससे उसे पकाने के बाद पोषण नष्ट नहीं होता है।
Ghee vs butter kya hai faydemand
मक्खन की तुलना में घी का स्मोक पॉइंट ज़्यादा होता है इसलिए ये जल्दी नहीं जलता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 24 Nov 2024, 12:00 pm IST
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रोज़ाना बनने वाली रोटी से लेकर घर में तैयार होने वाली हर मिठाई घी के बगैर अधूरी लगती है। इसका स्वाद, खुशबू और दरदरा टैक्सचर खाने की लज्ज़त को बढ़ा देता है। साथ ही शरीर को इससे कई फायदे भी मिलते हैं। हांलाकि कुछ लोग वेटलॉस के लिए घी की जगह इन दिनों बाज़ार में मिलने वाले लोग फैट मक्खन का सेवन करने लगे हैं। दूध से तैयार होने वाली दोनों ही चीजें अपनी अपनी जगह पर फायदेमंद हैं। आइए जानते है घी या मक्खन (Is ghee healthier than butter) में से क्या है आपके लिए फायदेमंद।

घी या मक्खन क्या है बेहतर (Ghee vs Butter which is healthier)

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार मक्खन की तुलना में घी का स्मोक पॉइंट ज़्यादा होता है इसलिए ये जल्दी नहीं जलता है। जहां मक्खन 350 डिग्री यानि 177 डिग्री सेल्सियस पर धुआँ छोड़कर और जल सकता है। तो वहीं घी 485 डिग्री यानि 252 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी को झेल सकता है। अन्य तेलों की तुलना में घी गर्म करने पर कम विषैला एक्रिलामाइड बनाता है। एक्रिलामाइड एक रासायनिक यौगिक है जो स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को उच्च तापमान पर पकाने पर बनने लगता है। घी दूध को फैट्स से अलग करता है। वहीं मक्खन लैक्टोज मुक्त है।

इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि घी और मक्खन दोनों में ही सेचुरेटिड फैट्स पाए जाते हैं। घी का स्मोकिंग प्वाइंट मक्खन की तुलना में ज्यादा होता है। इससे उसे पकाने के बाद पोषण नष्ट नहीं होता है। इन दिनों लोग गाय का घी इस्तेमाल करते है, जिसमें विटामिन ए के अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। मक्खन में इमल्सीफाई फैट्स पाए जाते है, जो आसानी से पच जाते है। मगर घी को मक्खन की तुलना में पचाने में ज्यादा वक्त लगता है। घी का सेवन मॉडरेट ढंग से करने से फायदा मिलता है, लेकिन अगर ज्यादा मात्रा में खाएंगे और हृदय रोगी हैं, तो उसका नुकसान भी हो सकता है।

Butter ke fayde
मक्खन में इमल्सीफाई फैट्स पाए जाते है, जो आसानी से पच जाते है।चित्र : अडॉबीस्टॉक

जानते हैं घी किस तरह से है स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (Benefits of ghee)

1. विटामिन डी की प्राप्ति

घी फैट सॉल्यूबल विटामिन का रिच सोर्स है। इसका सेवन करने से शरीर को हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है। इससे गट हेल्थ को भी मज़बूती मिलती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की रिसर्च के अनुसार घी का सेवन करने से विटामिन डी का अवशोषण शरीर में बढ़ने लगता है। इससे हड्डियों में बढ़ने वाला दर्द कम होता है और वज़न नियंत्रित बना रहता है।

2. ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार घी का सेवन करने से शरीर को ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। साथ ही शरीर में बढ़ने वाली इंफ्लामेशन की समस्या से भी बचा जा सकता है। आहार में नियमित रूप से इसका सेवन फायेदमंद साबित होता है। घी को खाने से पहले मेल्ट कर लें। इससे सेवन को सीमित रखने में मदद मिलती है।

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कब्ज को दूर करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में घी और गर्म दूध का लंबे समय से प्रयोग किया जाता रहा है। चित्र : शटरस्टॉक । चित्र : अडोबी स्टॉक

3. शरीर को होगी विटामिन ए की प्राप्ति

विटामिन ए फैट सॉल्यूबल विटामिन है। इससे शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद मिलती है और आंखों का स्वास्थ्य भी उचित बना रहता है। यूएसडीए के अनुसार 1 चम्मच घी का सेवन करने से 15 फीसदी विटामिन ए की कमी पूरी होती है। इससे ब्रेन एक्टिव रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही बार बार भूलने की समस्या हल होने लगती है।

4. ल्यूब्रिकेटिंग प्रॉपर्टीज़ से भरपूर

घी में पाई जाने वाली ल्यूब्रिकेटिंग प्रॉपर्टीज़ से आंतों की दीवारों में चिकनाई बए़ जाती है। इससे इंटेस्टाइन अपना कार्य सुचारू रूप से करती है। न केवन डाइजेशन मज़बूत होता है बल्कि कब्ज की समस्या भी हल होने लगती है।

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Ghee  ke fayde
इससे ब्रेन एक्टिव रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही बार बार भूलने की समस्या हल होने लगती है। चित्र : अडॉबिस्टक

किन लोगों को घी खाने से बचना चाहिए

  • घी में मौजूद फैट्स को पचाने में समय लगता है। ऐसे में हृदय रोगों से ग्रस्त लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
  • लीवर सिरोसिस, गॉल ब्लैडर रिमूव करना और हेपेटाइटिस से पीड़ित लोगों को घी का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ब्लोटिंग, अपच और डायरिया की स्थिति में घी का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पाचन संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है।
  • वे लोग जो घी से एलर्जिक है, उन्हें भी इसके सेवन से बचने की आवश्यकता है।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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