सुबह उठते ही जहां कुछ लोग चाय की प्याली से दिन की शुरूआत करते हैं, तो कुछ कॉफी का मार्निंग ड्रिंक के रूप में सेवन करते हैं। हांलाकि बाज़ार में कई तरह की कॉफी उपलब्ध है, मगर इन दिनों घी कॉफी काफी लोकप्रियता बटोर रही है। कॉफी में घी मिलाकर पीना थोड़ा अटपटा लग सकता है, मगर इससे शरीर को ढ़ेरो फायदे मिलने लगते है। इससे न केवल शरीर संतुष्ट महसूस करता है बल्कि वेटलॉस, बेहतर हृदय स्वास्थ्य और दिनभर ऊर्जावान रहने के लिए भी आवश्यक है। सबसे पहले जानते हैं घी कॉफी क्यों है खास (Ghee coffee benefits) और कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।
ब्लैक कॉफी में घी को मिलाकर ये रेसिपी तैयार की जाती है। घी और कॉफी से बनने वाले इस पेय पदार्थ में इस्तेमाल किए जाने वाले दोनों ही इंग्रीडिएंटस कई गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से मुख्य रूप से वेटलॉस में मदद मिलती है। दरअसल, घी में मौजूद हेल्दी फैट्स को कैफीन के साथ मिलाकर पीने से गुड फैट्स की प्राप्ति होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इस हेल्दी ड्रिंक से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। वे लोग जो चाय के शौकीन हैं, वे मार्निंग टी को इस हेल्दी ड्रिंक से रिप्लेस कर सकते हैं।
पोषण से भरपूर घी वाली कॉफी को आसानी से तैयार(ghee coffee recipe) किया जा सकता है। डाइटिशियन गरिमा गोयल कहती हैं कि इन दिनों इंटरनेट पर ट्रेंड कर रही घी कॉफी या बुलेटप्रूफ कॉफी तैयार करने के लिए गुनगुने पानी में एक चम्मच कॉफी डालें। अब उसमें मेल्टिड घी डालकर तब तक मिलाएं, जब तक वे पूरी तरह से झागदार न बन जाए। एंटीऑक्सीडेटस से भरपूर कॉफी शरीर को भी कई तरह से फायदा पहुचांती है। जानते हैं कि कॉफी स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है।
शरीर की थकान को दूर करने वाली कैफीन को घी के साथ मिलाकर पीने से शरीर में एनर्जी का स्तर भी बढ़ने लगता है। दरअसल, घी ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत है और इसमें कैफीन को मिलाने से शरीर दिनभर ऊर्जावान रहता है। जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन के अनुसार फैट्स और कैफीन का एक साथ मिलाकर पीने से शरीर में ऊर्जा निरंतर स्राव बना रहता है। इससे बार बार होने वाली थकान और कमज़ोरी से बचा जा सकता है।
शारीरिक रूप से सक्रिय होने के अलावा घी कॉफी मानसिक रूप से भी अधिक सतर्क बनाए रखने में मदद करता है। घी वाली कॉफी की मदद से कॉग्नीटिव फंक्शनिंग इंप्रूव होती है। इसेमं मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ब्रेन सेल्स् को बूस्ट करके मानसिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने में मदद करती है।
इसमें मौजूद फैटी एसिड न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव या न्यूरॉन्स के नुकसान को धीमा करने की प्रक्रिया में मदद करते हैं। इंडीजीनियस काओ, एंग्रीकल्चर एंड हॉलिस्टिक हेल्थ के अनुसार कॉफी में घी मिलाने से न केवल सतर्कता में सुधार होता है बल्कि एकाग्रता भी बढ़ने लगती है।
घी में कॉफी मिलाकर पीने से लंबे वक्त तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार घी कॉफी यानि बुलेटप्रूफ कॉफी पीने से संतुष्टि का एहसास होता है, जिससे अगले तीन घंटे तक भूख नहीं लगती है। इसके चलते शरीर में बढ़ने वाले कैलोरी इनटेक से बचा जा सकता है। साथ ही मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।
घी वाली कॉफी पाचन तंत्र को मज़बूत बनाती है। दरअसल, घी में मौजूद फैटी एसिड पाचनतंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता हैं। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल हेल्थ उचित बनी रहती है और ब्लेटिंग, अपच और कब्ज से राहत मिलती है। जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार खाली पेट गर्म पानी के साथ घी पीने के कई फायदे मिलते हैं।
घी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाता है। विटामिन ए और विटामिन ई से भरपूर घी कॉफी से शरीर को संक्रमण के प्रभाव से मुक्त रखने में मदद मिलती है, जिससे इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। ट्रेंड्स इन फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कॉफी में कैफीन, कैफेस्टोल, कह्वोल और क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है।
घी में मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड्स पाए जाते हैं, जिससे शरीर में कैलोरीज स्टोरज को नियंत्रित करके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद मिलती हैं। इससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरीज़ को आसानी से बर्न किया जा सकता है। साथ ही बॉडी फैट्स को ऊर्जा के रूप में उपयोग करने में मदद मिलती है। इससे सुबह में एक कप घी वाली कॉफी आपको फिट और स्वस्थ बना सकती है।
अपनी कॉफी में घी मिलाने से हृदय संबंधी बीमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकती है। घी शरीर में सूजन के साथ कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। द ओच्सनर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कॉफी के सेवन से हृदय संबंधी मृत्यु दर, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। ऐसे में कॉफी और घी हृदय की मज़बूती को बढ़ाता है।
डायटीशियन गरिमा गोयल बताती हैं कि रोज़ाना घी वाली कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता हैं। दरअसल, घी में सेचुरेटिड फैट्स पाए जाते है इसलिए नियंत्रित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। अत्यधिक सेवन से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ने लगता है।रोज़ाना ओवरऑल फैट का नियंत्रित करके डे टू डे कंजप्शन का पता लगाना आसान होता है।
इसे नियमित रूप से पी सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में इसका सेवन करना आवश्यक है। डायटीशियन के अनुसार कैफीन के सेवन के लिए आमतौर पर प्रतिदिन लगभग एक से दो कप की सिफारिश की जाती है। ये कांउट घी वाली कॉफी पर भी लागू होता है।
हालांकि घी वाली कॉफी का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह अपने आप में संपूर्ण भोजन नहीं है और यं नियमित संतुलित आहार को रिप्लेस नहीं कर सकता है। हालांक एक स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकता है। अर्ली मॉनिंग की जगह सुबह के बाद कैफीन का सेवन करने से आपके कोर्टिसोल स्तर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही इसे शाम को जल्दी पीना सुनिश्चित करें और सोते समय नहीं। ये आपके स्लीप पैटर्न में बाधा डाल सकता है।
बहुत ज़्यादा घी वाली कॉफी पीने से कुल कैलोरी इनटेक पर उसका असर पड़ सकता है। दरअसल, कॉफी में घी की मात्रा को मिलाने से कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है। इससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है।
घी वाली कॉफी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे ब्लड लिपिड को बढ़ा सकती है। इसलिएए इससे दिल की बीमारी का खतरा भी हो सकता है। ज्यादा मात्रा में घी का सेवन हृदय स्वस्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
सुबह के नाश्ते को घी कॉफी से रिप्लेस करने से शरीर में पोषण की कमी बढ़ सकती है। दरअसल, इसमें संतुलित भोजन के लिए ज़रूरी सभी पोषक तत्व मौजूद नहीं होते हैं। वेटलॉस के लिए नाश्ते को रिप्लेस करने के लिए हेल्दी विकल्पों की तलाश करें।
कैफीन की मात्रा के कारण गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं घी वाली कॉफी का सेवन करने से बच सकती हैं। दिल की समस्याओं, डिस्लिपिडेमिया, वसा के अवशोषण में कमी, गॉल ब्लैडर और पैनक्रियाज़ से संबंधित विकारों वाले लोग इस तरह के आहार को अपनाने से पहले अपने आहार विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।
घी कॉफी से शरीर को अधिक ऊर्जा, बेहतर पाचन, संभावित वजन घटाने के साथ साथ बेहतर हृदय स्वास्थ्य मिलता है। हालाँकिए इन लाभों को तभी पाया जा सकता है, अगर आप सही तरीके से इसका सेवन करते है। घी कॉफी का अत्यधिक सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि और अधिक कैलोरी की खपत जैसे कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
हाँ, खाली पेट घी कॉफी आपकी इंटेस्टाइन की वॉल्स को मजबूत करने में मदद मिलती है। साथ ही इससे सूजन को कम कर सकती है। पाचनतंत्र उचित बना रहता है और गट हेल्थ बूस्ट होती है।
हाँ, अगर आप कीटोजेनिक आहार अपना रही हैं या इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रही हैं, तो अपनी कॉफी में घी मिलाने से आपको वजन घटाने में मदद मिलेगी।
पाचन डाइजेशन की मज़बूती पर निर्भर करता है। शरीर को घी कॉफी में मौजूद वसा की मात्रा के साथ तालमेल बिठाने में समय लग सकता है। खासतौर से सुबह के समय इसका सेवन करने से पाचन संबंधी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।