फलों में सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं। इसके बावजूद बरसात में कुछ लोग फलों को नहीं खाने की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि वातावरण में नमी अधिक रहने से फलों में बैक्टीरिया के पनपने की आशंका बनी रहती है। फिर इन फलों को खाने से आप बीमार पड़ सकती हैं। जबकि आहार विशेषज्ञ इस तर्क को खारिज करते हैं। बरसात के मौसम में फल (Fruits in rainy season) खाएं या नहीं (Fruits in the rainy season), यह जानने के लिए चलिए बात करते हैं एक आहार विशेषज्ञ से।
बंगलुरु के जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट में चीफ डाइटीशियन सुश्री सुषमा पीएस कहती हैं, ‘बरसात के मौसम में अपने खाने की आदतों पर ध्यान देना जरूरी है। स्वस्थ और फिट जीवनशैली बनाये रखने के लिए आहार में पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ-साथ विशेष फलों को भी शामिल करना जरूरी है।’
सुषमा कहती हैं, ‘मानसून अपने साथ टाइफाइड, मलेरिया और वायरल बुखार सहित कई अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा भी लाता है। खुद को इन बीमारियों की चपेट में आने से बचाने के लिए सबसे अधिक स्वच्छता को प्राथमिकता देना चाहिए। इसके बाद अपने पौष्टिक आहार का जरूरी हिस्सा फलों को बनाना चाहिए।’ संभव है कि कुछ फलों खासकर पानी की अधिकता वाले फलों (खरबूज, तरबूज, सलाद में खीरा आदि) से बचना चाहिए। लेकिन कुछ फलों को तो इस मौसम में अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
बारिश के मौसम में प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण के कारण फल विशेष रूप से जरूरी होते हैं। आहार में विभिन्न प्रकार के फल जैसे कि लीची, आम, चेरी, प्लम, सेब को शामिल करने से शरीर को विटामिन, मिनरल्स के अलावा एंटीऑक्सिडेंट की एक श्रृंखला मिलती है। ये प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह मजबूती इस मौसम में पनपने वाली आम मौसमी बीमारियों के खिलाफ ढाल के रूप में कार्य करती है। यह प्रतिरोधक क्षमता (Fruits for Resistance Power) बढ़ाती है और स्वस्थ (fruits for overall wellness) बनाती है।
बरसात के दौरान नमी और आद्रता से निपटने के लिए शरीर को पर्याप्त जलयोजन (hydration) होना चाहिए। फल में पानी की अधिकता प्राकृतिक हाइड्रेटर (Fruits as a natural Hydrator) के रूप में काम करती है। ये शरीर को जरूरी तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करते हैं। उनकी रसदार और ताज़ा प्रकृति न केवल प्यास बुझाती है, बल्कि पूरे दिन जरूरी haaiहाइड्रेशन लेवल बनाए रखने में भी मदद करती है।
स्वादिष्ट फल स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। ये विटामिन, मिनरल्स और आहार फाइबर का भी समृद्ध स्रोत होते हैं। ये समग्र पोषण में योगदान करते हैं। आहार में अनार, नाशपाती, जामुन, बेरी जैसे विभिन्न प्रकार के फलों को शामिल करने से महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की विविध श्रृंखला प्राप्त होती है। ये फिजिकल वर्क के साथ-साथ जीवन शक्ति को बढ़ावा (fruits promote vitality) देती है।
जलजनित बीमारियों (Waterborne diseases) और पाचन तंत्र के लिए गरिष्ठ आहार के कारण पाचन संबंधी असुविधा (Indigestion) होती है। हाई फाइबर वाले फल नियमित मल त्याग को बढ़ावा (Fruits for Bowel Movement) देते हैं और कब्ज को दूर करते हैं। इससे पाचन प्रणाली मजबूत होती (Fruits in the rainy season) है। कुछ फलों में डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करते हैं। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और बेहतर ढंग से काम करता है।
पोषक तत्वों से भरपूर और कम कैलोरी वाले फल न सिर्फ बारिश के मौसम में इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं, बल्कि इस मौसम में होने वाली गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद करते हैं। इनका चुनाव करते हुए सावधानी बरतनी है।
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