फल को धोना- काटना एक टफ टास्क लगता है। इसलिए अक्सर हम फल खाने से बचने के लिए फ्रूट जूस ले लेते हैं। हमें लगता है कि फ्रूट जूस लेना एक स्वस्थ विकल्प है। पर तब फलों में मौजूद फाइबर और रफेज निकल जाता है। ज्यादातर लोग समय की कमी और आलस के कारण साबुत फल लेने की बजाय फ्रूट जूस ले लेते हैं। यह न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल, बल्कि वजन भी बढ़ा देता है। शोध बताते हैं कि फ्रूट जूस की बजाय रॉ फ्रूट खाना (fruit Juice Vs whole Fruit) आधिक फायदेमंद है। इससे न सिर्फ गट हेल्थ, बल्कि वेट लॉस में भी मदद मिलती है। आइये जानते हैं साबुत फल कैसे हमें स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में किये गये शोध बताते हैं कि फलों के जूस लेने की अपेक्षा ताज़े फल खाना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इस शोध के अनुसार, हर दिन सिर्फ एक ग्लास फलों का रस पीने से तीन साल में आधा पाउंड के करीब वजन बढ़ सकता है। वहीं प्रत्येक दिन एक पूरे फल का सेवन करने से तीन वर्षों में लगभग एक पाउंड वजन कम हो सकता है।
यदि आप किसी भी फल का 100 प्रतिशत जूस लेती हैं, तो आपको लगभग 15 से 30 ग्राम शुगर मिलेगा। वहीं 60 -120 कैलोरी इंटेक हो जाएगी। फलों के रस में बहुत कम फाइबर होता है। यहां तक कि संतरे के रस में मौजूद गूदा भी अधिक पोषक तत्व प्रदान नहीं करता है। रस का हाई शुगर और लो फाइबर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। सिर्फ जूस लेने से भूख भी अधिक लग सकती है। इससे वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में लगभग 50,000 पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि फ्रूट जूस का सेवन करने वाली महिलाओं में वजन बढ़ने की दर अधिक थी। यह दर नियमित रूप से सोडा जैसे शुगर जूस का सेवन करने वाली महिलाओं के बराबर था।
कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के जर्नल के अनुसार, आहार में फल शामिल करते समय रस की बजाय साबुत फल लेना सुनिश्चित करें। साबुत फलों में विटामिन, मिनरल्स और पौधों के फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। जब फलों के रस को संसाधित किया जाता है, तो फाइबर प्रदान करने वाले गूदे और छिलके को हटा दिया जाता है।
इससे साबुत फल की तुलना में फ्रूट जूस में शुगर अधिक कंसनट्रेट हो जाती है। इससे कैलोरी सेवन में वृद्धि होती है। घुलनशील और अघुलनशील दोनों रूपों में फाइबर आहार महत्वपूर्ण हैं। ये हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
घुलनशील फाइबर हमें लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करा सकता है और हमारे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। अघुलनशील फाइबर जीआई ट्रैक्ट के लिए स्क्रब ब्रश की तरह है, जो पाचन को बढ़ावा देता है।बोवेल मूवमेंट में मदद करता है। वयस्क महिलाओं को एक दिन में कम से कम 21 से 25 ग्राम फाइबर खाने की कोशिश करनी चाहिए, जबकि पुरुषों को एक दिन में 30 से 38 ग्राम फाइबर खाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
हार्वर्ड हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार, साबुत और ताजे फल फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर युक्त फल आपके पेट को भरा हुआ महसूस कराते हैं। फलों में मौजूद आहार फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। यह हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है।
इन्हें फ्रूट सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
किशमिश, खजूर, काजू को पानी में भिगोकर स्नैक्स के रूप में लिया जा सकता है।
पीनट बटर सैंडविच खाते समय सेब या केला के पीसेज लिए जा सकते हैं।
पैनकेक बनाते समय अलग-अलग बेरी को एड किया जा सकता है।
अनाज या दलिया में कटे हुए फल डाल कर खाया जा सकता है।
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