जब बात रसीले फलों की आती है, तो उसमें एक नाम जामुन का भी आता है। स्वाद में खट्टे मीठे गहरे जामुनी रंग के जामुन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। दिनभर में मुट्ठी भर जामुन खाने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं और स्किन को भी फायदा पहुंचाते हैं। मगर साथ ही इसका सेवन करने से दिनों दिन बढ़ रही चर्बी से भी मुक्ति पाई जा सकती है। जी हां हाई फाइबर और लो कैलोरी जामुन बार-बार होने वाली क्रेविंग को भी कम कर देता है। जानते हैं कि कैसे जामुन वेटलॉस में करता है मदद।
जामुन का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी और मैग्नीशियम के अलावा पॉलीफेनोल्स की प्राप्ति होती है। इसके सेवन से स्किन संबधी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही डायबिटीज़ के इलाज में ये फल बेहद फायदेमंद है। इसकी खास बता ये है कि फल के अलावा इसका बीज और पत्तियां भी स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि जामुन का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में आयरन की एब्जॉर्बशन को बढ़ाया जा सकता है। इस लो कैलोरी फूड का सेवन करने से अतिरिक्त कैलोरीज़ से मुक्ति मिल जाती है और शरीर में हीमोग्लोबिन की भी उच्च मात्रा पाई जाती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंस ऑक्सीडेंटिव तनाव को कम करते हैं। सुबह नाश्ते में इसका सेवन करने से लंबे
वक्त तक भूख नहीं लगती है, जिससे ओवरइटिंग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
जामुन एक लो कैलोरी फूड है और इसमें उच्च मात्रा में फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। साथ ही फ्रुक्टोज़़ और ग्लूकोज़ कम मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ बढ़ने का खतरा कम हो जाता है और वेटलॉस में भी मदद मिलती है। इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा बार बार भूख लगने की समस्या हल कर देती है। जामुन के नियमित सेवन से डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
जामुन का सेवन करने से कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में मदद मिलती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को गर्मियों के दिनों में जामुन का सेवन करना चाहिए। इससे बार बार यूरिन पास करने और प्यास लगने की समस्या भी हल होने लगती है।
एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर जामुन का सेवन करने से दांतों का पीलापन कम हो जाता है और कैविटी से भी राहत मिलती है। इसके अलावा सांसों की दुर्गंध को भी दूर किया जा सकता है। जामुन के अलावा इसकी पत्तियां और सीड्स का पाउडर भी दांतों के लिए बेहद कारगर साबित होता है।
जामुन में विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे ऑक्सीडेटिव तनाव कम होने लगता है, जिससे त्वचा पर फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम हो जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा त्वचा में कोलेजन को बूस्ट कर स्किन के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से त्वचा पर दाग धब्बों को कम किया जा सकता है।
इसके सेवन से शरीर को पोटेशियम की प्राप्ति होती है। इससे हाईपरटेंशन के खतरे से बचा जा सकता है। यूएसडीए के अनुसार 100 ग्राम जामुन से 79 मिलीग्राम पोटेशियम मिलता है, जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
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