हम दिन भर में एक बार चावल जरूर खाना चाहते हैं। इससे शरीर को जरूरी कार्ब्स की पूर्ति होती है। अधिकांश विकासशील देशों में चावल मुख्य भोजन है। चावल के उत्पादन में भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। कहा जाता है कि चावल की लगभग 40,000 किस्में मौजूद हैं। वर्तमान में केवल कुछ ही किस्मों की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। इसकी मिलिंग और पॉलिश की जाती है। भले ही दुनिया भर के अधिकांश लोगों द्वारा सफेद चावल का सेवन किया जाता है। पर चावल की कुछ विशिष्ट किस्में भी उगाई जाती हैं। इनमें रंगीन और सुगंधित चावल की किस्में शामिल हैं। सफेद चावल की किस्मों की तुलना में विशेष चावल की पोषण प्रोफ़ाइल अधिक होती है। विशेष किस्मों में से एक है लाल चावल। पोषक तत्वों से भरपूर यह चावल स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक (red rice benefits) फायदेमंद है।
जर्नल ऑफ़ एथनिक फ़ूड में लाल चावल पर शोध आलेख प्रकाशित हुए। शोधकर्ता रत्नप्रिया और कविता रामचन्द्रन के अनुसार, आमतौर पर अनाज की भूसी परत में एंथोसायनिन पिगमेंट के जमाव के कारण चावल लाल रंग के हो जाते हैं। ये फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट ब्लड में मौजूद फ्री रेडिक्लस को खत्म करने में मददगार (red rice benefits) होते हैं ।
यह आहार फाइबर से समृद्ध होता है। जो कार्यात्मक खाद्य पदार्थों और विभिन्न अन्य मूल्यवर्धित उत्पादों के विकास में आवेदन पाता है। जानकारी के अभाव में इसे कम उपजाया जाता है। इसलिए इसके विलुप्त होने से बचाया जाना चाहिए। इसमें विटामिन, खनिज और पॉलीफेनोल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक से समृद्ध होते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ करेंट रिसर्च इन बायोसाइंस एंड प्लांट बायोलोजी के शोध आलेख के अनुसार, प्रकृति की यह अनुपम देन है। इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं।
आयुर्वेद में लाल चावल के कई स्वास्थ्य लाभ गिनाये गए हैं। अभी भी दक्षिण एशियाई देशों में लड़कियों को पुबर्टी एज गेन के बाद लाल चावल खिलाएं जाते हैं। आयरन और जरूरी प्रोटीन की मौजूदगी एनीमिया से राहत दिलाते हैं। सेक्स ऑर्गन को मजबूती देते हैं। पीरियड क्रैम्प से राहत दिलाते हैं।
ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित होने पर आंखों, यकृत, गुर्दे और हृदय संबंधी सभी प्रमुख अंगों के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो सकता है। लाल चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 55 होता है। इसलिए इसे मधुमेह रोगियों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है। यह न केवल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखता है, बल्कि लंबे समय तक आपका पेट भी भरा रखता है।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, इसमें प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम उपलब्ध होता है। दैनिक आहार में लाल चावल को शामिल करने से फेफड़ों की क्षमता में सुधार हो सकता है। यह न केवल सांस लेने के पैटर्न में सुधार कर सकता है, बल्कि शरीर में प्रत्येक कोशिका में ऑक्सीजन की खपत और परिसंचरण में भी सुधार करता है।
यह कैल्शियम और मैग्नीशियम की उपस्थिति के कारण गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी संबंधित विभिन्न विकारों की शुरुआत को रोकने में मदद करता है।
जर्नल ऑफ़ राइस रिसर्च के अनुसार, लाल चावल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं। यह पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। फाइबर के कारण बोवेल मूवमेंट में मदद करता है। साथ ही यह दस्त के इलाज में भी मदद करता है।
कम मात्रा में लाल चावल लेने से वजन कम करने में मदद करता है। यह लंबे समय तक तृप्त रखता है और वजन घटाने में मदद करता है।
इस चावल में वसा की मात्रा शून्य होती है। इसलिए इसे दोपहर या रात के भोजन में भी खाया जा सकता है। चावल की अन्य किस्मों के विपरीत, इसमें कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है।
जर्नल ऑफ़ कृषि विज्ञान में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, सफेद चावल की जगह लाल चावल खाने से दिल स्वस्थ रहता है। चावल में साबुत अनाज की उपस्थिति शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है, जिससे हृदय की रक्षा होती है।
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