सर्द हवाओं के बीच खुले आसमान के नीचे अलाव लगाकर लोहड़ी का खास पारंपरिक त्योहार मनाया जाता है। पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाए जाने वाले स खास मौके पर मूंगफली और रेवड़ी से लेकर तिल के लड्डू और पॉपकॉर्न को प्रसाद के रूप में सभी प्रियजनों में बांटा जाता है। इन चीजों को खाने से न केवल मुंह का ज़ायका बदल जाता है बल्कि शरीर का इम्ूयन सिस्टम भी बूस्ट होने लगता है। गुड़, घी, तिल और मूंगफली से तैयार की जाने वाली सभी चीजों को खाने से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है। जानते हैं नाच गाकर मनाए जाने वाले इस त्योहार में बांटा जाने वाला प्रसाद (Health benefits of lohri prasad) किस तरह स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद।
न्यूट्रीशनिस्ट मनीषा गोयल बताती हैं कि आहार में मूंगफली, तिल और गुड़ को शामिल करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन और फाइबर की प्राप्ति होती है। इन ट्रेडिशनल फूड्स से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है और शरीर स्वस्थ रहता है। जहां मूंगफली और तिल से शरीर को हेल्दी फैट्स की प्राप्ति हेती है, तो वहीं सफेद चीनी की जगह गुड़ का सेवन करना न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है बल्कि इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होने लगता है। दरअसल, रबी की फसल की कटाई के रूप में मनाए जाने वाले इस त्यौहार में घर पर गुड़ से मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। इससे इम्युन सिस्टम बूस्ट होता है और हृदय रोगों के खतरे से भी बचा जा सकता है।
हेलदी स्नैकिंग के लिए पॉपकॉर्न एक बेहतरीन विकल्प है। इस लो कैलोरी फूड से शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है। इससे डाइजेस्टिव हेल्थ को को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। पॉपकॉर्न मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता हैं। इसमें विटामिन बी और फोलेट की उच्च मात्रा पाई जाती हैं। इससे वेटलॉस में भी मदद मिलती है।
लोहड़ी का थाल गुड़ की चिक्की यानि गजक के बगैन अधूरा लगता है। गुड़ में अनसेचुरेटिड फैटी एसिड पाया जाता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होने लगता है। दरअसल, चिक्की में गुड़ मिलाने से बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के अलावा विटामिन ई और मैग्नीशियम की भी उच्च मात्रा पाई जाती है। गुड़ की चिक्की से ब्लड प्यूरीफाई करने में भी मदद मिलती है।
तिल से तैयार रेवड़ी का सेवन करने से शरीर को मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स की प्राप्ति होती है। इसके अलावा तिल को आहार में शामिल करने से कैल्शियम, फाइबर, विटामिन बी, और आयरन की प्राहप्त होती हैं। इसका ग्लाइसेमिक्स इंडेक्स लो होने से शरीर में ग्लूकोज़ का एब्जॉर्बशन धीमा होने लगता है। लोहड़ी के मौके पर प्रसाद के रूप में बांटी जाने वाली रेवड़ी को खाने से शरीर को प्रोटीन और अमीनो एसिड की प्राप्ति होती है।
हेल्दी फैट्स से भरपूर मूंगफली का सेवन करने से शरीर को रेस्वेराट्रोल, फेनोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स की प्राप्ति होती है। इसे भूनकर या उबालकर खाया जा सकता है, जिससे शरीर को प्रोटीन, कैथ्लशमय और जिंक की प्राप्ति होती है। इससे पाचनतंत्र उचित बना रहता है और शरीर को ऊर्जा की भी प्रापित होती है। बायोएक्टिव कंपाउंड और फाइबर का उचित सोर्स होने के चलते देर तक भूख नहीं लगती है। यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार सौ ग्राम मूंगफली का सेवन करने से शरीर को 16 ग्राम कार्ब्स की प्राप्ति होती है।
लोहड़ी के मौके पर मिठास को बढ़ाने के लिए आटे की पिन्नियां खासतौर से तैयार की जाती है। रोस्टिड ड्राई फ्रूट और सीड्स को मिलाकर बनाई जाने वाली पिन्नियों से शरीर को प्रोटीन, कैल्शियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड और बोयाएक्टिव कंपाउड की प्राप्ति होती है। आटे को घी में भूलकर तैयार की जाने वाली इस रेसिपी से शरीर को मज़बूती मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बए़ने लगती है। इसके अलावा जोड़ों में बढ़ने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है।
अनहेल्दी क्रेविंग्स को दूर करके हेल्दी मंचिंग के लिए ड्राईफ्रूट्स एक बेहतरीन विकल्प है। बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता और अखरोट व खजूर का सेवन करने से शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और आमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इन्हें ड्राई रोस्ट रोस्ट करके सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है। इनका सेवन करने से न केवल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि वेटलॉस में भी मदद मिलती है।
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