पपीता एक ऐसा फल है, जिसको सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे दिल की बीमारियां, डायबिटीज जैसे अन्य रोग काबू में हो सकते हैं। आयुर्वेद में पपीते को काफी महत्व दिया गया है, फिर चाहे पपीते के बीज हो, पत्तियां हों या स्वयं पपीता। आपने अक्सर सुना होगा कि आपको बढ़ती उम्र के साथ-साथ अपने आहार में पपीते को रोजाना शमिल करना चाहिए? खासकर जब आप की उम्र 30 के पार हो रही हो।
दरअसल 30 की उम्र तक आते-आते शरीर में कई मुख्य बदलाव होते हैं जिनसे कई प्रकार के रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। लेकिन पपीता आपकी रोजाना डाइट में शामिल होने से आप कई रोगों से खुद को बचा सकती हैं। चलिए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला, नई दिल्ली के डायटेटिक्स की प्रमुख दलजीत कौर से जानते हैं कि आप को 30 की उम्र में अपनी रोजाना डाइट में पपीते को शामिल क्यों करना चाहिए?
डॉ दलजीत कौर कहती हैं कि, जैसे-जैसे आप बड़ी होती हैं, आपका शरीर बदलता है। आपके 30 के दशक में, आप देख सकती हैं कि आपका चयापचय बदल रहा है। हो सकता है कि बेबी प्लान करने की तैयारी के बारे में सोच रहीं हों। इन सभी परिवर्तनों का मतलब है कि यह आपके आहार की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का समय है कि यह आपके शरीर में जो कुछ हो रहा है, उसके अनुरूप और सहायक है।
डॉ दलजीत कौर कहती हैं, पपीता औषधीय गुणों से भरपूर सुपरफ्रूट है। पपीते की अच्छाई इसके महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और पोषक तत्वों से आती है। दरअसल पपीता विटामिन सी से भरपूर होता है।।महिलाओं के लिए पपीते के लाभों में स्तन कैंसर के जोखिम में कमी शामिल है।
वहीं एनसीबीआई की एक रिपोर्ट बताती है कि पपीते में हेल्दी एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जिन्हें कैरोटेनॉयड्स के रूप में जाना जाता है, विशेष रूप से एक प्रकार जिसे लाइकोपीन कहा जाता है। आपका शरीर इन लाभकारी एंटीऑक्सिडेंट को अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में पपीते से बेहतर तरीके से अवशोषित करता है
यूएस की वेबसाइट न्यूट्रिशन डाटा पर मौजूद जानकारी के अनुसार 152 ग्राम पपीते में :
डॉ दलजीत कौर के अनुसार पपीता और पपीते के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं जो हमें अनेक समस्याओं से निकालने में सहायता कर सकते हैं जिसमें से सबसे आम समस्याएं :
डॉ दलजीत कौर सलाह देती हैं, रोजाना अपने आहार में पपीता (गर्भवती महिलाओं को छोड़कर) जरूर शामिल करें। पपीते में विटामिन सी, पोटेशियम, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर की मौजूदगी धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद करती है जो रक्त प्रवाह को बढ़ावा देती है। यह बढ़ा हुआ परिसंचरण शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है जो हृदय रोगों और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
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